मुझको शक है, पाँच साल सरकार ये चल जायेगी ।
रौनक वो चुनाव की अब कई साल नहीं आयेगी ॥
मुझको शक है, भारत भृष्टाचार जाल में जकड़ा ।
यद्यपि मैंने रंगे हाथ न कोई अब तक पकड़ा ॥
मुझको शक है, कसाब को फाँसी की सजा बुलेगी ।
किन्तु उसे माफ़ी देने पर यह सरकार तुलेगी ॥
मुझको शक है, अर्थशास्त्री भारत के गृह-मन्त्री हैं ।
भारत में अपहरण फिरौती शायद टैक्स फ़्री हैं ॥
मुझको शक है, यूसुफ़ भारत-रत्न झटक ही लेंगे ।
अच्छे-अच्छे जो न पा सके, किस्मत पर रो लेंगे ॥
मुझको शक है, शायद मैं कुछ उल्टी बात कह गया ।
स्वयं नहीं मालूम मुझे, भावों में कहाँ बह गया ॥
मुझे कोई शक नहीं कि सब मालूम है आपको । सारी सच्ची बातें शक सुबहे में कह गये आप । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंमुझको शक है कि आप उल्टी बातों से सही निशाना कर गए
और प्रत्यक्षतः चालाकी से भावों में बहने का बहाना कर गए
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
happy blogging..
जवाब देंहटाएंआशिष के ये शब्द याद आ गये..
लो आपने भी चौकिदार बिठा दिया.. अच्छा किया.. जमाना ठीक नहीं है...
जवाब देंहटाएंयार कुछ ज्यादा ही सच बोल गये हो? इस देश मे ज्यादा सच बोलने वाले को अफ़ारा हो जाता है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत शक्की टाईप के हो!!!
जवाब देंहटाएंमुझे भी शक है
जवाब देंहटाएंमुझको शक है, अर्थशास्त्री भारत के गृह-मन्त्री हैं ।
जवाब देंहटाएंभारत में अपहरण फिरौती शायद टैक्स फ़्री हैं ॥
बहुत बडिया ऐसे भावों मे तो रोज़ बहा कीजिये तकि हमे इतनी अच्छी अच्छी रचनायें पढने को मिलती रहें शुभकामनायें
जै हो हरीशचंद्र महाराज जी की!
जवाब देंहटाएंआपको शक क्यों है अरे कुछ चीजें हो रही हैं वो भी ठप्पे से और कुछ होने वाली है और वो लोग भी करेंगे ठप्पे से ...
जवाब देंहटाएंहम आप तो केवल शक करते रह जायेंगे।
@ रंजन जी,
जवाब देंहटाएंसोचा चौकिदार मुफ़्त में मिल रहा है तो देख ही लें कैसा काम करता है :)
मुझ को शक है कि भाभीजी मायके गई हुई हैं और आप स्वप्न नहीं टूटा है:)
जवाब देंहटाएंआप यकीनन सही बात लिख गए हैं ..शक की कोई गुंजाईश बाकी नहीं रही है
जवाब देंहटाएंमुझको भी शक है कहीं विवेक फिर न रूठ जायेंगे .
जवाब देंहटाएंशक और सच का अन्योन्याश्रित सा सम्बंध है। जटिलता से भरे माहौल में बिना शक के सच सामने नहीं आता।
जवाब देंहटाएंअन्दाजे बयाँ के कया कहने !
इतना शक करना अच्छी बात नहीं !!
जवाब देंहटाएंआप शकवादी हो लिये जी। जानते हैं कि शक की दवा हकीम लुकमान के पास भी नहीं मिलती।
जवाब देंहटाएंशक का कोई इलाज नहीं !
जवाब देंहटाएंकितना शकीयाइयेगा भैया?
जवाब देंहटाएंआप ठीक ही कह गये हैं.
जवाब देंहटाएंआप ठीक ही कह गये हैं.
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar kawita ......jisame samsamayik bhaw hai
जवाब देंहटाएंbahut sundar vivek ji , padhkar ek philosphcal approch ke liye man jaagrut ho gaya ji
जवाब देंहटाएंregards
vijay
please read my new poem " झील" on www.poemsofvijay.blogspot.com
बेशक!
जवाब देंहटाएंBadhiya hai.
जवाब देंहटाएं{ Treasurer-T & S }
bhavon me nahin bahe aap. bilkul shak sahi hai.
जवाब देंहटाएंजी हाँ यही सच है
जवाब देंहटाएंमुझको शक है, कसाब को फाँसी की सजा बुलेगी ।
जवाब देंहटाएंकिन्तु उसे माफ़ी देने पर यह सरकार तुलेगी ॥
यह शक तो लगभग सभी को है
एक मर्ज है शक का, जिसकी दवा कहते हैं हकीम लुकमान के पास भी नहीं थी।
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