प्रिय पाठकों और पाठिकाओं का स्वप्नलोक में हार्दिक स्वागत है । आज एक पहेलिका पूछी जा रही है . इसका उत्तर सोच समझकर दें . यह पहेलिका चौकीदार बिठाये जाने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है . आपको बताना है कि नीचे के दोहे में किसके बारे में बात की गयी है . सभी उत्तर बाद में प्रकाशित किये जायेंगे ताकि कोई एक दूसरे की नकल न मार सके .
एक गावँ लम्बी सराय, दूसरे गावँ में कुआँ .
तीसरे गावँ में आग लगी थी, चौथे में था धुआँ ..
तो शुरू हो जाइये !
क्यो हुक्का पिला रहे हो भाई साहब?
जवाब देंहटाएंहुक्का
जवाब देंहटाएंतो यहां भी पहेली!!!! भई, हम तो पहेलियों से दू रहते हैं पर आपने आवेश में ला दिया.....
जवाब देंहटाएंपूछे रहो पहेली कुछ भी, हम तो करेंगे हूँ हाँ ।
जवाब देंहटाएंहा हा विवेक भाई बहुत ही शानदार पहेलिका पूछी है आपने। वाह वाह। आशा है आप आगे भी ऐसी ही पहेलियाँ बूझ बूझ कर ब्लागरों को गुदगुदाते रहेंगे।
हुक्का !!
जवाब देंहटाएंगलत बात.. कल बोले की कुआ नहीं है.. और आज कुए की पहेली ठोक दिये... क्या जमाना है साहब..
जवाब देंहटाएंजब कुआ था ही नहीं तो पहेली में कहाँ से आया.. या कुआ था जो पहेली में घुस गया.. स्पष्ट करें.. :)
बाकी भाई आज तो ताऊ वाली भी नहीं सुलझी अभी तक आप एक और ले आये... एक दो सही उत्तर छाप देना नकल मार लेगें...
जवाब देंहटाएंयह ज़नाब कुछ तो.. अमर कुमार ’ निट्ठल्ले ’ जैसे लगते हैं ,
बाकी कोई और भी दावेदार हों, तो पता नहीं !
हा हा हा हम बूझते भये मगर बताएगें नहीं ..बहुत उधिरा गएँ हैं idhar !
जवाब देंहटाएंनहीं पता जी!!
जवाब देंहटाएंयह सिर्फ पहेली बुझाई जा रही, कि आग लगाई जा रही है. :)
जवाब देंहटाएंएक गावँ लम्बी सराय मीडिया वाले जिनके बारे मे बात हुई, दूसरे गावँ में कुआँ सुरेश जी की पोस्ट जिसमें रिश्तों वाली बात.
जवाब देंहटाएंतीसरे गावँ में आग लगी थीचिट्ठाचर्चा पर जो आलेख आपने चैंपा, रीसते रिश्ते, चौथे में था धुआँ ..हाहा!! निजता भंग वाली पोस्ट
--पहेली हल हो गई.
मात्र हल करने को हल की है...बवाल मचवाना मेरा मकसद नहीं है. :)
टिप्पणी मॉडरेशन में चली गई जबाब वाली..अब तो वापस भी नहीं ले सकते..बूह्ह्ह्ह्ह्हू :(
जवाब देंहटाएंहम बूझ तो गए मगर बताएगें नहीं -इधर ज्यादा ही उधिरा गए हैं भाई !
जवाब देंहटाएंभाई जी,
जवाब देंहटाएंअभी अभी ताऊ के यहाँ से आ रहा हूँ, बिना पहेली बताये.
तो ये बताओ कि जब मैंने ताऊ वालियों का जवाब ही नहीं दिया तो तुम्हारी वालियों का कैसे दे दूं?
अरे विवेक भाई ,....हमसे कहते न ..हम कुँआ ...सराय..गाँव..और धुंआ ..सबका ऐद्रेस्वा दे देंगे..कहिये तो लिंक भी भेज दें ..हाँ हाँ ..ऐसे थोडी ..इहाँ नहीं..हम तो फोन पर बताएँगे..जब मिलिएगा न तब...और धुंआ पकड़ कर आग टैग पहुंचा कौन मुश्किल काम है..देखिया मिश्र जी ..पकड़ लिए न...बांकी ऊ भी फोन नंबर के इन्तजार में है....ऐसन पहेली का उत्तर फोन पर लिया कीजिये ..देखिये कम से कम एक सौ विजेता मिल जाएगा ..
जवाब देंहटाएंhum nahi bujha paate paheli
जवाब देंहटाएंभाई बेरा कोनी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
हुक्का !
जवाब देंहटाएंअब तक तो कई लोग बता चुके होंगे। लेकिन हम भी अपना नाम शामिल करा लेते हैं। हुक्का है जी यह। मेरे गाँव की एक बुढ़िया बहुत पीती थी। हाल ही में मर गयी।
जवाब देंहटाएंशिकार पर के हो इसलिये हुक्के की ही बात करोगे। :)
जवाब देंहटाएंपहेली का तो पता नहीं, लेकिन तुक ने मन मोहा...
जवाब देंहटाएंहुक्का।
जवाब देंहटाएंभाई ये ताऊ रामपुरिया का हुक्का गुडगुडा रहा है ऐसा लगता है पक्का हुक्का ही है सही जवाब
जवाब देंहटाएंवाह मेरा उत्तर वापस आ गया.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
चलो अब हुक्का पी ही लूँ
्तुक्का..
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