शुक्रवार, सितंबर 12, 2008

अरे सीनियर ब्लॉगरो !

अरे सीनियर ब्लॉगरो, कर दो लिखना बन्द ।
कार्यभार सब छोड़कर, आप करो आनन्द ।
आप करो आनन्द, सिर्फ टिपियाते रहना ।
मानो नेक सलाह बाद में फिर मत कहना ।
विवेक सिंह यों कहें, "सलाह थी ये तो झूठी ।
कहीं न सचमुच कलम टाँग देना अब खूँटी ॥"

9 टिप्‍पणियां:

  1. हम तो समझे तो चलो फुर्सत मिली पर
    ये क्या हमारी खुशी पल भर में आप ने चूर कर दी.
    ये अच्छा मज़ाक नहीं था. :)

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  2. वाह- वाह विवेक जी,
    मैं तो अपने आप को लेखन मैं बहुत छोटा समझती हूँ वरना जरुर लिखना बंद कर देती. नेक सलाह के लिए आभार.

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  3. वाह,क्‍या बात कही आपने। एक दो साल तक टि‍का रहा तो ये सलाह मान लूँगा। (अभी तो जूनि‍यर ब्‍लॉगर हूँ ना। कलम घि‍से बीना काम नहीं चलता।)

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  4. जीतेन्द्र जी से १०० फीसदी सहमत

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  5. जीतेन्द्र जी से १०० फीसदी सहमत

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