प्रिय ब्लॉगिंग,
आशा है तुम मज़े में होगी । मैं भी मजे में हूँ । अब यह न पूछना कि मैं तुमसे दूर रहकर भी मजे में कैसे रह रहा हूँ जबकि तुम तो मेरे बिना अधूरी अधूरी सी फील करती हो । वैसे अगर तुम ऐसा पूछ भी लो तो भी मेरे ऊपर कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि मुझे तुम्हारा वह प्रश्न निहायत ही औपचारिक लगने वाला है ।
मुझे अच्छी तरह याद है कि जब तुमसे पहली बार मुलाकात हुई थी तो मैं तुम्हें अच्छी तरह जानता भी न था । किन्तु कुछ ही दिनों में हालात ऐसे हो गए कि मुझे तुम्हारे सिवाय कोई दूसरा नज़र ही न आता था । तुमने मेरा परिचय आभासी दुनिया के ऐसे ऐसे पात्रों से कराया जिनके सम्पर्क में रहकर मैं रोमांचित हुए बिना न रह सका । ऐसे ऐसे अनुभव इस दुनिया में हुए जो वास्तविक जीवन में शायद संभव न थे । मेरा ज्ञान बढ़ा ।आशा है तुम मज़े में होगी । मैं भी मजे में हूँ । अब यह न पूछना कि मैं तुमसे दूर रहकर भी मजे में कैसे रह रहा हूँ जबकि तुम तो मेरे बिना अधूरी अधूरी सी फील करती हो । वैसे अगर तुम ऐसा पूछ भी लो तो भी मेरे ऊपर कोई फ़र्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि मुझे तुम्हारा वह प्रश्न निहायत ही औपचारिक लगने वाला है ।
जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है । यह कहावत तुम्हारे विषय में भी सटीक बैठी । जल्दी ही मुझे महसूस होने लगा कि मैं वास्तविक दुनिया से कटता जा रहा हूँ । संयोगवश मैं तुमसे मिलने से पूर्व ही इंजीनियरिंग करने के लिए The Institution of Engineers(India) के सम्पर्क में आ चुका था । और वह मेरी रोजी रोटी से जुड़ा सवाल था । मेरे समय और रुचि की जब अध्ययन के लिए अतिआवश्यकता थी तब तुमने भी बड़ी चालाकी से इन दोंनो चीजों को अपने कब्जे में कर लिया और मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया । बच्चों के पढ़ाने की ओर ध्यान देना तो बहुत दूर की बात हो गयी थी ।
लेकिन जो होता है अच्छे के लिए होता है यह कहावत भी सटीक निकली । मानो मेरी तुमसे मुलाकात ही भले के लिए हुई थी । मैंने तुम्हारे और अपने बीच से इंजीनियरिंग को शीघ्रातिशीघ्र हटाने के लिए कमर कस ली । तुम्हारे प्यार में मैंने ने AMIE(Associate Member of Institution of Engineers) नाम की यह बाधा महज दो साल में ही पार कर ली । हालांकि इसके लिए कुछ समय के लिए मुझे तुमसे ज़ुदा भी होना पड़ा । जिसे तुम्हारे आभासी पात्रों ने टंकी पर चढ़ना बताया ।
यह सब ठीक उसी तरह हुआ जैसे किसी लड़की को चाहने वाले लड़के के सामने लड़की का पिता उच्च शिक्षा हासिलकरने की शर्त रख दे । किन्तु असल में लड़की का पिता यही सोचता है कि इस अवधि में यह बेमेल प्यार नाम की चीज हवा में वाष्पीकृत हो जायेगी । फिल्मों में तो हालांकि ऐसा नहीं होता लेकिन मेरे साथ यही हुआ ।
अब जब कल मेरा परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है । मैं पास हो गया हूँ , और मेरे पास समय काफी है । ऐसे में मेरा तुम्हारे लिए वह प्यार कहीं ढूँढ़े नहीं मिल रहा है ।
फिर भी तुम्हें धन्यवाद पाने का हक तो है ही । धन्यवाद ब्लॉगिंग ।
अरे अरे तुम्हारा चेहरा क्यों लटक गया ? मैं कहीं तुमसे दूर थोड़े ही हूँ । हम अच्छे दोस्त तो बने रह ही सकते हैं न । इसी बहाने तुम्हारे पास आना-जाना लगा रहेगा । क्या पता कल को तुमसे फिर प्रेम हो जाये । ऐसी क्या बात है !
बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई हो....
जवाब देंहटाएंखत किताबत जारी रहे. आप जहाँ है मजे से रहें. बाकी सब ठीक है
जवाब देंहटाएंnice एक दूजे के लिए ..
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई दोस्त
जवाब देंहटाएंCongrats! But are you really going to scale some tankee's height?
जवाब देंहटाएंblog ke binaabhee umra kaat lenge aap kintu
जवाब देंहटाएंkahee to adhooree jindgaanee rah jaayegee
yaani rah jaayege ena man mai umang naa hee lekhan mai dilkash ravaanee rah jaayegee
dosto ke blog par hee na teepiye huzoor, achchha likhe us par bhee nazre to ghumaaiye
kisee ek ko nishaanaa mat he banaao prabhu, lekhane kee dhaar yoo to kund ho jaayegee
nar maadaa mai bhee mat baantiyegaa blogar ko
duniyaa haseen aise gandee ho jaayegee
ek tukka maraa hai
bahut hi badhiya andaz me likha hai aapne.
जवाब देंहटाएंbadhai aur shubhkamnayein
विवेक भाई,
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई और करियर के लिए शुभकामनाएं...
रही ब्लॉगिंग, वो तो बेचारी गा रही है...
अभी तुमको मेरी ज़रूरत नहीं,
बहुत चाहने वाले मिल जाएंगे,
जवानी जब दर्पण से मुंह चुराने लगे,
तब तुम मेरे पास आना प्रिय,
मेरा दर खुला है, खुला ही रहेगा,
तु्म्हारे लिए...
जय हिंद...
जवाब देंहटाएंतो... आप मतलबी आशिक निकले,
बस अपना ही दिल बहलाया, कईयों के दिल से खेला, कुछ का जोड़ा..
पर इस तरह परमानेन्टली दिल तोड़ने की बात तो न कीजिये ।
आख़िर मेरी कोख में आपके पोस्ट-रूपी बच्चे हैं, इन्हें कौन देखेगा ।
क्या इंज़ीनियर लोग पढ़ने लिखने का शौक भूल जाते हैं ?
मुझे आपका धन्यवाद न चाहिये, जब भी आप अकेले होंगे, मैं आपको परेशान किया करूँगी.. हाँ नहीं तो !
बड़े आये मुझसे दूर जाने वाले.. आपकी ब्लॉगिंग !
बधाई हो जी :)
जवाब देंहटाएंआप कवि , कार्टूनिस्ट , ब्लोगर आदि के साथ आब इंजिनियर भी हो लिए |
हार्दिक शुभकामनाएँ
यह अंदाज़ भी खूब है विवेक जी.
जवाब देंहटाएं'ब्लॉग्गिंग' की शिकायत है कि आप ने उसको लिखा पत्र सार्वजनिक कर दिया !
बेचारी ! वो तो अहिल्या की तरह पत्थर बनी हुई है[पाषाण की शिला].फ़र्क यही है कि आज इस' पत्थर 'का उपयोग इस हाथ /उस हाथ -
इस पर /उस पर प्रहारों के लिए किया जा रहा है.
बधाई जी बधाई
जवाब देंहटाएंबी एस पाबला
अब, ब्लॉगिंग को शुभकामनाएँ :-)
जवाब देंहटाएंआपकी ब्लोगिंग की भावनाए तो गुरुवर अमर कुमार जी ने ही बयां कर दी,, अब हम क्या कहे..
जवाब देंहटाएंपर हाँ आपको पास होने के लिए तार नंबर सात दे सकते है..
बहुत बहुत बधाई हो विवेक भाई ये वाला आईडिया पहले बताते तो हम भी ट्राई कर लेते मगर अब तो फ़्रेंड्स बोल कर चेंज भी नही कर पा रहे हैं गले तक़ डूब गये हैं इसके प्यार मे दरअसल ये हमारा पहला और बुढापे का प्यार है ना। हा हा हा हा हा,चलो दोस्ती के बहाने ही सही इससे रिश्ता तो बनाये रखोगे।एक बार फ़िर बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhayi..........vaise khushdeep ji ne kah to diya hai.
जवाब देंहटाएंBadhayee sweekar karen...! Anek shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएंjai ho!!
जवाब देंहटाएंचलिये, अन्त भला तो सब भला ।
जवाब देंहटाएं@ khushdeep
जवाब देंहटाएंGone are the days when she used to sing like that. now she sings something like...."Ja ja ja re, tujhe hum jaan gaye, kitne paani mein ho, pehchaan gaye..."
@ Dr. Amar
Hope he won't suggest her to go for abortion.