रविवार, अक्तूबर 19, 2008

कल के ब्लॉग समाचार

आओ ब्लॉगरो शुरू करें अब कल की कथा सुनाना ।
अर्द्धरात्रि से अर्द्धरात्रि तक का गाएंगे गाना ।।
नरेन्द्र मोदी के विकास का सच बयान करते हैं ।
यह मृणाल का ब्लॉग पढें क्यों ख्वामखाह डरते हैं ॥
जो है गलत उसी का तो वह इंकलाब करता है ।
तुम्हीं बताओ अंकित क्या कविता खराब करता है ?
मछली अगर पकडनी हो यह जैन कथा पढ जाएँ ।
प्रेरक रही कहानी इससे सीखें और सिखाएं ॥
राज अमरता का चाहें तो वह भी यहाँ मिलेगा ।
अच्छी रही कहानी पढकर मन का कमल खिलेगा ॥
दुख में आए याद रामजी रास्ता बचा न कोई ।
काम आए शिव का विलाप तो जागे इंडिया सोई ॥
सूचनाएं हैं हद से ज्यादा सब न पकड पाएंगे ।
शिरीष की कविता नीलम की रौशनी में लाएंगे ॥
है ये कैसी सजा ? भूल थी उस छात्रा की छोटी ।
कहें सचिन मिश्रा टीचर को खूब खरी और खोटी ॥
अरुणा राय नित नई कविताएं लेकर आती हैं ।
सुन्दर हैं उनकी रचनाएं मन को ललचाती हैं ॥
अमीर खुसरो की पहेलियाँ अगर बूझना चाहें ।
फिर कैसा संकोच पढें और खण्डेलवाल सराहें ॥
दर्द बुजुर्गों का कहते हैं संतोष दर्पण वाले ।
धर्म नहीं है हिन्दू यह रचना अवश्य पढ डालें
यहाँ पढें चुटुकुले मज़े से हँस घर भर दें सारा ।
मिला ब्लॉग यह जरा अलग सा हँसा हँसाकर मारा ॥
कोर्ट कचहरी की कुछ बातें अजय कुमार झा लाए ।
महेन्द्र मिश्रा आदिवासियों से क्यों जा टकराए ?
सर्प पहेली बूझें लायीं लवली नए रंग में ।
सुरेश चन्द्र गुप्ता दुल्हन को ले आए निज संग में ॥
अहोई अष्टमी की सुन लें यह कथा रहे उपयोगी ।
आरोग्यवर्धनी वटी बनाकर लाभ उठाएं रोगी ॥
सर सैयद अहमद खाँ का यह पूरा जीवन परिचय ।
मिलें टिप्पणी सबको ही यह शाष्त्री जी का आशय ॥
ताऊ की चालाकी को अब राज भाटिया जाने ।
पढ मेडिकल टेस्ट हमहुँ मीडिया डाक्टर को माने ॥
एक कहानी डायन की है कविता ने छपवाई ।
सच्ची झूठी आप जाँच लें हमने बस पढवाई ॥
चावल देने का वचन नोट पर आगे से हो लागू ।
कहें यही आलोक पुराणिक अब मैं यहाँ से भागूँ ॥
घूम रहे पिस्तौल तानकर हमको डर लगता है ।
आज बस करें लोग कहेंगे क्या फिजूल ठगता है ?

14 टिप्‍पणियां:

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  2. बहुत जोरदार है आपकी कवितामय चर्चा ! बधाई !

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  3. रचना जी अभीष्ट परिवर्तन कर दिया है . कष्ट के लिए खेद है . और प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया .

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  4. its a very very good effort to write on various blogs . please keep it going .
    hats off for your effort

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  5. शानदार।विवेक जी जारी रखिये।

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  6. रोचक प्रस्तुति दिल को छु गई भाई क्या बात है .

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  7. कवि‍ता के साथ चर्चा- यो तो और भी मेहनत का काम हो गया। शुभकामनाऍं।

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  8. सच्ची झूठी आप जाँच लें हमने बस पढवाई ॥
    बहुत सही....

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  9. यह एक बहुत अच्छा प्रयोग है विवेक. पहले ही प्रयास में काफी सफल रहे.

    मेरा सुझाव है कि हफ्ते में कम से कम तीन बार इस तरह का काव्यात्मक आलेख पोस्ट करों. इससे काफी लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा.

    आपसी प्रोत्साहन से ही हम लोग आगे बढ सकेंगे.

    -- शास्त्री

    -- हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है.

    महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें. (सारथी: http://www.Sarathi.info)

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