tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post7672890517220289578..comments2023-11-05T13:11:57.856+05:30Comments on स्वप्नलोक: नहीं बची है शर्मविवेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-56130144084001433832008-10-30T06:11:00.000+05:302008-10-30T06:11:00.000+05:30बिल्कुल सटीक कहा...ज्यादा परेशान न हों सब सियासी न...बिल्कुल सटीक कहा...ज्यादा परेशान न हों सब सियासी नौटंकी है. भाई, आज की चिट्ठा चर्चा की भी एक कविता लिख पोस्ट कर हमें बचाये लो!!! लिख नहीं पा रहे हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-32824659087415314372008-10-30T00:53:00.000+05:302008-10-30T00:53:00.000+05:30छुपकर ओछा खेल राज ठाकरे है मोहरा । खेल वोट के सौदा...छुपकर ओछा खेल राज ठाकरे है मोहरा । <BR/>खेल वोट के सौदागर ही खेलें दोहरा । <BR/><BR/>बहुत सही और सटीक कविता है भाई विवेक जी ! बहुत धन्यवाद !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-83466485351702713012008-10-29T22:58:00.000+05:302008-10-29T22:58:00.000+05:30परेशान मत हो भाई विवेक!परेशान मत हो भाई विवेक!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-89795901616838066022008-10-29T22:45:00.000+05:302008-10-29T22:45:00.000+05:30'कॉंग्रेस के राज्य में नेहरू के कबूतर'एक सफ़ेद कबू...'कॉंग्रेस के राज्य में नेहरू के कबूतर'<BR/><BR/>एक सफ़ेद कबूतर,<BR/>उसके दो पर,<BR/>एक इधर,<BR/>एक उधर।<BR/>दो व्यक्ति,<BR/>पहने हुए,<BR/>सफ़ेद धोती,<BR/>सफ़ेद कुर्ता,<BR/>सफ़ेद टोपी,<BR/>एक सफ़ेद कबूतर के इधर, <BR/>एक उधर,<BR/>नोचने को तैयार,<BR/>सफ़ेद कबूतर के पर।<BR/>अगली सुबह,<BR/>सफ़ेद कबूतर माँग रहा था प्राणों की भीख,<BR/>बेचारा चिल्लाय भी तो कैसे,<BR/>चिल्लाना शोभा नहीं देता उसे,<BR/>जो हो शांति का प्रतीक।<BR/><BR/>-हर्षहर्ष प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17273502114915516392noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-63841100316068330522008-10-29T22:19:00.000+05:302008-10-29T22:19:00.000+05:30आज भरोसा खो चुकी है लालू की रेल । कांग्रेस अब खेलत...आज भरोसा खो चुकी है लालू की रेल । <BR/>कांग्रेस अब खेलती छुपकर ओछा खेल । <BR/>बहुत सुंदरMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-86231147462397248642008-10-29T21:51:00.000+05:302008-10-29T21:51:00.000+05:30बढ़िया लिखा है, दोस्त।बढ़िया लिखा है, दोस्त।सुप्रतिम बनर्जीhttps://www.blogger.com/profile/16272872839681422930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-2182328247851063592008-10-29T21:33:00.000+05:302008-10-29T21:33:00.000+05:30लालू की रेल हो गई है फेल . बकरे की माँ कब तक खेर म...लालू की रेल हो गई है फेल . बकरे की माँ कब तक खेर मनाती. महाराष्ट्र की सत्ता बचाने को ,बिहारिओं की बलि चडा दी .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com