सोमवार, सितंबर 01, 2008

कुदरत का कहर

हाय चीन में आगया, जबरदस्त भूकंप ।
कितने अरमां लुट गए, ख्वाब हो गए डम्प ।
ख्वाब हो गए डम्प, ज़िंदगी ठहर गयी है ।
एक नमूना है , कुदरत का कहर यही है ।
विवेक सिंह यों कहें, हुआ हूँ शान्तिहीन मैं ।
जबरदस्त भूकम्प , आगया हाय चीन में ॥


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