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शनिवार, सितंबर 20, 2008
वोट की राजनीति यह
राजनीति यह वोट की, जी का है जंजाल । थी अंत्येष्टि शहीद की, समय न पाए निकाल । समय न पाए निकाल, जो अंत्येष्टि में जाते । वोट-बैंक को अपना मुँह कैसे दिखलाते ? । विवेक सिंह यों कहें, बनी है नाशनीति यह । जी का है जंजाल वोट की राजनीति यह ॥
राजनीति इन नेताओं की वजह से नाशनीति बन गई है, वर्ना राजनीति तो व्यवस्था के लिए एक अनिवार्य पहलू था।
जवाब देंहटाएंyahin to rona hai.
जवाब देंहटाएंvoto ke saudagaro ka nassh ho
जवाब देंहटाएंअच्छा हुवा कोई नेता नही आया , कम से कम एक शहीद की पार्थिव देह तो नेताओं के गंदे हाथ लगने से बच गई |
जवाब देंहटाएंइस शहीद की समाधि पर अगर देश के नेता जाते
जवाब देंहटाएंधर्मनिरपेक्ष महान देश में "सेक्युलर" कहलाते ?
bahut sateek Abhivaykti . badhai
जवाब देंहटाएंbबिल्कुल सही कहा है।
जवाब देंहटाएंआज का जोशीला शेर ----
जवाब देंहटाएंआतंकियों के घर पर जाकर मातम मनायेंगे नेता
आतंकियों की यही आखिरी निशान होगा
नालायक हैं सब नेता-सटीक टिप्पणी की है इस रचना से.
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