शुक्रवार, जनवरी 29, 2010

तब मैं कहाँ था ?

कभी-कभी कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं जो तत्काल शायद तुच्छ लगें लेकिन उन्हें हम जीवन भर भुला नहीं पाते । यह बातें यदि गावं की हों तो कहना ही क्या ।  रह रहकर वे हमारे मस्तिष्क-पटल पर उभरती हैं और  यादों को ताजा कर जाती हैं । हमें गुदगुदाती रहती हैं ।

ऐसी ही एक घटना है । गावं में एक बार हमारे पड़ौसी दादा जी अपनी बारात का कोई रोचक किस्सा बता रहे थे । अन्य लोगों के साथ  उनका पोता भी बैठा सब सुन रहा था जो अभी छोटा ही था । उसने पूछा, “ दादा जी तब मैं कहाँ था ?”

“तू तो तब पैदा भी नहीं हुआ था ।” दादा जी ने कहा ।

क्या मैं उस समय मम्मी के पेट में था ?”

दादा जी ने तनिक सोचा और कहा, “ नहीं । उस समय तो तू अपनी नानी के पेट में होगा ।”

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