- गुरु जी के लक्ष्य वेधन
- होती बड़ी फ़ज़ीहत है
- मेरी 116वीं पोस्ट
- शीर्षक में क्या रखा है ? आप बस पढ़िये
- छाये जब काले बादल
- भोले भालो अब तो जागो
- देश विकसित बने भी तो कैसे ?
- देवी तेरी महिमा अपार
- मानसून से मोर तक
- गरमी की सरकार निरंकुश
- मेरे हाथों मर जाओगे
- मेरे प्यारे मानसून
- स्वप्नलोक में फ़िर स्वागत है !
- धन्यवाद साथियो !
- गौतमबुद्ध नगर जिले में नशे का काला बाज़ार
- आल्हा ए डबलपुर बिरादरी
- अजित जी कमाल करते
- पक्ष में फिर विपक्ष में
- अगर ऐसा हो जाता
- कुतिया का जनाज़ा है जरा धूम से निकले
- विश्वामित्र लुटे बेचारे
- भक्तगणों निंदा करिए
- आज बधाई लेना इनका जन्म सिद्ध अधिकार है
- इण्टरव्यू ऑफ द रिकार्ड
- रामदास कहलाए
- प्रकट हों एक बार फिर
- स्वयं को करके भी बदनाम
- अथ श्री मूँछ कथा
- बिलाग पर कुछ अईसा लिखो कि...
- तौबा तौबा गम्भीरपना !
- लो आज हो गई हडकाई !
- धैर्य की परीक्षा !
- बहुत मज़ा है !
- हम तो गज़ल कहेंगे
- भावी ब्लॉगर !
- नक्कारखाने में तूती
- बेशर्मी का विश्व-रिकार्ड !
- छीछालेदर हो गई
- सितारे फना नहीं होते
- गिनीज बुक में राजू
- कौए से भेदभाव
- मुए बता फिर तू क्या पीता ?
- भिखमंगों का धर्म ?
- तू क्या है ?
- चित्र पहेली का जबाब
- चित्र पहेली : बुझो तो जानें
- युद्ध ही दिखता एक विकल्प ?
- फुरसतिया का ऐजेण्डा
- ज्ञानदत्त जी से प्रेरित
- नाम, रूप, गुण कैसे कैसे !
- मेरे पै जो डीजे होता.....
- गुरु-शिष्य परम्परा और अफजल गुरु
- स्वर्ग में संवाददाता
- कहीं आप ही तो लल्लू नहीं
- जब मेरी सरकार बनेगी
- ढीली होती ना सुनी
- ना मूर्खों के सींग
- नीति-निर्धारकों का ओवरटाइम ?
- यहाँ टिप्स हैं टिप्पणियों के
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संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें ।
सोमवार, सितंबर 01, 2008
स्वप्नलोक अब तक
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lajawab.
जवाब देंहटाएंप्रोत्साहन हेतु आप का धन्यवाद .
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