रविवार, अप्रैल 25, 2010

आल्हा ए आईपीएल

आई पी एल तीसरी पारी धूमधाम से हुइ आगाज़ ।
आकर्षण कुछ कहा न जाए, मंत्री चले छोड़कर राज ॥


खिलाड़ियों की पैंठ लगाकर मोलभाव की हुई शुरुआत ।
जिस कम्पनी पै जैसा पैसा लिए खिलाड़ी वैसे साथ ॥


पाकिस्तानी नहीं बिक सके पूरा हुआ पैंठ व्यापार ।
अफ़रीदी यह पचा न पावै खूब मचाई चीख पुकार ॥


उदघाटन हो गया अन्त में इसका जोश कहा ना जाय ।
जिनके पास न अपना टीवी उनसा कोई अभागा नाय ॥


हल्ला हो गया बड़े टिकिट का हुई इनामों की बौछार ।
नेता भागे इसके पीछे छोड़ चुनावी टिकिट पिछार ॥


चीयर लीडर लगीं नाचने होने लगे मैच पर मैच ।
बड़े खिलाड़ी छक्का मारें छोटे छोड़ रहे थे कैच ॥


आतंकी भी भरे जोश में फोड़ दिये बम भी दो चार ।
फिर भी मैच न रुका देखकर भाग गए सब हिम्मत हार ॥


आईपीएल की बातें हों और मोदी का ले नाम न कोय ।
अब तक एसा कभी न देखा, ना भविष्य में शायद होय ॥


फ्रेंचाइजियों की बल्ले बल्ले मिला लक्ष्मी का वरदान ।
नहीं टैक्स का कोई चक्कर करते खूब पुण्य अरु दान ॥


जनता पैसा लुटा रही थी लूटो जितना लूटा जाय ।
बँटवारे में चूक हो गई, बनी बात अब बिगड़ी हाय ॥


सत्यानाश ट्विटर का जिसने, किंचित राज दिए खुलवाय ।
कान खड़े नेतन के हुइ गए, नथुने खूब रहे फड़काय ॥


बात निकलकर संसद पहुँची, नेता खूब ले रहे मौज़ ।
धक्का मुक्की मारपीट ना, ना गाली ना कोई गलौज़ ॥


सबको चिन्ता, पछतावा यह मौका हम कैसे गए चूक ।
मंत्री जी को जाना होगा, माँग करी सबने दो टूक ॥


प्रेम कहानी ने आखिर ले लिया प्रेमियों का बलिदान ।
दोनों ने अपने पद छोड़े, आग लगी हो ज्यों खलिहान ॥


यहाँ की बातें यहीं छोड़कर, मोदी के जानें हालात ।
सीना फूला जाय गर्व से, दुश्मन को क्या दी है मात ॥


मोदी वीर नाम है मेरा, सेकिण्डन में दिया पछाड़ ।
आशिर्वाद पवार देव का, सकै न दुश्मन कच्छु बिगाड़ ॥


होनी को मंजूर और था, ढीले पड़ गए देव पवार ।
मोदी वीर काँपते थर थर, खड़ी सामने दिखती हार ॥


चीयर लीडर, चौके-छक्के, कुछ भी अच्छा लगता नाय ।
पतली गली निकल भागूँगा, आईपीएल भाड़ में जाय ॥ 


ऐसे कैसे भाग सकोगे, हिसाब चुकता करते जाउ ।
अभी फ़ाइनल कहाँ हुआ है, देखें हू विल विन, एण्ड हाउ ?

20 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लौगर बंधु, हिंदी में हजारों ब्लौग बन चुके हैं और एग्रीगेटरों द्वारा रोज़ सैकड़ों पोस्टें दिखाई जा रही हैं. लेकिन इनमें से कितनी पोस्टें वाकई पढने लायक हैं?
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    कृपया हिंदीब्लौगजगत को एक बार ज़रूर देखें : http://hindiblogjagat.blogspot.com/

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  2. बड़े लिखैया हमने देखे, देखे बड़े-बड़े लिखवार,
    तुम सा और न कौनौ देखा, ऐसे बातें कहै उचार!

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  3. भाई, ई कोनू छन्द था जी, इपल (IPL)का पूरा सारांश दे दिया।

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  4. वाह साहब,
    आल्हा उचार दिया पूरा, मजा आ गया।

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  5. फ़ाईनल होने पर ही पता चलेगा- हू विल विन एंड हाऊ
    तभी लूट का मजा आयेगा --और बोल पाएंगे वाSSऊ..

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  6. वाह! मजेदार काव्य-सृजन।
    आज फाइनल देखते वक्त आपकी कविता ध्यान भंग जरूर करेगी।

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  7. बड़े खिलाड़ी छक्का मारें, छोटे छोड़ रहे थे कैच
    विवेकसिंघ ने सारे कैचों को जा पकड़ा हैंचम-हैंच

    हा हा। वाह वाह वाह विवेक भाई! अरे बेल दिया भाई पापड़ वाले को। कोई जवाब नहीं, यार अहा!

    इतने सारे मैच देखकर हमको मजा तनिक ना आय
    लेकिन विवेकसिंग को पढ़कर ......
    लेकिन विवेकसिंग को पढ़कर
    दिल-दिमाग फिर फिर मस्ताय

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  8. वाह...आनंद भया. कृपया इसका द्वितीय भाग भी रचिये.

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  9. Maza aa gaya! Har thode dinon se kisi na kisi shohrat yafta logon ke pol khultehi rahte hain!

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  10. हमने इसे आल्हा की धुन पर गाकर भी देख लिया ।

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  11. एैसी आल्हा लिखी कि भैया हमसे अव तौ रुको न जाय ।।
    ए पी एल की अइसी खिचाई हंसत हंसत पेट फट जाय ।।

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