छोटा सा है गाँव हमारा ।
लगता हमें जहाँ से प्यारा ॥जब स्कूल बन्द हो जाते ।
हम सब गाँव घूमने जाते ॥
भागदौड़ शहरों में जैसी ।
देखी नहीं गाँव में वैसी ॥
सुबह-शाम खेतों पर जाना ।
घर पर ऊधम खूब मचाना ॥
अम्मा-बाबा हँसते रहते ।
पापा भी कुछ हमें न कहते ॥
काश छुट्टियाँ जल्दी आयें ।
फिर से गाँव घूमने जायें ॥
जहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
वहीं हमारे काशी-काबा ॥
बहुत बेहतरीन रचना:
जवाब देंहटाएंजहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
वहीं हमारे काशी-काबा ॥
-आपके बचपन की फोटो अच्छी लगी. :)
जहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
जवाब देंहटाएंवहीं हमारे काशी-काबा ॥
सरल शब्दो मे बहुत खूबसूरत भाव की रचना
बेहतरीन
आलोकजी!
जवाब देंहटाएंबहूत ही बेहतरिन रचना, पढकर गाव की याद दिला दी।
आभार
♥♥♥♥♥♥
पाकिस्तानी ब्लोगरिया कहे छु छु कर रिया है ?
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हे! प्रभु यह तेरापन्थ
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंगांव तो गांव ही होता है ! शेखावाटी के कवि भगीरथ सिंह "भाग्य " ने सही ही कहा है :-
ना सुख चाहु सुरग रो नरक आवसी दाय।
म्हारी माटी गांव री गळियाँ जै रळ जाय॥
घणी जोरदार जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
जहां तुम्हारे दोनों बाबा
जवाब देंहटाएंवहीं तुम्हारी काशी काबा:)
बहुत ही सुन्दर रचना.... मनभावन
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जहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
वहीं हमारे काशी-काबा ॥
क्या खूब लिखा है मित्र...
काश आज के दौर में सभी यह समझ पाते...
जिसने भी गाँव का मजा लिया है ... उसको सहर की खोखली ज़िन्दगी नहीं भाति | जो पंछी अम्बुज रस चाख्यो, करील फल कहाँ भावे |
जवाब देंहटाएंआपका ही फोटो है ना ? कौन हो, बड़ा या छोटा ?
बहुत बढिया रचना !!
जवाब देंहटाएंजहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
जवाब देंहटाएंवहीं हमारे काशी-काबा ॥
बेहतरीन रचना!!!!!!
आपने गाँव को याद किया - यह बहुत बड़ी बात है ।
जवाब देंहटाएंयह रचना यथार्थ रचना है। हम तो हनीमून पर भी वहीं गए थे।
जवाब देंहटाएंबहुत दिनो से दिल कर रहा है कुछ दिनो के लिये गांव हो आऊं।बहुत सही लिखा आपने घर ही स्वर्ग है माता-पिता ही देवी-देवता।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब... शानदार रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी दिल को छू लेने वाली रचना
जवाब देंहटाएंजहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
वहीं हमारे काशी-काबा ॥
सुबह-शाम खेतों पर जाना ।
जवाब देंहटाएंघर पर ऊधम खूब मचाना ॥
अम्मा-बाबा हँसते रहते ।
पापा भी कुछ हमें न कहते ॥
गाँव की तुलना शहर से की ही नहीं जा सकती...गाँव गाँव है और जिस गाँव में अम्मा बाबा हों वो तो स्वर्ग है...बहुत अच्छी रचना.
नीरज
बिलकुल सही जी,
जवाब देंहटाएंमेरे काशी काबा भी गाँव में ही हैं.
BAHOOT SUNDAR KAVITA .....BACHPAN KI PYAARI SI YAAD SIMETE ....
जवाब देंहटाएंbahut pyare bhav badhai!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंजहाँ हमारे अम्मा-बाबा ।
जवाब देंहटाएंवहीं हमारे काशी-काबा
yahi saty hae .