"गौतमबुद्ध नगर जिले में नशीली दवाओं की काला बाज़ारी का धंधा जोरों पर है । मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में दीपक तले अँधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है । वैसे तो यह धन्धा कमोबेश सारे जनपद को गिरफ्त में लेता जा रहा है । पर जिले की जेवर तहसील में हालात खतरनाक स्तर पर हैं । यहाँ ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले किशोरों और युवाओं को पहले बहला फुसलाकर नशे की लत लगाई जाती है । लत पडने पर उनसे प्रतिबन्धित दवाओं के बदले मनमाने दाम वसूले जाते हैं ।
बेचारे माता पिता को जब तक पता चलता है तब तक उनका लाडला मौत के काफी नजदीक पहुँच चुका होता है । इन ड्रग्स की गिरफ्त में आ चुके युवक हर कीमत पर यह इंजेक्शन और दवाएं खरीदने के लिए उतावले रहते हैं । और घर वालों से छिप कर किसी भी वैध या अवैध तरीके से पैसों का इंतजाम करने की फिराक में रहते हैं । इससे क्षेत्र में चोरी और लूटपाट की घटनाओं को बढावा मिलता है । जहाँ क्षेत्र के युवाओं नैतिक पतन होता जा रहा है । वहीं कुछ युवा अपने ही घर में चोरी करंते और माँ बाप पर हाथ तक उठाते देखे जाते हैं ।
जहाँ प्रशासन चैन की नींद सोया है । वहीं जेवर कस्बे के अधिकतर मेडीकल स्टोर प्रतिबन्धित नशीली दवाएं बेच बेचकर अपनी जेब भरने में मशगूल हैं । यहाँ पर कौशिक मेडीकल स्टोर तो इस धन्धे में सबसे बढा चढा है । यह यहाँ के एक जाने माने डॉक्टर प्रेमदत्त का ही है साथ ही उनका अस्पताल भी है । मज़े की बात तो यह कि यह महानुभाव खुद भी अफीम के बडे शौकीन हैं नॉर्फिन ( norphine ) नामक इंजेक्शन सिर्फ इन्ही कें पास मिलता है । इसे वाई के कोड वर्ड से दिया जाता है । इसके अलावा प्रमोद मेडीकल स्टोर , अग्रवाल मेडीकल स्टोर , गुप्ता मेडीकल स्टोर , शर्मा मेडीकल स्टोर आदि केवल फोर्टविन नामक इंजेक्शन ही बेचते हैं ।
ये लोग दबंग किस्म के हैं और समझाने की कोशिश करने वालों को धमकियाँ देने से नहीं डरते ! "
TV एंकर ऐसा कह ही रहा था कि मेरी आँख खुल गई और सपना अधूरा ही रह गया !
समस्या तो वाकई बड़ी है.
जवाब देंहटाएंआपकी यह समाचार-पत्र-शैली पसन्द आयी.
गंभीर बात है! आवश्यक कार्यवाही के साथ-साथ, आगे सतर्कता ज़रूरी है!
जवाब देंहटाएंभैय्या यह समस्या पुरे हिन्दुस्तान की है हमरा क्षेत्र तो अफीम ,हेरोईन के मामले मे इंटर पोल के नक्शे मे है . क्या करे कंट्रोल नही होता .
जवाब देंहटाएंयह तो बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है !
जवाब देंहटाएंबहुत ही खतरनाक समस्या है. और ये हर शहर मे फ़ैल रही है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
यह समस्या सिर्फ़ जेवर की नही है,उसके आस -पास के जिलो में भी यही समस्या है.
जवाब देंहटाएंडुर्ग इन्स्पेटर की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है.
दूसरो के गंभीर लेखो पर आपने बहुत मस्ती की है.. हम देख रहे है कोई आपको गंभीरता से लेता है या मस्ती करता है.. हम तो गंभीरता से ले रहे है.. हालाँकि साधु साधु कह रहे है..
जवाब देंहटाएंaapne hamara elaka nahi dekha. fir aap jante ki ham kya hain.narayan narayan
जवाब देंहटाएं"बहुत गंभीर विषय पर आपने सवाल उठाया है....चिंतनीय बात है....लेकिन अभी तक इसका कोई भी कारगर हल नही हुआ है....सरकार से कोई उम्मीद भी नही....ये तो आज के युवा को और समाज को ही इसके विनाशकारी परिणामो को ध्यान में रखते हुए इनका परित्याग करना पडेगा..."
जवाब देंहटाएंRegards
विवेक भाई, चिंतनीय बात यह है कि लगभग यही हाल सभी शहरों का है।
जवाब देंहटाएंबहुत चिन्ता का विषय है। सम्बन्धित विभाग क्या कर रहे हैं?
जवाब देंहटाएंबहुत ही चिंताजनक विषय है।
जवाब देंहटाएंविषय तो गंभीर है और पूरे देश का यही हाल है.............
जवाब देंहटाएंप्रशासन जब तक जागेगा बहुत देर हो चुकी होगी
सारे देश का यही हाल है।सही लिखा आपने।सहमत हूं आपसे।
जवाब देंहटाएंविवेक जी, गौतम बुद्ध नगर के बारे में आपको पता चल गया लेकिन वास्तव में ये हर शहर और गाँव में हो रहा है . कोई महगें नशे कर रहा है तो कोई सस्ते लेकिन सारे जानलेवा ही है .
जवाब देंहटाएंविवेक भाई,
जवाब देंहटाएंलगता है कि आप कल परसो ही घर से लौटे हैं. आपका घर भी तो जेवर से थोडा आगे ही पडता है ना?
बिल्कुल सही लिखा है. जिते देखो उते यही हाल है. चर्चाएँ भी खूब होती हैं लेकिन नियंत्रित कौन करे.
जवाब देंहटाएंअरे विवेक भाई पता नही आप का ब्लांग मेरी ब्लांग लिस्ट मे क्यो नही आया, मै तो आज हेरान रह गया, ओर इतने अच्छे लेख गवां दिये, कोई बात नही मैने अभी से यह गलती सुधार ली है.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
upekshhit ho chali khbron ko roshni me laye.
जवाब देंहटाएंBADHAI
यह नशे का ग्रहण कई लोगों को निगल रहा है, खासकर युवा पीढ़ी को
जवाब देंहटाएंयह समाज के लिए बहुत खराब बात है. पता नहीं प्रशासन क्या कर रहा है? मुख्यमंत्री का गृह उनके गृह जिले में है क्या? शायद नहीं, इसीलिए इसे रोक नहीं रही हैं. अब इस धरा पर भगवान् को आना पड़ेगा. और नशे का कारोबार ख़तम करना पड़ेगा.
जवाब देंहटाएंआओ गिरधर. हे श्रीकृष्ण, जल्दी आओ. मथुरा और वृन्दावन भी मुख्यमंत्री के राज्य में ही है.