tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post574708438574186380..comments2023-11-05T13:11:57.856+05:30Comments on स्वप्नलोक: मेरे हाथों मर जाओगेविवेक सिंहhttp://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-54508753081330599762009-07-20T06:14:05.332+05:302009-07-20T06:14:05.332+05:30मच्छर राजा जरा थम के...ठहरो
विवेक जी सो न पाए जम क...मच्छर राजा जरा थम के...ठहरो<br />विवेक जी सो न पाए जम के घहरो.... <br />हा हा हा हास्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-67824800240943628302009-06-28T16:26:03.064+05:302009-06-28T16:26:03.064+05:30अर्धशतक बाद भी यही कहते हैं-
मेरी तुमसे न थी शत्रु...अर्धशतक बाद भी यही कहते हैं-<br />मेरी तुमसे न थी शत्रुता, फ़िर भी तुमने वार किया । <br />मेरे ही घर आकर तुमने, मुझ पर अत्याचार किया ॥ <br />वाह! भई वाह!!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-69673696209689992862009-06-28T00:07:06.264+05:302009-06-28T00:07:06.264+05:30वाह जी...
ठीक ही कहते हैं... 'जहाँ न पहुंचे र...वाह जी...<br /><br />ठीक ही कहते हैं... 'जहाँ न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि'Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-67098600276502892782009-06-27T22:25:41.263+05:302009-06-27T22:25:41.263+05:30संकेतों ही संकेतों में कह गए गहरी बात
कछु करने तै...संकेतों ही संकेतों में कह गए गहरी बात <br />कछु करने तैयार खड़े करने तुम पर घात <br />करने तुम पर घात सोचते सृजन रुकेगा <br />स्वपन दर्शी का सपन में भी ह्रदय दुखेगा<br />मित्र तुम्हारे साथ है कविता-शक्ति अपार <br />फिर भी करना नहीं कभी पहला वार !<br />कभी न पहला वार कुंठाएँ मिट जाएँगी<br />चालबाजों की चाल पल में पिट जाएँगीबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-37419464896180780932009-06-27T21:30:15.341+05:302009-06-27T21:30:15.341+05:30Bahut badhiyaBahut badhiyaGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-37327315046345086032009-06-27T20:57:34.245+05:302009-06-27T20:57:34.245+05:30:-) क्या खूब लिखा है विवेक भाई
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- लावण्या:-) क्या खूब लिखा है विवेक भाई <br /><br /><br />-- <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-53047663647994592892009-06-27T20:49:20.682+05:302009-06-27T20:49:20.682+05:30पहले तो मै समझा यह डवलपुरियों का चक्कर होगा लेकिन ...पहले तो मै समझा यह डवलपुरियों का चक्कर होगा लेकिन मच्छर का मामला निकलाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-56598100365663551402009-06-27T20:00:30.494+05:302009-06-27T20:00:30.494+05:30वाह जी वाह, दर्द है कि दहला देता है:)वाह जी वाह, दर्द है कि दहला देता है:)जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-89646978475106643982009-06-27T19:31:12.251+05:302009-06-27T19:31:12.251+05:30"सारा घर तुमको सौंप दिया, यह जगह चुनी अनजानी ..."सारा घर तुमको सौंप दिया, यह जगह चुनी अनजानी सी ।<br />तुम किन्तु यहां भी आ पहुँचे, यह बात लगी बेमानी सी ॥ "<br /><br />कितना कुछ कह गये न आप !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-30116967472243389882009-06-27T17:48:35.318+05:302009-06-27T17:48:35.318+05:30वाकई कभी कभी कुछ ऐसा किया जाय कि ये मच्छ्रर मसले ज...वाकई कभी कभी कुछ ऐसा किया जाय कि ये मच्छ्रर मसले जा सके .....खुबसूरत अभिव्यकतिओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-56767065720543566022009-06-27T17:11:32.504+05:302009-06-27T17:11:32.504+05:30अब मच्छर मार दवाई के लिये इस कविता भस्म काम करेगी!...अब मच्छर मार दवाई के लिये इस कविता भस्म काम करेगी! समीरलालजी को पचासा पूरा करने के लिये बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-64518468000455996392009-06-27T17:08:37.417+05:302009-06-27T17:08:37.417+05:30विवेक भाई आपने बडे ही गहरे खींचा है। समीर भाई की त...विवेक भाई आपने बडे ही गहरे खींचा है। समीर भाई की तो सेन्चुरियां लगती ही रहती हैंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-27317952060734442872009-06-27T17:05:11.233+05:302009-06-27T17:05:11.233+05:30बहुत सुंदर लिखा.
धन्यवादबहुत सुंदर लिखा.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-50757439995475615392009-06-27T16:00:51.494+05:302009-06-27T16:00:51.494+05:30वाह विवेक जी............ क्या बात कही है.............वाह विवेक जी............ क्या बात कही है.......... वाकई इन मछरों को अब मसल देना चाहिएदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-6956858761809552992009-06-27T15:59:18.747+05:302009-06-27T15:59:18.747+05:30बहुत जबरदस्त लिखा भाई.
रामराम.बहुत जबरदस्त लिखा भाई.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://taau.taau.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-78396463322110192112009-06-27T15:08:18.163+05:302009-06-27T15:08:18.163+05:30अभी तो गर्मी बहुत है, ये फिदायीन जी हमारे घर आये न...अभी तो गर्मी बहुत है, ये फिदायीन जी हमारे घर आये नहीं हैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-47453776574224584052009-06-27T14:05:27.938+05:302009-06-27T14:05:27.938+05:30हमारी २१ वी प्रतिक्रिया ले लो...दो खाली अनुराग के ...हमारी २१ वी प्रतिक्रिया ले लो...दो खाली अनुराग के नाम से भी है ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-23726580850795956922009-06-27T13:44:30.527+05:302009-06-27T13:44:30.527+05:30वाह! वाह! वाह!
बहुत बेहतरीन भाई. कई बार लगा कि &#...वाह! वाह! वाह!<br /><br />बहुत बेहतरीन भाई. कई बार लगा कि 'इंसानों' के लिए लिखा है. वो तो बाद में पता चला कि मच्छर के लिए लिखी है यह कविता. लेकिन जो भी है, शानदार है. वापसी पर कवि बहुत घातक सिद्ध हो रहा है. मच्छरों के लिए....:-)Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-38692404268543123402009-06-27T13:29:41.621+05:302009-06-27T13:29:41.621+05:30बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, बधाई ।बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, बधाई ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-12265495340451789382009-06-27T12:03:54.112+05:302009-06-27T12:03:54.112+05:30विवेक जी,
अब तो आप जबरदस्त वापसी कर रहे हो.विवेक जी, <br />अब तो आप जबरदस्त वापसी कर रहे हो.नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-48116395387105363082009-06-27T11:19:24.238+05:302009-06-27T11:19:24.238+05:30लगता है आपके नाम राशिः अग्रवाल साहब घरवाली से काफ...लगता है आपके नाम राशिः अग्रवाल साहब घरवाली से काफी त्रस्त हैं , इन्हें उन कवि से संपर्क करना हो ' घरवाली को केंद्र बना कर सारी कविताएँ करते हैं |<br /><br />वैसे मजा आ गया और देवानंद वाली सी आई डी याद आगई ' कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना ' इंस्पेक्टर अब तक ५६ ने सही कहा है ' एक मच्छर आदमीं को हि ..........ही ही ही ,बनादेता है ''' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा ::https://www.blogger.com/profile/02846750696928632422noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-39011199323630830602009-06-27T10:36:01.583+05:302009-06-27T10:36:01.583+05:30बिचारा मच्छर ha ha ha ha ..
regardsबिचारा मच्छर ha ha ha ha ..<br /><br />regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-35939830659932537042009-06-27T09:45:35.933+05:302009-06-27T09:45:35.933+05:30मेरी तुमसे न थी शात्रुता, फिर भी....
सही है...५०...मेरी तुमसे न थी शात्रुता, फिर भी....<br /><br /><br />सही है...५० पूरे हुए और अब पुण्य शुभ अंक ५१ अर्पित है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-83363886898678744162009-06-27T09:43:40.520+05:302009-06-27T09:43:40.520+05:30विवेक जी अब इन्हें क्षमा करने का समय नहीं रहा.विवेक जी अब इन्हें क्षमा करने का समय नहीं रहा.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3810215831734493662.post-13490543966110608062009-06-27T08:48:49.109+05:302009-06-27T08:48:49.109+05:30मच्छर की जगह………ये दूसरे वाले विवेक भैया क्या कह रह...मच्छर की जगह………ये दूसरे वाले विवेक भैया क्या कह रहे हैं?अपन तो खैर इस मामले मे बोलने की मिनिमम क्वालिफ़िकेशन रखते ही नही हैं इसलिये चुप ही रहेंगे।समीर भाई को और आपको हमारी भी बधाई।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.com