चूँकि इस कम्पनी को पेट्रोलियम के क्षेत्र में कोई अनुभव न था इसलिए 1889 में असम ऑइल कंपनी की स्थापना की गयी । इसी साल भारत में पहला तेल कुआँ खोदा गया । इसी असम ऑइल कंपनी द्वारा 1901 में डिगबोई रिफाइनरी की स्थापना हुई । 1981 में संसद ने कानून बनाकर असम ऑइल कंपनी को इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में विलय कर दिया । और यह इंडियन ऑइल कंपनी का असम ऑइल डिवीजन कहलाया ।
वर्तमान में यह विश्व की सबसे पुरानी रिफ़ाइनरी है जो चल रही है । इसकी रिफाइनिंग क्षमता को 0.5 MMTPA(Million Metric Tonne Per Annum) से बढ़ाकर 0.65 MMTPA कर दिया गया है । डिगबोई रिफ़ाइनरी के लिये कच्चा तेल असम ऑइल फील्ड्स से मुहैया कराया जाता है और इसके उत्पाद पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में खपाये जाते हैं ।
bahut acchi jaankaari .
जवाब देंहटाएंजानकारी बढ़ाने के लिए शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंडिगबोई का नाम तो बहुत सुना था पर इसके नाम के पीछे के कारण का पता चला
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंचीनी आक्रमण के समय यह नाम काफ़ी चर्चित था। अच्छी जानकारी। आभार॥
जवाब देंहटाएंnice information.. :)
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जानकारी |
जवाब देंहटाएंभला अंग्रेजों का..:)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति... वाहवा
जवाब देंहटाएंये भी गजब है जी। डिग ब्वाय से डिगबोई बन गया!
जवाब देंहटाएंहां जी आपकी यह डिबोई हमने कई बार देखी है. यानि हमारे चरण वहां पड चुके हैं..आगे आप सोच लिजिये.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
भूल सुधार :
जवाब देंहटाएंडिबोई = डिगबोई पढा जाये.
रामराम.
मुझे तो मालूम नहीं था डिग बॉय के बारे मैं | अच्छा किया यार बता दिया |
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी. बहुत-बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंगुरु चेंज कर के ज्ञान जी को बना लिया क्या.. ?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी और ज्ञानवर्धक जानकारी
जवाब देंहटाएंरोचक तथ्य है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी, धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंएक और विषय पर बडिया पोस्ट बधाई
जवाब देंहटाएंअच्छा, मैं असमिया शब्द समझता था - यह डिग ब्वॉय निकला।
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