चाँद-तारा प्रहेलिका में जो पाठक भाग ले सके उन्हें बधाई । जो भाग न ले पाये उन्हें अगली प्रहेलिका के लिए शुभकामनाएं । सबने खूब मजा किया । कुछ लोग सीरियस हो गए तो कुछ ने ठण्डे दिमाग से प्रहेलिका पर हल चलाया ।
वस्तुत: चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27.3 दिन में करता है । धरती की परिक्रमा करते समय यह पश्चिम से पूरब की ओर जाता है । किन्तु पृथ्वी अपनी कल्पित धुरी पर इससे भी तेज पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है । इसीलिए चन्द्रमा हमें पश्चिम की ओर जाता दिखाई देता है । यदि कभी पृथ्वी थोड़ी देर अपनी धुरी पर घूमना छोड़कर सुस्ताने लगे तो और चाहे जो हो पर चन्द्रमा आपको अवश्य पश्चिम से पूरब की ओर जाता दिखाई देगा ।
तारा धरती की परिक्रमा नहीं करता । उसका पूरब से पश्चिम की ओर जाते हुए दिखना सिर्फ धरती के अपनी धुरी पर घूमने के कारण है । इसलिए जब पृथ्वी सुस्ताने के लिए रुकेगी तो यह भी रुक जाएगा ।
अब चलते हैं प्रहेलिका के उत्तर की ओर :
जिस समय चन्द्रमा और तारा एक जगह पर हों, उससे आगे तारा धीरे-धीरे आगे होता जाएगा और चन्द्रमा पीछे रह जाएगा । दोंनों पूरब से पश्चिम वाले रूट पर चलेंगे । पश्चिम के क्षितिज में पहले तारा फिर चन्द्रमा डूब जाएंगे ।
विवेक रस्तोगी जी, संगीता पुरी जी , और दिनेशराय द्विवेदी जी, विजेता बनने में सफल हुए । सभी को बधाइयाँ ।
अन्य टिप्पणियाँ भी मजेदार रहीं । कुछ लोगों ने फोटू देखकर ही पहचान लिया कि यह तारा नहीं ग्रह है । और ग्रह भी शुक्र है यह भी पता लगा लिया । उन्हें बधाई । उनका नाम नोबेल पुरुस्कार के लिए आगे सरका दिया गया है । स्वाहा !
हमें तो पता ही नहीं चल पाया कि ऐसा भी कुछ हुआ है..धत!!
जवाब देंहटाएंविजेताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ! अगली प्रहेलिका का इंतजार !
जवाब देंहटाएंप्रहेलिका की वीथियों में भटकने से हम शेष रह गये । परिणाम के विजेताओं को बधाई ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी दे दिये बहाने से।
जवाब देंहटाएंविजेताओं में नाम शामिल करने के लिए धन्यवाद। हम प्रहेलिका को इतना गंभीर तो नहीं समझे थे। पर आगे से ध्यान रखेंगे।
जवाब देंहटाएंओ भाई, मेरा नोबल पार्सल से भिजवा देना.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
रोचक !
जवाब देंहटाएंहम तो भाग नहीं ले पाए थे.. इसलिए शुभकामनाये लेकर जा रहे है..
जवाब देंहटाएंमुझे तो लग रहा था कि मेरी प्रतिक्रिया आपतक पहुंच ही नहीं रही है .. विवेक रस्तोगी जी और दिनेशराय द्विवेदी जी को बहुत बहुत बधाई .. अगली बार प्रहेलिका ही रहेगी .. या पुन: उसका नाम बदल जाएगा !!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंविवेक भईया, पहले ही चेतावनी दे देनी चाहिये थी, ना ।
यह प्रहेलिका केवल बुद्धिमानों के लिये है,
हम भाग न लेकर, दूर से ही भाग लेते ।
अच्छा ज्ञानवर्धन, समझते समझते समझ ही जायेंगे ।
हमें तो पता ही नहीं चल पाया कि आपने भी कोई पहेली आरंभ की है......वर्ना तो प्रथम आना तय था:)
जवाब देंहटाएं"जब पृथ्वी सुस्ताने के लिए रुकेगी तो यह भी रुक जाएगा "
जवाब देंहटाएंपर भैया, धरती सुस्ताने लगे तो हम कहां रहेंगे????:)
Bhai sabhi ko ghani badhai,
जवाब देंहटाएंnobel puruskaar ke liye hamara naam bhi recommend kijiyea na?
प्रहेलिका के बहाने अच्छी जानकारी भी प्राप्त हुई। अाभार।
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
अरे वाह चंदा मामा और तारा आपने तो हमें विजेता बनवा दिया।
जवाब देंहटाएंओह तो ये साइंस टाईप प्रहेली थी ..हम तो आर्ट्स के स्टूडेंट रही हैं तो टीप टीप के ही काम चला लेते हैं..चलेगा ना विवेक बाबू...
जवाब देंहटाएं"उनका नाम नोबेल पुरुस्कार के लिए आगे सरका दिया गया है । स्वाहा !"
जवाब देंहटाएंये 'स्वाहा' क्यो
रोचक और अच्छी जानकारी प्राप्त हुई
जवाब देंहटाएंअच्छा ज्ञानवर्धन
आभार
C.M. is waiting for the - 'चैम्पियन'
प्रत्येक बुधवार
सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
********************************
क्रियेटिव मंच
*********************************