युद्ध ही दिखता एक विकल्प !
शांति के दरवाजे सब बन्द ।
मूर्ख होता जाता उद्दण्ड ॥
लगाता जाता प्रत्यारोप ।
चलाता नित्य झूठ की तोप ॥
बताता सब साक्ष्यों को गल्प ।
युद्ध ही दिखता एक विकल्प !
चाहता हर कोई बस युद्ध ।
दिख रहा जनमानस अतिक्रुद्ध ॥
बन गया है अब जो नासूर ।
चिकित्सा उसकी हो भरपूर ॥
तभी हो सकता कायाकल्प !
युद्ध ही दिखता एक विकल्प !
लगाकर बैठे हैं सब घात ।
पडौसी जो हैं उसके साथ ॥
अभी जो आस्तीन के साँप ।
कर रहे इंतजार चुपचाप ॥
लूटने का करके संकल्प !
युद्ध ही दिखता एक विकल्प ?
युद्ध का उठा सकेंगे बोझ ?
करेंगे मेहनत दूनी रोज ?
पिछडना है आपको कबूल ?
तरक्की जाएंगे सब भूल ?
मिलेगा भोजन भी अत्यल्प !
युद्ध ही दिखता एक विकल्प ?
कारगिल युद्ध के बाद अटल जी को मिले बहुमत के कारण सत्ताधारी दल भी युद्ध का माहोल बना कर फायदा उठाना चाहेगा |
जवाब देंहटाएंकुछ करना हो तो कर जाओ
जवाब देंहटाएंम्यान से गर निकाली तलवार
तो दुश्मन के खून से प्यास बुझाओ
आपकी इस आवाज में हम भी साथ है!!
जवाब देंहटाएंवैसे इस बार युद्द नहीं हुआ तो इस जन्म में तो नहीं देख पायेगें!!
रंजन
विवेक जी नमस्कार,
जवाब देंहटाएंयुद्ध ही दीखता एक विकल्प. भाई युद्ध होगा जहाँ होगा. लेकिन मुझसे युद्ध की कोशिश मत करना.
अपनी ईमेल आईडी बता रहा हूँ. चुपचाप फोन नंबर लिख कर बता दो. फिर देखना युद्ध. हा हा हा.
धन्यवाद.
neeraj_panghal2008@yahoo.com
समसामयिक एवं विचारोत्तेजक कविता के लिए हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंखूब कही है आपने, अच्छी सोच है. लिखते रहिये.
जवाब देंहटाएंआपका दोस्त राजीव.
भाई युद्ध के अलावा और कोई विकल्प ?
जवाब देंहटाएंरामराम !
janaab main to yudh ki tarafdaari kabhi nahi karoonga...marenge aad aadmi hi,abhi sarhad ke is paar aansso hai fir us paar hoga...
जवाब देंहटाएंkisi tarah insaan insaan se pyaar karna seekh jaaye bas
zara "mood" fresh karne ke liye ispe nazar daale:
hasy-vyang mein ek koshish:
http://pyasasajal.blogspot.com/2008/12/blog-post_5104.html
सबक सिखाना बहुत जरूरी है। पर यह काम बाहुबल के बजाय बुद्धीबल से हो जाय तो ज्यादा अच्छा है। इसके लिये आर्थिक नाकेबंदी बेहतर विकल्प है और शायद ऐसा होने भी जा रहा हो। अपनी जर्जर एकानामी से कंगाली की हद तक पहुंचा पाक इस तरह के अंकुश से खुद ही नष्ट हो सकता है। इससे हमारे जवानों की अमूल्य जिन्दगियां भी दांव पर नहीं लगेंगी।
जवाब देंहटाएंऔर फिर नहीं तो हर-हर महादेव तो होकर ही रहेगा।