जब सुबह बाथरूम में नहाने गया तो गरम पानी मौजूद था । जैसे ही लोटे को पकडा तो आवाज आई :
"ठण्डे ठण्डे पानी से नहाना चाहिए"
यह महेन्द्र कपूर साहब की आवाज थी । मैंने जब पहली बार यह आवाज सुनी तभी से इसका भक्त हो गया था । लम्बे समय तक मेरा नाता केवल आवाज से रहा । आवाज ही पहचान थी । बाद में नाम से भी महेन्द्र कपूर को जानने लगा । और बहुत बाद में उनका फोटो देखा ।
बचपन में ही उनकी आवाज का जादू हमारे सिर चढकर बोलता था । गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसरों पर तो हम जैसे रेडियो से चिपक जाते थे । कई बार तो ऐसा भी हुआ कि इसी चक्कर में विद्यालय के समारोह में न गए । घर पर कह दिया , " देशभक्ति के गीत सुनेंगे ।"
बाद में बी. आर. चोपडा का महाभारत सीरियल आया । हर रविवार को सवा नौ बजे यही आवाज जैसे सब कुछ रोक देती थी । चलता था तो बस महाभारत !
आज महेन्द्र कपूर हमारे बीच नहीं हैं । लेकिन उनकी आवाज हमेशा हमारे साथ है ।
विकट परिस्थितियों में हतोत्साहित होने पर हमें हौसला देती आवाज :
" गमों का दौर भी आए तो मुस्करा के जिओ "
दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा पैदा करती आवाज :
ऐसा कुछ कर पाएं, यादों में बस जाएं
सदी-ओ-जहान में हो चरचा हमारा
यारा दिलदारा मेरा दिल करता
जीवन की कसक को सामने लाती अवाज :
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
और सबसे आगे बढकर , देशभक्तों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती आवाज :
मेरे देश की धरती सोना उगले
उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती॥
उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती॥
दर असल मेरे देश की धरती ने इस हीरे को आज ही के दिन यानी 9 जनवरी 1934 को अमृतसर, पंजाब में उगला था . वे छोटी उम्र में ही बम्बई आगए और मुहम्मद रफी जैसे महान पार्श्व गायक से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया । अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद रफी साहब ने इन्हें अपना शागिर्द स्वीकारा और तालीम देते रहे .
लगभग पाँच दशक तक महेन्द्र कपूर पार्श्व गायन से जुडे रहे । इस अवधि में उन्होंने विभिन्न भाषाओं के लगभग पच्चीस हज़ार गीतों को अपनी आवाज से सजाया । उन्होंनें हर रंग के गीत गाए . देशभक्ति गीतों में तो जैसे उनका एकाधिकार ही था ।
उनसे कभी हमारी मुलाकात न हो सकी , फिर भी दिल कहता है :
सपनों में ही हो चाहे मुलाकात तो होगी
कुछ ही दिन बाद गणतंत्र दिवस है । महेन्द्र कपूर की आवाज फिर गूँजेगी . पर यह सितारा घटाओं में छुप गया है । आवाज आरही है :
घटा में छुप के सितारे फना नहीं होते .
सच में सितारे फना नहीं होते। और अगर वो सितारा महेन्द्र कपूर हो, तो वह ध्रुव तारे की अटल हो जाता है और दुनिया को राह दिखाता है।
जवाब देंहटाएंये सभी गीत बहुत कर्णप्रिय लगते हैं - और सर्वदा नये भी! बचपन से सुनते आने के बावजूद।
जवाब देंहटाएंस्व. महेंद्र कपूर जी की याद ताजा कराने के लिए विवेक जी का धन्यवाद. सच ए है कि 'महेंद्र कपूर' और 'मन्ना डे' जी जैसे महान गायकों को 'शुद्ध व्यावसायिक' हिन्दी फ़िल्म उद्योग ने वह स्थान नही दिया जिसके वे वास्तविक हकदार थे. मसलन महेंद्र कपूर जी को ज्यादा तरजीह सिर्फ़ बी. आर. बैनर और मनोज कुमार ने ही दी. बाकी लोगों ने किसी "विशेष" आवाज की जरूरत पड़ने पर ही इन्हे याद किया.
जवाब देंहटाएंएक महान गायक और महान आवाज के जादूगर को याद करने के लिये धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंराम राम.
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जवाब देंहटाएंआप जिन गीतों की बात कर रहें वह हिन्दोस्तान के रहने तक ज़िन्दा रहेंगे और हिन्दोस्ताँ धरा के अंत तक अपना वजूद रखेगा!
जवाब देंहटाएं---मेरा पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम
bahut acchi jankari
जवाब देंहटाएंbhai ,
जवाब देंहटाएंaapki is shradanjali men main aapke saath hoon . mahendra kapoor ji ke kai gaane mujhe bahut pasand hai ..
specially gumraah ke geet aur hamraaz ke geet ...
unki pitch bahut high thi ..
mera naman
aur aapne itna acha lekh likha , iske liye badhai..
aapka
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/
बहुत अच्छी जानकारी दी.महेन्द्र कपूर जी के बारे में .......
जवाब देंहटाएंराजीव महेश्वरी
mahendra kapoor ji wastav men jaadugar hi the unke baare men jaankaari ke liye shukriya
जवाब देंहटाएंmahendra kapoor ji sahi men jaadugar the....jaankaari ke liye bahut bahut aabhaar....
जवाब देंहटाएंसही कहा:
जवाब देंहटाएंघटा में छुप के सितारे फना नहीं होते
मुझे उनसे मिलने का एक मौका मिला टोरंटो में.
आपने उनके जन्म दिन पर याद किया, बहुत उत्तम.
सदी-ओ-जहान में हो चरचा हमारा
जवाब देंहटाएंयारा दिलदारा मेरा दिल करता
ये तो अपुन का भी फ़ेवरेट है.. महेंद्र जी ने गया है.. ये पता नही था..
ठीक कहा आपने.. "
घटा में छुप के सितारे फना नहीं होते"
महेन्द्र कपूर की गायकी का अपना जबर्दस्त प्रभाव है, सदैव व्याप्त.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद उनके स्मरण के लिये.
उस समय के दिग्गजों में भी इन्होंने अपनी अलग छवि बनाए रखी थी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जी,
जवाब देंहटाएंपोस्ट पढ़कर महेंद्र कपूर के पुराने गाने याद आ गए.
धन्यवाद.
महेन्द्र कपूर को अपना प्राप्य नहीं मिल पाया। किन्तु वे अत्यन्त सज्जन व्यक्ति थे। कभी किसी से शिकायत नहीं की। उनकी आवाज एक ओर मजबूत इस्पात का आभास देती है तो दूसरी ओस में भीगे जूही के फूल का अहसास कराती है।
जवाब देंहटाएंएक अच्छे इंसान की याद में हमें साथ करने के लिए शुक्रिया।
'बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी ' ये तो हम भी अक्सर गुनगुनाते रहते है. और महाभारत का तो डीवीडी ही रखा है. 'सिकंदर ने पोरस से की थी लडाई' तो आप भूल ही गए बचपन में हम ये भी गाया करते थे.
जवाब देंहटाएंजी हां महेंद्र कपूर के गाये गीत उनेह भी अमर रखेंगे
जवाब देंहटाएंएक महान गायक को याद करने के लिये धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंमील के पत्थर के समान आदरणीय महेंद्र कपूर जी की स्मृति को ताजा करने के लिए बधाई धन्यबाद
जवाब देंहटाएंsangeet wahi jo seedha dil tak pahunche.. mahendra ji ki awaaj ke ham bhi deewane hain.. unse judi vyaktigat jaankari ke liye dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंऔर उनके चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाये हमदोनों....उफ वो आवाज...
जवाब देंहटाएंविवेक जी मैं उनका एक युगल गीत "तुम्हारा चाहने वाला खुदा की दुनिया में.." की तलाश में हूं,यदि आपके पास हो तो कृपा होगी
सुन्दर। गमों का दौर भी आये तो मुस्करा के जियों सुन्दर! महेन्द्र कपूर को याद करने का शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र कपूर की आवाज की बात ही कुछ निराली है, एक गीत हम भी सुनायेंगे जल्दी ही, शायद कल तक ;)
जवाब देंहटाएंसच बात कही भाई. महेंद्र कपूर साहब ने एक से बढाकर एक अच्छे गाने गाये हैं. खासकर हमराज फ़िल्म के लिए गाये गए उनके बहुत बढ़िया हैं. आपकी पोस्ट पढ़कर बहुत अच्छा लगा. आज फिर से उनके गाने सुनने की इच्छा हुई है. आज ही सुनता हूँ.
जवाब देंहटाएंमहेन्दर काका की याद दिला दी विवेक भाई आपकी इस पोस्ट ने.
जवाब देंहटाएंमहेंद्र कपूर के गाये सभी गीत बहुत ही दिलकश हैं..आज भी ताज़गी से भरे.
जवाब देंहटाएंउन्हें क्या कोई भूल सकता है..जो सितारे फना नहीं होते.