जब मेरी सरकार बनेगी ,
सभी बिलागर छा जाएंगे ।
मंत्री सबको बनना होगा ,
समुचित मन्त्रालय पाएंगे ॥
चयन करो अपना मंत्रालय ,
सबको खुली छूट दे दूँगा ।
बचे कुचे मंत्रालय लेकर ,
उनकी पोस्ट नित्य ठेलूँगा ॥
टाँग खिंचाई का विभाग तो ,
फुरसतिया ही ले जाएंगे ।
पोर्टफोलियो एक एक्स्ट्रा ,
हा हा ठी ठी का पाएंगे ॥
पर हा हा के सभी मामले ,
सीमा गुप्ता अगर सँभालें ।
फुरसतिया को फुरसत होगी ,
बस ठी ठी का बोझ उठालें ॥
ज्ञानदत्त पाण्डेय अपना प्रिय ,
ठेल मंत्रालय ले लेंगे ।
फिर जो कुछ भी मिल जाएगा ,
बता ओरिजीनल ठेलेंगे ॥
फिल्म मन्त्रालय ले लें कुश ,
मेरी उनसे रही गुजारिश ।
भूले भटके काम पडा तो ,
कर दें मेरी जरा सिफारिश ॥
शास्त्री जी जो स्नेह मन्त्री ,
बन जाएं तो फिर क्या कहना ।
सबको खूब स्नेह मिलेगा ,
फिर चाहे जैसे भी रहना ॥
लट्ठ मंत्रालय ताऊ का ,
इसमें कोई बहस न होगी ।
जो ताऊ से बहस करेगा ,
समझें उसे मानसिक रोगी ॥
बेहतर होगा जो रचना सिंह ,
अनुशासन मंत्री बन जाएं ।
पर अनुशासन में रहकर वे ,
शायद ही मंत्री बन पाएं ॥
शब्दों के मन्त्री के पद पर ,
अजीत वडनेरकर सोहेंगे ।
अर्थ अनर्थ करें शब्दों का ,
वे सबके मन को मोहेंगे ॥
दिनेश राय द्विवेदी जी भी ,
अपने विधि मन्त्री होंगे ।
कानूनी मसलों पर हमको ,
अपनी राय जरूरी देंगे ॥
अमर कुमार उठा मन्त्रालय ,
देखेंगे जब घुमा फिराकर ।
मन ही मन में सोचेंगे वे ,
गलती करदी इसको लाकर ॥
यह तो खाली मन्त्रालय है ,
इसमें भरा विभाग न कोई ।
मन्त्री बना विभाग न पाया ,
मेरी किस्मत ऐसी सोई ॥
किन्तु टिप्पणी ग्रोथ मन्त्री ,
उनको तुरत बना डालूँगा ।
होती खरी टिप्पणी इनकी ,
सबसे ज्यादा मैं ही लूँगा ॥
उडन तश्तरी के सुपुर्द हैं ,
आसमान के सभी मामले ।
ब्लॉगजगत की निगरानी हो ,
आसमान से ना हों हमले ॥
सफल रहे आलोक पुराणिक ,
अपना प्रिय मन्त्रालय लेकर ।
व्यंग्य विभाग उडाकर भागे ,
बिलागरों को झाँसा देकर ॥
झाड फूँक मन्त्री का पद तो ,
ले ही लेंगे अभिषेक ओझा ।
और दूसरा कोई इसका ,
उठा न सकता पूरा बोझा ॥
आम आदमी की मन्त्री जब ,
रीता भाभी बन जाएंगी ।
भरतलाल जो खबरें देगा ,
वे खबरें भी छप जाएंगी ॥
शिवकुमार मिश्रा जी गुरु हैं ,
उनको मन्त्रालय ना देंगे ।
हम तो बैठे मौज करेंगे ,
सारा काम वही देखेंगे ॥
कविता में है खूब समेटा
जवाब देंहटाएंब्लाग जगत तुमने भाई
जो अब तक थे अनजान
उनकी भी पहचान बताई
प्रचार मन्त्रालय अब भी बाकी
उसको कौन सम्हालेगा ?
सूझ-बूझ का काम है भाई,
खुद विवेक ही जिम्मा लेगा
वाह खूब ! अब तो ब्लोगिंग करने में भी बड़ा फायदा हो रहा है ताऊ द्वारा चाँद पर प्लाट के बाद अब चिट्ठाकारों को मंत्री पद की सौगात भी |
जवाब देंहटाएंकहीं राजनेता ये कविता पढ़कर चिट्ठाजगत में ना घुसपैठ करदे इसके लिए भी एक और मंत्रालय की जरुरत होगी और वो ताऊ के पास रहे तो ही ज्यादा अच्छा रहेगा आख़िर उनका लट्ठ कब काम आएगा |
विवेक जी कमाल की सोच है ! जवाब नही इस रचना का ! मैं तो इसको आल्हा के रूप में गुनगुना कर पढ़ रहा हूँ ! जबरदस्त ही कहूंगा इस रचना को ! मजा आ गया !
जवाब देंहटाएंरामराम !
samajh nahee ata teen ne pare aur pasand chaar ko aaye. gajab he. kud hi lage ho kya?
जवाब देंहटाएंअनुशासन में रहकर वे ,
जवाब देंहटाएंशायद ही मंत्री बन पाएं ॥
आपने मजाक मे ही सही सच लिख ही दिया . अनुशासन अपने ऊपर अगर सब रखना सीख जाये , सारे मंत्रालय ख़ुद बा ख़ुद ख़तम हो जायेगे .
मैं अपना विरोध दर्ज कराता हूँ
जवाब देंहटाएंकसम मुझे राणे की
अगर मंत्री मुझे न बनाया
तो यह सरकार गिरा दूंगा
अलग ब्लोगिस्थान बना कर
अपनी सरकार बना लूँगा
आदरणीय बेनामी जी से विनम्र निवेदन है कि उन्हें हम से नाम छिपाने की कोई आवश्यकता नहीं है . ऐसी छोटी बात तो मजाक के दायरे में हैं .हम बुरा थोडे ही मानेंगे . वैसे कुछ लोग बिना पढे फोटो पर ही मर मिटते हैं .
जवाब देंहटाएं@धीरू सिंह जी मन्त्री तो सबको बनना पडेगा यह सूची तो संभावित है इन लोगों की पसंद के आधार पर . अन्य लोग बुरा न मानें हाँ अपना अपना मन्त्रालय खुद चुन लें . यह तो हमने पहले ही कह दिया है . सरकार बनने के बाद ही गिरा लेना . आप तो पहले ही गिराने लगे . कैसे मित्र हैं हमारे :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया। झाड़े रहें।
जवाब देंहटाएंमंत्रि मंडल में ना सही शपथ ग्रहण समारोह में ज़रुर आमंत्रित करिएगा । अभी तो निगम मंडलों में गुंजाइश बाकी है , इसके मद्देनज़र नई लिस्ट का इंतज़ार रहेगा । ख्याल रखिएगा ।
जवाब देंहटाएंसारे का सारा सीटवा ले जायेंगें का ? बढिया है।
जवाब देंहटाएंपर यदि विपक्षवा का जरूरत परे तो हम हूं ना।
एक-दू ठो हल्ला मचाने वाला ना हो तो मज़ा नहीं ना आता है।
वाह,वाह! अब तो लगता है फ़ट से चुनाव हो जायें और झट से मंत्रालय मिल जाये। मजा आ गया विचार सुनकर। शानदार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया विवेक जी,
जवाब देंहटाएंअपना मंत्रालय चुनना तो मेरे बस की बात नहीं है, इसलिए तुम ही मुझे भी फटाफट कोई मंत्रालय दे दो.
नीरज जी , हम आपको सुझाव दे सकते हैं कि पर्यटन मन्त्रालय लोगे तो आपके काम का रहेगा :)
जवाब देंहटाएंक्या ब्बात है विवेक भाई. अरे बेल दिया पापड वाले को यार. अहा. इतनी बेहतरीन गुन्जाइशें सुझा दी हैं आपने तो. बहुत सुन्दर शब्दों का गुल्दस्ता सजाते हो भाई विवेक जी. मैं रहूं या नहीं देख लेना विवेक एक दिन परचम फ़हराओगे ज़रूर आप.
जवाब देंहटाएंअपने मंत्रालय में जगह देने का बहुत बहुत शुक्रिया, हा हा हा हा हा , ये देखे हमने तो अपना कार्यभार आज से ही संभाल लिया"
जवाब देंहटाएंRegards
भाई,
जवाब देंहटाएंआपने कमाल कर दिया। पढ़कर मज़ा आ गया।
चलिए पद स्वीकार किया :-)
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना अच्छे व्यंग्य।
जवाब देंहटाएंआपके शब्दों में
तथाकथित ग़ज़लें लिखने वाला
प्रकाश बादल्
सबको लपेटे में ले लिये भइया! ख़ूब!
जवाब देंहटाएंमहान मंत्री महोदय,
जवाब देंहटाएंआपने अब तक कुछ विभाग ही अलाट किए हैं, और जो अलाट किए हैं उसमें भी किंतु परन्तु लगा दिया है... क्या बात है.... प्रधानमंत्री हो तो आप जैसी सूझ बूझ वाला....भरोसा किसी पर है ही नही ... ! आप अनुशासन मंत्रालय मुझे दे दो, अनूप जी से जो कुछ तय किया हो उससे भी अधिक दूँगा, आधा अडवांस देने को तैयार हूँ, बशर्ते ज्ञानदत्त जी गारंटी ले लें ! ध्यान रहे कि अकेला मैं ही हिसाब किताब में खरा रहूँगा बाकी सब तो उठाईगीरे हैं !
हाँ विवेक जी, मैं भी पर्यटन मंत्रालय ही सोच रहा था पर जरा कन्फ्यूज था. तुमने मेरा पसंदीदा मंत्रालय दे दिया. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंकाय भैय्या हम का मंत्री पद के उपयुक्त नही है का तनिक इसपर भी विचार करो . पद न मिला तो हम असंतुष्ट ग्रुप में घुस जावेंगे जी .. हा हां ही
जवाब देंहटाएंतनिक सीमाजी से पूछ लो भाई बिना ज्वानिंग और शपथग्रहण के कैसे कार्यभार ग्रहण कर लिया है जी हा हा हा जी
जवाब देंहटाएंमंत्रालय के सभी मंत्रियों को आम जनता की ओर से शुभकामनाएं.... मेरी ओर से भी स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंइंकलाब जिंदाबाद.. इंकलाब जिंदाबाद..
जवाब देंहटाएंये क्या बात हुई भला? हम 1 हफ्ते के लिये यहां से गायब क्या हुये पूरा का पूरा षडयंत्र बना लिया गया!!
मेरे बिना मंत्रीमंडल बना तो खैर नहीं.. पूरे भारत में आंदोलन खड़ा कर दुंगा..
अरे भईया...अब तुम आदमियों से कुछ ना चलने को.....अब तो हम भूतों को बुलाओ भाई.....और न बुलाया ना....तो तुम्हारे मंत्रालय के कोने-कोने में छा जायेंगे....
जवाब देंहटाएंदेख लेंगे कि कैसे घुसते हो तुम सब अपने कक्षों में....!!हा..हा..हा..हा..!!!!
पुरानी कहावत है ;
जवाब देंहटाएंअंधा बांटे रेवडी फ़िर अपनों को दे
आपने भी कुछ ग़लत नहीं किया
भई मज़ा आ गया कविता पढ़ कर ।
जवाब देंहटाएंये प्रतिभा तो अद्भुत है आपमें।
शुभकामनाएं स्वीकार करें।
सार्थक पंक्तियाँ सुंदर विचार यथार्थ और मजेदार
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