बुधवार, जून 23, 2010

समथिंग डिफ़रेण्ट करो जी

लाइफ में रखिए सदा, पॉज़ीटिव ऐप्रोच ।

ओल्ड थॉट्स को बेचकर, ब्रिंग होम न्यू सोच ॥

ब्रिंग होम न्यू सोच, ज़माना नया आ गया ।

अखिल वर्ल्ड स्टोरी में, न्यू ट्विस्ट आ गया ॥

विवेक सिंह यों कहें, ओल्ड को अलग धरो जी ।

दिल कहता है, अब समथिंग डिफ़रेण्ट करो जी ॥

मित्रगण