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सोमवार, अगस्त 11, 2008
अभिनव बिऩ्द्रा
आँख खोल कर देखिए, जीत लिया है स्वर्ण धन्य भूमि तू है वही , जन्मे अर्जुन कर्ण जन्मे अर्जुन कर्ण, और अब अभिनव बिन्द्रा उठो त्याग आलस्य, छोड दो अब तो निद्रा विवेक सिँह बस लगो नाचने काम छोड कर जीत लिया है स्वर्ण देखिये आँख खोलकर
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