संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें ।
रविवार, सितंबर 14, 2008
जबरदस्ती आएंगी ?
आज मुदित मन मिल गया, नया तरीका एक । अधिक टिप्पणी चाहिये ? ताक रखें स्वविवेक । ताक रखें स्वविवेक, विवादास्पद ही लिखना । बता अन्य को निम्न, स्वयं तुम महान दिखना । विवेक सिंह यों कहें, जबरदस्ती आएंगी । अच्छी हों या बुरी किन्तु मन हर्षाएंगी ॥
विवादास्पद ही लिखना = यह काठ की हांडी है, बार बार नहीं चढ़ती!!! इसे भी ध्यान रखना, अनुज!!
जवाब देंहटाएंमतलब गुरु जी कल का विवाद भूल चुके हैं . धन्य हैं.
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