बडी प्रतिभा की छाया में छोटी प्रतिभा दबकर रह जाती है । उसे विकसित होने का पूरा मौका नहीं मिल पाता । अक्सर क्रिकेट की कमेँटरी सुनते समय मैनें कमेण्टेटर को कहते सुना है कि सचिन तेण्दुलकर की प्रतिभा के साये में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड की प्रतिभाओं के साथ पूरा न्याय न हो सका । उन्हें कभी वह स्थान न मिल सका जिसके वे हकदार हैं ।
अभी पिछले दिनों इसी तरह का एक और केस हो गया । छोटे राजू ने सौ करोड का धमाका प्लान किया हुआ था । सारी तैयारियाँ हो चुकी थीं कि अचानक बडा राजू उससे कई गुना बडा धमाका करके चलता बना । हो गया न छोटे राजू के साथ पंगा । बेचारा न घर का रहा न घाट का । अब धमाका इस स्थिति में भी न था कि उसे डिले किया जा सके । लिहाजा औपचारिकता पूरी करनी ही पडी ।
हमने अब तक न तो नक्कारखाना देखा और न ही तूती । फिर भी और किसी उपमा के अभाव में कह सकते हैं कि छोटे राजू का धमाका नक्कारखाने में तूती की भाँति फिस्स हो गया । इस नजरिये से देखें तो बडे राजू पर छोटे राजू की प्रतिभा हनन का केस भी बनता है । ऐसे ही लोगों की वजह से हमारा देश प्रतिभा पलायन का शिकार है ।
सुना है बडे राजू बुद्ध की शरण में चले गए हैं । कौन जाने बुद्ध की शरण में गए हैं या सबको बुद्धू बना रहे हैं !
इसी लिए तो आजकल पोस्ट नही लिख रहा हू.. आप के सामने लिखूंगा तो कही मेरी प्रतिभा का हनन नही हो जाए.
जवाब देंहटाएंराजू बना गया मेंटलमैन - स्रोत टाइम्स आफ़ इण्डिया
जवाब देंहटाएं-------
ब्लागिंग या अंतरजाल तकनीक से सम्बंधित कोई प्रश्न है अवश्य अवगत करायें
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
" भली करेंगे राम..."
जवाब देंहटाएंregards
प्रविष्टि अच्छी लगी. बुद्धू नहीं बना रहा हूं.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल, विवेक के सामने औरों का विवेक पानी भर रहा है!
जवाब देंहटाएंबड़ा राजू भी अभी गांगुली ही है, तेंदुलकर और ब्रैडमन अभी बाकी हैं :-)
जवाब देंहटाएंbde raju chacha ne to pure bharat ko dhoka de diya
जवाब देंहटाएंvivek ji namaskar
जवाब देंहटाएंmai to kush or gyan ji se sahmat hu
bahut mast vivek bhai....
जवाब देंहटाएंदुर्घटना ही कहें की उसकी शौर्यगाथा सामने आ गई. हमारे यहाँ तो कई महान होंगे. सिद्धार्थ कहाँ लगते हैं.
जवाब देंहटाएंबड़े राजू की आवाज़ भी तूती की सी ही लगेगी इंतज़ार कीजिये . कोई और भी होगा १०००० ,२०००० करोड़ का झटका देगा .
जवाब देंहटाएंमेरा भारत महान
जवाब देंहटाएंयहाँ एक से एक बढ़कर बसते है ...देखते चलिए आगे आगे होता है क्या .
हा हा हा...पहले ये आपका आलेख और फिर कुश जी की टिप्पणी
जवाब देंहटाएंमैं तो बस "मेरा नाम राजु...बहती है गंगा..." गुन्गुनाता हूं
बहुत अच्छा लिखते हैं आप..विषय पर आपकी पकड़ कमाल की है...बहुत ही अच्छा लगा आप के ब्लॉग पर आना...अब आना जाना लगा ही रहेगा...
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत बढ़िया. छोटे राजू के दिन भी आयेंगे. तब उन्हें सौ करोड़ नहीं, हज़ार करोड़ वाले धमाके से भी कोई नहीं रोक सकेगा.
जवाब देंहटाएं