सोमवार, अगस्त 03, 2009

हमारी पहली रिफाइनरी-डिगबोई

बात अंग्रेजों के जमाने की है । असम के घने जंगलों में असम रेलवेज एण्ड ट्रेडिंग कंपनी द्वारा रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा था . घने जंगलों से कुछ हाथी गुजर रहे थे । हाथियों को कच्चे तेल में लथपथ देखकर कंपनी के इंजीनियर को पेट्रोलियम की मौजूदगी का आभास हुआ । और वह सहसा अंग्रेजी में खुशी से चिल्लाया, "Dig boy ! Dig " । कहा जाता है कि इसी से इस स्थान का नाम डिगबोई रखा गया । यह बात 1866 की है ।

चूँकि इस कम्पनी को पेट्रोलियम के क्षेत्र में कोई अनुभव न था इसलिए 1889 में असम ऑइल कंपनी की स्थापना की गयी । इसी साल भारत में पहला तेल कुआँ खोदा गया । इसी असम ऑइल कंपनी द्वारा 1901 में डिगबोई रिफाइनरी की स्थापना हुई । 1981 में संसद ने कानून बनाकर असम ऑइल कंपनी को इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में विलय कर दिया । और यह इंडियन ऑइल कंपनी का असम ऑइल डिवीजन कहलाया ।

वर्तमान में यह विश्व की सबसे पुरानी रिफ़ाइनरी है जो चल रही है । इसकी रिफाइनिंग क्षमता को 0.5 MMTPA(Million Metric Tonne Per Annum) से बढ़ाकर 0.65 MMTPA कर दिया गया है । डिगबोई रिफ़ाइनरी के लिये कच्चा तेल असम ऑइल फील्ड्स से मुहैया कराया जाता है और इसके उत्पाद पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में खपाये जाते हैं ।

21 टिप्‍पणियां:

  1. डिगबोई का नाम तो बहुत सुना था पर इसके नाम के पीछे के कारण का पता चला
    धन्यवाद

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  2. चीनी आक्रमण के समय यह नाम काफ़ी चर्चित था। अच्छी जानकारी। आभार॥

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  3. ये भी गजब है जी। डिग ब्वाय से डिगबोई बन गया!

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  4. हां जी आपकी यह डिबोई हमने कई बार देखी है. यानि हमारे चरण वहां पड चुके हैं..आगे आप सोच लिजिये.:)

    रामराम.

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  5. भूल सुधार :

    डिबोई = डिगबोई पढा जाये.

    रामराम.

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  6. मुझे तो मालूम नहीं था डिग बॉय के बारे मैं | अच्छा किया यार बता दिया |

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  7. सुन्दर जानकारी. बहुत-बहुत आभार.

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  8. गुरु चेंज कर के ज्ञान जी को बना लिया क्या.. ?

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  9. बहुत अच्छी और ज्ञानवर्धक जानकारी

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  10. बहुत अच्छी जानकारी, धन्यवाद!

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  11. अच्छा, मैं असमिया शब्द समझता था - यह डिग ब्वॉय निकला।

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