मुझे लगता है कि गंगा किनारे वालों में मस्त रहने और मौज लेते हुए जीने का सद्गुण जन्मजात होता है ! ऐसे ही हमारे एक साथी हैं अतुल अग्रवाल जो संयोगवश हमारे मित्र भी हैं । ये अनूपशहर से हैं । फिलहाल हमारे साथ इंडियन ऑइल की पानीपत रिफाइनरी में ऑपरेटरी कर रहे हैं .
जब हम इनके साथ ड्यूटी कर रहे हों तो पढाई की आशा त्यागकर निस्वार्थ भाव से ड्यूटी करते हैं । क्योंकि जब विद्यार्थी के बारे में इनके विचार लीक से हटकर हैं तो हमें क्या पढने देंगे ।कहते हैं :
" अरे जब हम नहीं पढ सके तो तुम क्या पढोगे !"
इनकी आदत है हर चीज को अपने अनुरूप ढाल लेना . इनका परम्परा जैसे शब्दों से छ्त्तीस का आँकडा रहता है । इनके विद्यार्थी के बारे में विचार देखिए :खाकचेष्टा स्त्रीध्यानं रात्रिनिद्रा तथैव च
पेटभारी फिल्मप्यारी विद्यार्थी पंचलक्षणम्
कमाकर खर्चकरना इनका स्वभाव है . इन्हें ज्यादा बचत करने से परहेज है । हमें शेयर मार्केट में इन्होंने ही घुसाया था । अब आगे का हाल तो आप स्वयं जानते हैं . कहते हैं सालों की मेहनत खुद नहीं खाओगे तो साले खा जाएंगे :
सालों की मेहनत सालों की कमाई
सालों ने सालों खाई
इनका मंत्र है कि :
टेंशन लेने का नहीं
टेंशन देने का !
अब आप सोच रहे होंगे कि इदम् अतुलायणम् किम् प्रयोजनम् ? तो बता दें कि यह सब दर असल बदले की भावना के वशीभूत होकर किया जारहा है । जैसे इन्होंने हमें शेयर मार्केट के पंक में घुसाया वैसे ही हम इन्हें देर सवेर ब्लॉगिंग के पंक में घसीटकर लाने वाले हैं । आप हमें इतना बताइए कि कहीं ऐसा आदमी ब्लॉगिंग के लिए अशुभ तो नहीं ? इन्हें घसीट लाएं ?
अरे ज़रूर खींचकर लाईये ब्लॉग्गिंग में, एक अतुल को हम भी दो हफ्ते पहले खींचकर लाये हैं,
जवाब देंहटाएंइसीको कहते हैं जैसे को तैसा!
अवश्य वत्स ,यह बदला लेने का सबसे बढियां उपाय है !
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की शुभ कामनाएं !
"नेकी और पुछ पुछ......एक और दोस्त बिगड़ जाएगा हा हा हा हा हा हा "
जवाब देंहटाएंregards
अरे सरकार खींच लाइए!!
जवाब देंहटाएंइससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा जी!! .....बदला लेने का ???
और हाँ ......
जवाब देंहटाएंयह होगा
सौ सुनार की एक लोहार की!!!!
सारे हिस्साब एक पल में बराबर!!
हम अभी से तोरण द्वार लगवाए देते हैं जी। खूब जमेगी यहाँ ऐसे ओरिजिनल आदमी से। ज्ञानदत्त जी की चिन्ता भी मिटेगी। बुलाइए... बुलाइए...
जवाब देंहटाएंमुझे स्मार्ट इंडियन जी ब्लागिंग में लाए तो खींचकर ही हैं पर भइया अब मैं धक्के खाकर भी यहां से नहीं हिलूंगा । मुझ जैसे अज्ञानी को तो यह आभास भी नहीं था कि आप लोग यहॉं बरसों से मजे ले रहे हैं और हम वहां थकी हुई किताबों से दिल बहला रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंमकर संक्राति पर्व की हार्दिक शुभकामना और बधाई .
जवाब देंहटाएंउन्होंने तो बस आपको शेयर मार्केट में चेंपा और आप हैं कि उनके पूरे परिवार से बदला ले रहे हैं उन्हें ब्लॉगिंग में घसीट कर, चलिये, लाईये. हम तो बैठे ही हैं टिपियाने.
जवाब देंहटाएंटेंशन लेने का नहीं
जवाब देंहटाएंटेंशन देने का !
बढ़िया है!
ब्लॉग जगत हर तरह के ब्लोग्गेर्स को अपना लेता है...तो शुभ अशुभ की क्या बात है...इन्हें तो आप जैसे चिटठा चर्चा वाले वर्गी कृत करते हैं.आप से ज्यादा और कौन आप के सवाल का बेहतर जवाब देगा???
इनके ब्लॉग का इंतज़ार रहेगा.
मकर संक्रांति की शुभकामनायें...
"टेंशन लेने का नहीं
जवाब देंहटाएंटेंशन देने का !"
ये तो हमारा पंचलाइन रहा है.. उनको लाने से पहले पता कर लीजिये बाकी कि चीज कहाँ से उडाये हैं?? :D
बिल्कुल! ये सज्जन आयें और ब्लॉगजगत को शेयर मार्केट से पंकित करे! उस विषय में लेखन का मैदान लगभग खाली पड़ा है!
जवाब देंहटाएंमैं भी पटा रहा हूँ दो चार लोगो को ,ओपरेशन ब्लोगेर चलना ही चाहिए .
जवाब देंहटाएंकारवां आगे बढता रहे ..मकर सक्रांति की शुभ कामनाये
जवाब देंहटाएंआने दीजिये. बलि का एक बकरा और सही.
जवाब देंहटाएंऐसा आदमी ब्लॉगिंग के लिए अशुभ तो हो ही नही सकता .हम सब कब काम आयेगे.
जवाब देंहटाएंशुभ - शुभ बोलो जी..............
खाकचेष्टा स्त्रीध्यानं रात्रिनिद्रा तथैव च
जवाब देंहटाएंपेटभारी फिल्मप्यारी विद्यार्थी पंचलक्षणम्
भाई ऐसे ज्ञानी ध्यानी आदमी आयेंगे तब ही ना ये ब्लागीवुड फ़लेगा फ़ुलेगा और हमे भी एक समान विचारो वाला साथी मिल जायेगा.
आइये बन्धु आपका हार्दिक स्वागत है
रामराम.
ये तो वक़्त बताएगा आपने उन्हें दर्द दिया है या दर्द बांटा है....khair svagat hai is duniya me bhi...
जवाब देंहटाएंइस आदमी को सबक सिखाना है न. उत्तम तरीका है, इन्हें ब्लॉगर बना ही दो. विजयी भवः
जवाब देंहटाएंटेंशन लेने का नहीं
जवाब देंहटाएंटेंशन देने का !
जीवन में शान्तिपूर्वक रहने का मूलमंत्र।
ब्ला॓गिंग के लिए ऐसा आदमी अशुभ नहीं विवेक जी, बल्कि ब्लागिंग ही इनके लिए शेयर मार्केट (अशुभ) साबित हो सकती है। वैसे आप लाल-एन-बवाल पर कुछ दिन पूर्व लिखी गई बिगबुल की आरती का सस्वर पाठ इन्हें कराते रहेंगे तो काफ़ी लाभ होगा।
जवाब देंहटाएंजय बिगबुल चढ़ता....
जवाब देंहटाएंअरे, आने दो विवेक भाई, नहीं तो खींच कर लाओ..
अच्छे प्लेयर साबित होंगे !
बिलकुल विवेक जी,
जवाब देंहटाएंमेरी प्रतीक्षा मत करो. घसीट दो इसे भी ब्लोगिंग में
इसे भी पता चल जायेगा.
आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!
जवाब देंहटाएंविवेक जी,
जवाब देंहटाएंपंक कुछ--- खैर छोड़िये।
ब्लागिंग के पंक में एक पंकज और सही।
परिवार में नवांगतुक का स्वागत है।
इस दुनिया में आपसे मित्र जैसे लोग अजनबी नहीं हैं...उन्हें भी आने दीजिये...स्वागत है...एक से भले दो...
जवाब देंहटाएंनीरज
aapne bahut achha kiya jo le aaye ! swagat hai naye bloggar ji ka !
जवाब देंहटाएंकिसने किसको फंसाया लाख टेक का सवाल है भइया :-)
जवाब देंहटाएंअजी खींच लाइए, "बुरे" काम में देरी कैसी!!
जवाब देंहटाएंare vah bhaayi....aaja bali ke bakre aaja... ek baar aaja-aaja-aaja-aaja-aaja-aaja-aaaaaja
जवाब देंहटाएंअतुल जी को जरूर मैदान में उतारो जी, मेरी शुभकामनाऍ साथ हैं।
जवाब देंहटाएंखाकचेष्टा स्त्रीध्यानं रात्रिनिद्रा तथैव च
जवाब देंहटाएंपेटभारी फिल्मप्यारी विद्यार्थी पंचलक्षणम्
ये सारे काम ब्लॉगिंग में भी सम्भव हैं. ले आइये उनका करियर उन्हें बुला रहा है.
ये जो ब्लॉग है तेरा
स्वदेश है तेरा, तुझको पुकारेsss
बिल्कुल...इन शानदार मानक-वाक्यों वाले को तो तुरत ले के आइये
जवाब देंहटाएंविद्यार्थी पंच-लंक्षण का नया रूप मन को भाया...