यूनान देश का नाम किसने नहीं सुना होगा ? सिकन्दर यूनान का ही निवासी था । यूनान की प्राचीन सभ्यता भारतीय सभ्यता की ही भाँति पर्याप्त विकसित थी । कालान्तर में रोमन साम्राज्य का विकास होता गया और यूनानी सभ्यता लुप्तप्राय: हो गयी । यूनान के बारे में हम जितना ही अधिक जानते हैं उससे अधिक जानने इच्छा होती है क्योंकि भारत और यूनान के बीच हम एक विचित्र समानता महसूस करते हैं ।
भारतीय पौराणिक साहित्य की तरह यूनान का पौराणिक साहित्य भी पर्याप्त रोचक है । हेसियड द्वारा रचित देवताओं की वंशावली के अनुसार सृष्टि के रचयिता कैओस(Chaos) हैं । कैओस का अर्थ होता है अनिश्चितता और विप्लव की स्थिति । कैओस ने सबसे पहले ठोस पदार्थ बनाया जिससे पृथ्वी(Gaea) का जन्म हुआ । तब कैओस ने तारतारस ( Taratarus ) बनाया जो पृथ्वी के सबसे नीचे स्थित लोक है । यहाँ बुरी आत्माओं का निवास होता है । एरोस भी कैओस का पुत्र है जो प्यार और इच्छाओं का देवता है । अंत में कैओस ने इरेबस ( Erebus ) को बनाया जो धरती के नीचे का अंधकार है । जब बुरी आत्मा को तारतारस भेजा जाता है तो उसे इस अंधकार से गुजरना होता है ।
जी का पुत्र यूरेनस ही उसका पति हुआ और इन दोनों को ही सृष्टि के आदि माता-पिता माना गया । जी यूरेनस के अलावा जी के दो और पुत्र माउन्टेन ( पर्वत ) और पोण्टस( Pontus - समुद्र का देवता ) हुए जो यूरेनस के सहोदर थे ।
यूनानी देवताओं के बारे में आगे आने वाले समय में कम्पनी द्वारा संभवत: कुछ पोस्ट प्रकाशित की जाएंगी । उनमें विस्तार से जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा ।
अच्छा प्रयास।
जवाब देंहटाएंग्रीक साहित्य भी भारतीय साहित्य की तरह समृद्ध है और कहीं-कहीं पात्रों की समानता चकित करने वाली होती है। इस साहित्य के रोचक प्रसंग आगे भी देते रहेंगे, ऐसी आशा है। स्वाद-बदलाव के लिए स्व्स्थ भी है:)
जवाब देंहटाएंकम्पनी की आगामी पोस्टों का इन्तजार रहेगा कम्पनी को इस विषय पर.
जवाब देंहटाएंलगता है कि कम्पनी अपने मूल उदेश्यों से भटक गई है :)
जवाब देंहटाएंकम्पनी की आगामी पोस्टों का इन्तजार रहेगा इस विषय पर |
जवाब देंहटाएंयह कंपनी क्या है ?? इस पर भी रोशनी डालिए विवेक भाई !
जवाब देंहटाएंस्वागत है जी और आगे भी सुनाइये. लेकिन कंपनी को एक सुझाव ये है कि आपका टिपण्णी वाला बक्सा कई जगह नहीं खुलता है. और हम टिपिया नहीं पाते आपके ब्लॉग पर. कुछ जुगाड़ बैठाइये.
जवाब देंहटाएंinteresting..
जवाब देंहटाएंनिस्सन्देह यूनान का पौराणिक साहित्य रोचक है । मै अपने ब्लॉग "पुरातत्ववेत्ता " मे डायरी मे कभी कभार उद्ध्रत कर रहा हूँ ।
जवाब देंहटाएंअरे भाया, ये कुछ नहीं नासदीय सूक्त से उड़ा कर कहानी रच दिया है। आइडिया के चोर थे ससुरे।
जवाब देंहटाएंइन्टर्नेट पर चल रहे इंसानी पापों का घड़ा भरने को है। जरा इस साइट पर जाएँ।
http://be-shak.blogspot.com
कम्पनी को ऐसी जानकारी के लिए धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंजनहित में ऐसी पोस्टों (posts) का प्रकाशन धन्यवाद के काबिल!!
बाकी तो आपका प्रोफाइल परिचय बिना कहे डरा रहा है हमको?
"मिड डे मील ....... पढ़ाई-लिखाई सब साढ़े बाइस !!"
@अभिषेक जी !
जवाब देंहटाएंCTR + या CTR - दबा कर टिप्पणी खिड़की खोल लिया करिए !!
कई बार टेम्पलेट में overlaiping के कारण ऐसा हो जाता है
"मिड डे मील ....... पढ़ाई-लिखाई सब साढ़े बाइस !!"
जानकारी रोचक किन्तु अत्यंत संक्षिप्त रही.
जवाब देंहटाएंभाई हम ने अगली गर्मोयो मे ग्रिक जाना है, आप ने जो बताया बहुत अच्छा लगा, बकी वह से चित्र ले कर आयेगे.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
(ईस्ट इण्डिया) कम्पनी बहुत काम का काम कर रही है!
जवाब देंहटाएंबधाई युनान यात्रा के लिये... ये स्वपनलोक है.. सब संभब है..
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