tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post8519970070585681525..comments2023-11-05T13:11:57.856+05:30Comments on स्वप्नलोक: गबन की राशि लौटाने को कोषाध्यक्ष के नाम खुला पत्रविवेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-32820986131843726682010-05-24T22:40:34.787+05:302010-05-24T22:40:34.787+05:30दिल से निकली आवाज....
आखिर तुम मेरे पिट हो..! मैं ...दिल से निकली आवाज....<br />आखिर तुम मेरे पिट हो..! मैं तुम्हे मारना नहीं चाहता.<br />..मैंने भी अपने पेट से कई बार कहा लेकिन क्या करें उसने टांगो से दोस्ती कर ली है.सिर्फ मोटर साईकिल में किक मारना जानती है.<br />..सुंदर व्यंग्य.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-64667220051284734102010-04-24T18:09:02.322+05:302010-04-24T18:09:02.322+05:30लाला तोंदूराम बुरा तो नहीं मान जायेंगे.लाला तोंदूराम बुरा तो नहीं मान जायेंगे.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-50360842284542177362010-04-24T17:41:07.736+05:302010-04-24T17:41:07.736+05:30कल्पना की दाद देनी पड़ेगी। मजेदार।कल्पना की दाद देनी पड़ेगी। मजेदार।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-30222217269522643722010-04-24T16:55:16.872+05:302010-04-24T16:55:16.872+05:30माँग और पूर्ति का लेखा-जोखा संभालने की कोशिश मैन प...माँग और पूर्ति का लेखा-जोखा संभालने की कोशिश मैन पूर्व में भी कर चुका हूँ.. पर कोषाध्यक्ष साहब की पर्सनल सेक्रेटरी हमारी जीभ ने मिलकर हमारी कोशिश नाकाम कर दी.. देखते है आगे क्या होता है..<br /><br />पर आपके इस सस्पेंस व्यंग्य रुपी प्रयोग को हम सौ लम्बर दिए बिना मानेंगे नहींकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-19182351819137892792010-04-24T15:05:16.140+05:302010-04-24T15:05:16.140+05:30अजी पेट जी को सुबह सुबह घुमने भेजा करे, ओर फ़िर इस ...अजी पेट जी को सुबह सुबह घुमने भेजा करे, ओर फ़िर इस से खुब काम भी ले, १०० ऊठक बेठक रोजाना, दंड भीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-67665773816104432082010-04-24T13:29:35.063+05:302010-04-24T13:29:35.063+05:30वाह भाई वाह ! क्या कहने आपके !वाह भाई वाह ! क्या कहने आपके !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-66038026868589690422010-04-24T13:16:23.235+05:302010-04-24T13:16:23.235+05:30वाह पेट को कोषाध्यक्ष बना दिया। बढिया रचना।वाह पेट को कोषाध्यक्ष बना दिया। बढिया रचना।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com