सोमवार, अप्रैल 05, 2010

शेर का ऑफिस

चींटी रोज सुबह जल्दी ही अपने काम में लग जाती और देर शाम तक कठोर परिश्रम करती । जब जंगल के बॉस शेर ने यह देखा तो सोचा कि जब यह चींटी बिना किसी प्रेरणा के इतना उत्पादन कर रही है तो इसे सहयोग दिया जाय तो उत्पादन निश्चित ही बढ़ जाएगा । अत: उसने तिलचट्टे को चींटी का सुपरवाइजर नियुक्त कर दिया । और उससे नियमित रिपोर्ट बनाने को कहा । तिलचट्टे ने सबसे पहले काम के घण्टे निर्धारित किए और आने जाने का समय नोट करने के लिए कार्यस्थल पर एक घड़ी लगा दी । उसने टाइपिंग करने, रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने और फोन काल्स रिसीव करने के लिए एक मकड़ी को नौकरी पर रख लिया ।
शेर तिलचट्टे की रिपोर्ट देखकर बहुत खुश हुआ और उसने तिलचट्टे को ग्राफ पर चार्ट बनाने को कहा जिससे उत्पादन की दर के कम ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा सके और विश्लेषण को बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत किया जा सके । इसके लिए तिलचट्टे ने एक कम्प्यूटर और एक प्रिंटर खरीदा । तितली को उसने सूचना और तकनीक विभाग की अधिकारी बना दिया ।
चींटी इस कागजी कार्य और मीटिंग्स की अधिकता से आज़िज़ आ गई क्योंकि उसका ज्यादातर समय इसी सब में चला जाता था ।
अब शेर ने सोचा कि किसी को विभागाध्यक्ष बनाना चाहिये । उसने झींगुर को इस पद पर बैठा दिया । झींगुर ने सबसे पहले एक अच्छी कुर्सी और अच्छा कालीन मँगवाया । उसने अपने पहले ऑफिस से सहाय्क को बुला लिया ताकि वह बजट बनाने और रिपोर्ट तैयार करने में उसकी मदद कर सके ।
अब वह कार्यस्थल उदास लगने लगा जहाँ कोई हँसता नहीं था । झींगुर ने बॉस को जलवायु संबन्धी जाँच कराने के लिए राजी कर लिया ।
इसी बीच शेर को पता चला कि उत्पादन तो बढ़ने के बजाय कम होता जा रहा है । उसने पूरे मामले की जाँच एक नामी गिरामी जाँच अधिकारी उल्लू के हवाले कर दी ।
उल्लू ने अपनी रिपोर्ट दी कि विभाग में कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से बहुत अधिक है ।
अनुमान लगाइये शेर ने किस पर क्रोध किया ?

( मित्र से मिले e-mail पर आधारित )

11 टिप्‍पणियां:

  1. इस मामले में एक पहलू यह भी है कि इन तमाम नियुक्तियों व खरीदारियों में घूस व कमीशन का लेन-देन काफी चला होगा। लेन-देन की राशि जिनकी तिजोरियों में गयी होगी, वे रातों-रात अमीर बन गए होंगे। लोग अमीर हुए तो देश अमीर हुआ। इस तरह उत्‍पादन भले घटा, लेकिन जनता और देश की समृद्धि बढ़ी होगी :)

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  2. उल्लू की ये रिपोर्ट कि कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से बहुत अधिक है चींटी पर बहुत भारी पड़ने वाली है.

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  3. बढ़िया व्यंग ! यही तो माडर्न मैनेजमेंट स्टाईल है जिससे हमारा India.inc. चल रहा है.

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  4. अच्छा कमेंटट हैं...लेकिन हाइटेक जमाने को कैसे आपने तिलचट्टे झीगुर से जोड़ दिया काबिले तारीफ है..

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  5. यह कहानी तो हमें एक बड़ी भारतीय कम्‍पनी की लग रही है। जहाँ आजकल यही हो रहा है।

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  6. वाकई में चींटी को ही काम से निकालना चाहिये.. माडर्न मैनेजमेंट...

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  7. अन्धेर पुर नगरी चौपट राजा

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  8. यह तो ऐसा लग रहा है कि रोज ही हम देख रहे हैं आसपास

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  9. अरे यह कहानी तो मेरे देश भारत की ही लगती है जी, ओर अब तो हर तरफ़ उल्लू ही उल्लू बेठे है, जनता बेचारी क्या करे???

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