प्रस्तुत कविता बच्चे के स्कूल के लिए लिखी गई थी, ताकि वह इसे मंच पर सुना सके । लेकिन लिखने के बाद लगा कि कुछ गम्भीर हो गई । इसलिए स्कूल के लिए दूसरी कविता लिखने का प्रयास जारी है । इसे ब्लॉग पर डाल दिया है । पड़ी रहेगी । क्या पता कोई पढ़ ही ले ।
“Though I have done no mistake,
Excuse me for God’s sake.
I am poor, you are great.
You are master of my fate.
But remember always that,
human, lion, dog or cat,
all creatures are same for God.
No sound is, in his rod.
He, who will afflict others,
will be facing horrid curse.
Killing weak is not correct.
This is universal fact.”
Listening this the hunter said,
“Don’t teach me good and bad.”
Gun fire ! but no scream ?
Thank God it was a dream !
Oh! That's excellent! But human beings,do what you may,are going to consider themselves as superior to other beings!
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग पर अंग्रेजी कविता? घोर अन्याय है अपनि हिंदी पर। लीजिए हम ठीक किए देते हैं:)
जवाब देंहटाएंगलती मेरी नहीं है काफी
प्रभुजी दे दो फिर भी माफी
मैं गरीब तू बड़ा महान
भाग्यविधाता लूँ मैं मान
पर इतना तुम रखना ध्यान
नर, नाहर, बिल्ली और श्वान
सबको रखता एक समान
मौन प्रहार करे भगवान
जिसने परपीड़ा पहुँचाई
वह अभिशप्त रहेगा भाई
निर्बल को मारन है पाप
दुनिया कहती सुन लो आप
सुन उपदेश शिकारी भड़का
ले बन्दूक जोर से कड़का
धाँय-धाँय... पर नहीं तड़पना
शुक्र खुदा का यह था सपना
अब मत कहियेगा कि पढ़ा नहीं किसी न ?
जवाब देंहटाएंअरे भाई,
जवाब देंहटाएंअंग्रेज मत बनो। तुम्हारे यहां तो वही पुराना वाला स्टाइल मस्त लगता है।
पढ ली ये अलग बात है कमेन्ट हिन्दी मे कर रहे हैं। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंपढ़ा भी और अच्छी भी लगी बहुत आपकी कविता ...
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