बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
लो जी आज हमारा शतक पूरा हो ही गया ! बडी खुशी हो रही है । मजे की बात यह है कि यह शतक फालतू पोस्ट लिख लिखकर ही पूरा हो गया । हमें कुछ काम की चीज आती ही नहीं तो क्या इतनी सी बात के लिए ब्लॉग लिखना छोड दें ?
आप लोगों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था कि हम ब्लॉगिंग में इतना टिक पाते । आप सबके प्यार के बिना कब के उखड गए होते । मेरे फीके ( कडवा कहना अच्छा नहीं लगता ) स्वभाव के बावजूद आप लोगों ने मुझे न सिर्फ झेला बल्कि प्रोत्साहित भी किया । इससे मुझे आश्चर्य मिश्रित हर्ष हुआ ।
ब्लॉगिंग में मैंने हमेशा अपना स्वाभाविक खेल खेलने का प्रयास किया है । शायद इसीलिए यहाँ भी निजी जिन्दगी जैसे अनुभव हो रहे हैं । गलतफहमियाँ हुईं । रूठना मनाना हुआ । कभी हम रूठे आपने मनाया । कभी आप रूठे हमने मनाया । बडों ने हडकाई भी की और प्यार भी बरसाया ।
यहाँ पर बहुत सारे लोगों से जान पहचान भी हुई । फोन पर बात हुई पर आमने सामने मिलने का अवसर अभी नहीं मिला । मुझे लगता है कि मिझे जो नए लोग मिलते हैं उन्हें मेरा स्वभाव कुछ अजीब लगता होगा । मगर समय बीतते बीतते मुझे हमेशा स्वीकार किया गया है । और अच्छे अच्छे मित्र भी मिले हैं । ऐसा ही ब्लॉगिंग में हुआ । यहाँ भी मुझे सब लोगों का आशातीत प्यार मिला ।
चिट्ठा चर्चा करने के लिए मिला आमंत्रण पाकर मैंने बहुत सम्मानित अनुभव किया ।
इस शतकीय पोस्ट में मैं जानबूझकर किसी व्यक्ति विशेष का उल्लेख करने से बचना चाहता हूँ । मैं कहना चाहता हूँ कि अब तक मैंने जाने अनजाने जिन महानुभावों की भावनाओं को आहत किया हो उनसे मैं बिना शर्त क्षमा माँगता हूँ । भविष्य में ऐसा न हो यह मेरा प्रयास रहेगा । कडवी बातों को हम भूलना चाहते हैं और आपसे भी भूलने का अनुरोध करते हैं ।
चलते-चलते :
भैया मोहे ताऊ बहुत हँसायौ !
धंधौ करियौ ठगी कौ ताऊ, लट्ठ ताई सौं खायौ ।
खूँटा गाढि दियौ चिट्ठा पै , भैंस संग लै आयौ ।
बनिया कूँ ठगिवे कूँ ताऊ गोटू यार बनायौ ।
सगरौ माल उडायौ गोटू हाथ कछू नहिं आयौ ।
एकबार चंदा पै पहुँचियौ ठेला जाइ लगायौ ।
तेरी सौं मेरी सुनि भैया ताऊ सबकूँ भायौ ।
आप लोगों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था कि हम ब्लॉगिंग में इतना टिक पाते । आप सबके प्यार के बिना कब के उखड गए होते । मेरे फीके ( कडवा कहना अच्छा नहीं लगता ) स्वभाव के बावजूद आप लोगों ने मुझे न सिर्फ झेला बल्कि प्रोत्साहित भी किया । इससे मुझे आश्चर्य मिश्रित हर्ष हुआ ।
ब्लॉगिंग में मैंने हमेशा अपना स्वाभाविक खेल खेलने का प्रयास किया है । शायद इसीलिए यहाँ भी निजी जिन्दगी जैसे अनुभव हो रहे हैं । गलतफहमियाँ हुईं । रूठना मनाना हुआ । कभी हम रूठे आपने मनाया । कभी आप रूठे हमने मनाया । बडों ने हडकाई भी की और प्यार भी बरसाया ।
यहाँ पर बहुत सारे लोगों से जान पहचान भी हुई । फोन पर बात हुई पर आमने सामने मिलने का अवसर अभी नहीं मिला । मुझे लगता है कि मिझे जो नए लोग मिलते हैं उन्हें मेरा स्वभाव कुछ अजीब लगता होगा । मगर समय बीतते बीतते मुझे हमेशा स्वीकार किया गया है । और अच्छे अच्छे मित्र भी मिले हैं । ऐसा ही ब्लॉगिंग में हुआ । यहाँ भी मुझे सब लोगों का आशातीत प्यार मिला ।
चिट्ठा चर्चा करने के लिए मिला आमंत्रण पाकर मैंने बहुत सम्मानित अनुभव किया ।
इस शतकीय पोस्ट में मैं जानबूझकर किसी व्यक्ति विशेष का उल्लेख करने से बचना चाहता हूँ । मैं कहना चाहता हूँ कि अब तक मैंने जाने अनजाने जिन महानुभावों की भावनाओं को आहत किया हो उनसे मैं बिना शर्त क्षमा माँगता हूँ । भविष्य में ऐसा न हो यह मेरा प्रयास रहेगा । कडवी बातों को हम भूलना चाहते हैं और आपसे भी भूलने का अनुरोध करते हैं ।
चलते-चलते :
भैया मोहे ताऊ बहुत हँसायौ !
धंधौ करियौ ठगी कौ ताऊ, लट्ठ ताई सौं खायौ ।
खूँटा गाढि दियौ चिट्ठा पै , भैंस संग लै आयौ ।
बनिया कूँ ठगिवे कूँ ताऊ गोटू यार बनायौ ।
सगरौ माल उडायौ गोटू हाथ कछू नहिं आयौ ।
एकबार चंदा पै पहुँचियौ ठेला जाइ लगायौ ।
तेरी सौं मेरी सुनि भैया ताऊ सबकूँ भायौ ।
शतक लगाने की हार्दिक बधाईया. आप ऐसे ही शतक पे शतक लगाते जाए और माँ सरस्वती की वंदना करते जाए .
जवाब देंहटाएंमैय्या मोरी मै नहीं माखन खायो की तर्ज पर आपका पुछल्ला अच्छा लगा. शतक की बधाई.
जवाब देंहटाएंbadhhaai ho|....aapaka shatak lagana prashansniya hai|
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंशतकवीर बनने पर बधाई...
जवाब देंहटाएंबधाईयाँ बधाईयाँ बधाईयाँ बधाईयाँ बधाईयाँ बधाईयाँ बधाईयाँ .....शतक पुरा हुआ जी "
जवाब देंहटाएंregards
अजी फालतू नहीं गहरे भाव होते हैं आपके पोस्ट्स में| लिखते रहें|
जवाब देंहटाएंबड़े अच्छे दिन शतक लगाया। ऐसे ही स्कोर नाबाद आगे बढ़ता रहे - शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंशतकवीर को बधाई...।
जवाब देंहटाएंजमाए रहिए जी! :)
शत शत बधाई आपको...........और शत शत नमन आपकी लेखनी को और शत शत प्रणाम आपके ब्लॉग साथियों को जिन्होंने आपको प्रोत्साहित किया और आप हम सब के बीच शत शत चिट्ठे परोस सके
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई
बहुत-बहुत बधाई।मां सरस्वती का आपको सदा आशिर्वाद मिलता रहे,शतक पर शतक लगाते रहें।
जवाब देंहटाएंविवेक भाई, इतने संजीदा हो गये आप अपनी शतकीय प्रविष्टि में, कि मैं सब कुछ भूल ही जाउँ ।
जवाब देंहटाएंशतकीय प्रविष्टि और बसन्त पंचमी का संयोग भी कितना सुन्दर है?
बधाई, व शुभकामना।
मन्ने भी ताऊ भोत भायो....सच्ची...थारी सों
जवाब देंहटाएंशतक ज़माने पर बधाई...ब्लॉग जगत के सचिन बनो ये ही कामना है...
नीरज
शतकीय 'पोस्ट' की शत-शत बधाइयां।
जवाब देंहटाएंशतक की बधाइयां....बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंअरे वाह विवेक जी, क्या खूब सैंकड़ा लगाया... बधाई...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई। अब डबल सेंचुरी मार क ही दम लीजियेगा।
जवाब देंहटाएं२०११ का वर्ल्ड-कप खेल ही लीजिये, सचिन भाई तो १५१ बार सिंगल डिजिट में आउट हो चुके।
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं. आप पर सरस्वती की कृपा है और बनी रहे, यही प्रार्थना है. आपके प्यार के आगे नत मस्तक हूं, बस प्यार ऐसे ही बनाए रखना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशतकीय बधाई !
जवाब देंहटाएंबधाई १०० बार बधाई . स्वप्नलोक मे विचरण करते हुए हमने भी अर्ध शतक लगा दिया है[ दोनों धीरू सिंह को जोड़ देने पर ] ऐसे ही लिखते रहिये फैकते रहिये आख़िर हाथरस के पड़ोसी हो काका के क्षंद से प्रेरणा मिलती होगी ऑटोमेटिक
जवाब देंहटाएंशतक लगाने की शत शत बधाई मुन्ने!!
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! ( ये बहु और पोते के लिए है, खुद मत रख लेना आदत के अनुरुप..अच्छा, चलो, मूंह मत उतारो..थोड़ा रख लेना :))
कोई नया हिन्दी ब्लोगर जो सिर्फ़ लिखने में नही पढने में भी विश्वास रखता हो, उसे एक हफ्ते में ही हिन्दी ब्लॉगजगत के धुरंदरों का पता चल जाता है। आपके नाम हमें एक हफ्ते में पता चल गया था (इससे दो बातें सिद्ध होती हैं, एक आप धुरंदर हैं, दूसरा हम लिखने में ही नही पढने में भी विश्वास रखते हैं !!)। और भी कुछ नाम पता चले थे उन्हें हम अपने १००वे पोस्ट पर डालेंगे (या नही डालेंगे!!) अगर तब तक ब्लॉग जगत में टिके रहे तो!! आपको बधाई व शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप को हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंHappy 10 th Vivek bhai ...& many more ..
इतने सारे चिट्ठाकारों का अनुयायी बन कर आपको बधाइयां देते हुए बडा सुख मिल रहा है।
जवाब देंहटाएंजल्दी ही आप शतकों का शतक लगाएं।
आप ब्लाग जगत् की पहचान बनें।
बधाई! अपना स्वाभाविक खेल खेलते हुये खुराफ़ात करते रहो। जो होगा देखा जायेगा।
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंशतक लगाने की हार्दिक बधाईया।
"Aap ye n sochen ke aap hamaare comments se bachenge. No no no no no no. itnee achhee abhivyakti ke baad aapko hamaaree dad lenee he hogi. nosh farmaiye.
जवाब देंहटाएंVivekjee itna achha mat likha keejiye. nazar lagtee hai bhai. samajhte nahin hain aap."
प्यारे विवेक भाई याद है ये हमारी पहली टिप्पणी थी आपकी पोस्ट पर वो भी 9/11 यानि ११ सितम्बर २००८ को। ११.८.२००८ की पहली पोस्ट के बाद आपने शनै: शनै: और फिर कितने जल्दी शतक मार दिया पता ही न चला ११.८.२००८ से ३१.१२.२००८ तक ७३ और जनवरी २००९ में ही ही २३ पोस्ट ! पर हमें कोई आश्चर्य नहीं है क्योंकि हम तो आपको गुज़रे ज़माने में ही पहचान चुके थे। आज हमें भी आपके साथ साथ बड़ी मसर्रत हो रही है। हमारी हड़काई और अपनेपन दोनों को आपने जिस स्पिरिट से लिया वो शायद ही देखने मिलती है। हमारी अल्ला मियाँ से दुआ है के वो आपको तमाम लोगों की मोहब्बतों से कुछ यूँ नवाज़ दे के आपके आपके बगैर ब्ला॓गिस्ताँ की कोई महफ़िल ही ना सजे। आमीन।
फ़ीअमानल्लाह।
मोज़ैम्बो खुस्स हुआ..
जवाब देंहटाएंहम्मैं सैकड़ा नहीं, कई सौ सैकड़ा चाहिये !
तब जाकर मोज़ैम्बो बहूत खुस्स होगा !
सौ पोस्ट नहीं, सौ कमाल कहिए...हर बार एक कमाल की तलाश में तो यहां आते हैं...मुबारक
जवाब देंहटाएंफोन पर बात हुई पर आमने सामने मिलने का अवसर अभी नहीं मिला ।
जवाब देंहटाएंचिंता मत करो, जल्दी ही पानीपत आ रहा हूँ.
आखिर पकडे गए ना! आप ने तो कहा है:-
जवाब देंहटाएं‘इस शतकीय पोस्ट में मैं जानबूझकर किसी व्यक्ति विशेष का उल्लेख करने से बचना चाहता हूँ । ’
तो फिर ये ताऊ का गुणगान क्यों? ब्लागिंग के पिच पर शतक जड़ने के लिए बधाई॥