tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post3521919071574538253..comments2023-11-05T13:11:57.856+05:30Comments on स्वप्नलोक: पशोपेश में पड़ा हुआ हूँविवेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-29908534338485955342010-03-05T00:03:15.359+05:302010-03-05T00:03:15.359+05:30बहुत ही उम्दा रचना , शुभकामाएं।बहुत ही उम्दा रचना , शुभकामाएं।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-74605887826860224042010-03-04T19:42:28.609+05:302010-03-04T19:42:28.609+05:30अच्छी रचना .. ढेरो शुभकामनाएं !!अच्छी रचना .. ढेरो शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-30626488325517267102010-03-04T11:09:06.502+05:302010-03-04T11:09:06.502+05:30मैं सपनों की बात सुनूँ, या जनमत का सम्मान करूँ ।
प...मैं सपनों की बात सुनूँ, या जनमत का सम्मान करूँ ।<br />पशोपेश में पड़ा हुआ हूँ, काम क्या करूँ क्या न करूँ <br />Bahut,bahut sundar rachana!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-16960365982446670972010-03-04T09:16:12.356+05:302010-03-04T09:16:12.356+05:30बड़ी उलझन है खोया मेरा दिल है...
मेरा दिन कब आएगा...बड़ी उलझन है खोया मेरा दिल है...<br />मेरा दिन कब आएगा ?.......कौन है यह ?<br />जब भ्रम लगे तो सिर्फ अपने दिल से पूछो , जो दिल कहे उसे मान लो सही जवाब मिलेगा !<br />विवेक समर्थ हैं ....और अपने बल पर समर्थ हैंSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-74266344324445551292010-03-04T08:35:00.088+05:302010-03-04T08:35:00.088+05:30सपनो की सुनिये क्योंकि सपने जनमत के आधार पर ही जन्...सपनो की सुनिये क्योंकि सपने जनमत के आधार पर ही जन्म लेते हैं ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-60857839969822744362010-03-04T08:30:52.786+05:302010-03-04T08:30:52.786+05:30जी करता है माया तज, साधू बन प्रभु का ध्यान धरूँ ।
...जी करता है माया तज, साधू बन प्रभु का ध्यान धरूँ ।<br />पशोपेश में पड़ा हुआ हूँ, काम क्या करूँ, क्या न करूँ ॥<br />न ना विवेक जी ऐसा कभी मत करें क्या देख नही रहे आज कल के साधूयों को क्या क्या गोरख धन्धे करने पडते हैं । बस विधी का विधान कहता है कि आप बहुत अच्छी चल रहे हैं यूँ ही चलते रहें। बहुत अच्छी लगी रचना। देर बाद आने के लिये क्षमा चाहती हूँ असल मे आपका ब्लाग ब्लागवाणी पर आज ही नज़र आया। धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-87180236452888567522010-03-04T07:57:28.850+05:302010-03-04T07:57:28.850+05:30जो विधि का विधान ...वही होना है ...तो फिर फिक्र कै...जो विधि का विधान ...वही होना है ...तो फिर फिक्र कैसी ...<br /> जनमत का सम्मान जरुरी.... समझता कौन है .. !!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com