इस युद्ध के साथ मेरे गावँ का रिश्ता बड़ा ही भावुक है । इस महायज्ञ में एक आहुति शहीद नरेश सिंह के रूप में यह गावँ दे चुका है । कैप्टन सौरभ कालिया के नेतृत्व में जाट रेजीमेंट के नरेश सिंह अर्जुन राम, भंवर लाल बघेरिया, बीकाराम और मूलाराम ही सबसे पहले पाकिस्तानी घुसपैठ का जायजा लेने नियंत्रण रेखा पर गये थे और वहीं से पाकिस्तानी सेना ने इनका अपहरण कर लिया था व इनके शव ही स्वदेश आ सके थे ।
इस युद्ध में भारत और पाकिस्तान के हज़ारों सैनिक मारे गये थे । निजी महत्वाकांक्षा के चलते इतने परिवारों को उजाड़ने वाले मुशर्रफ़ को ईश्वर कोई सजा देंगे ?
चलते-चलते
स्वार्थ नीरनिधि डूबकर, किया कारगिल वार ।
जनरल तेरी नीति को, बार बार धिक्कार ॥
बार बार धिक्कार, हज़ारों सुहाग उजड़े ।
सैनिक हुए शहीद, रह गये पीछे दुखड़े ॥
विवेक सिंह यों कहें, युद्ध था गैर जरूरी ।
किया पीठ पर वार, बढ़ा दीं फ़िर से दूरी ॥
सूचना : स्वप्नलोक पर मौज लेते हुए, हिन्दी ब्लॉगर अनूप शुक्ल 'फ़ुरसतिया' कानपुर वाले, टिप्पणियों का अर्धशतक लगाने में सफ़ल रहे हैं । इन्हें स्वप्नलोक कंपनी की ओर से बहुत बहुत बधाइयाँ ।
आदित्य पहलवान के पापा, रंजन जी दरअसल पहले ही अपना अर्धशतक पूरा कर चुके हैं, कम्पनी की नज़रों से वे ऐसे ही बच गए जैसे भारत ने अमेरिकी सैटेलाइट की नज़र बचाकर परमाणु परीक्षण कर दिया था । रंजन जी को कंपनी की ओर से बहुत बहुत बधाइयाँ !
निजी महत्वाकांक्षा के चलते इतने परिवारों को उजाड़ने वाले मुशर्रफ़ को ईश्वर कोई सजा देंगे..इश्वर का पता नहीं मौका मिला तो जरदारी जरुर देगें...
जवाब देंहटाएंफुरसतिया जी को बधाई
हमने सोचा अर्धशकत वाली स्किम कम्पनी ने बंद कर दी है.. फिर शुरु हो गई क्या? ::)
कारगिल के शहीदो को मेरा भी नमन
जवाब देंहटाएंजय हो। पचासा हमारा भी हुआ। क्या बात है!
जवाब देंहटाएंउन शहीदों को हमारा नमन जिनके बारे में हमने सुना और जिनके बारे में न सुनने को मिला
जवाब देंहटाएंउधर मुशर्र्फ़ महोदय तो कारगिल को पाकिस्तान की जीत बता रहे हैं और अब मान रहे हैं कि कारगिल के घुसपैठिये स्वतंत्रता सेनानी नहीं पाकिस्तान फ़ौज के फ़ौजी थे। क्या हमें (भारत सरकार को) इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिये ? शहीदों के परिवारों के लिये जिन्होंने भारत सरकार की अकर्मण्यता के कारण अपनों को खो दिया !!
कारगिल युद्ध के शूरमाओं को हमारा प्रणाम ।
जवाब देंहटाएंशहीदो को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंशहीदों की मजारो पर लगेंगे हर बरस मेले..
जवाब देंहटाएंवतन पर मिटने वालो का यही बाकी निशां होगा..
कुछ हृदय-विदारक यादें जुड़ी हैं इस दिन-विशेष से...
जवाब देंहटाएंमन किया कि अपना ही एक शेर सुनाऊँ:-
जवाब देंहटाएंअब शहीदों की चिताओं पर न मेले सजते हैं
है कहाँ फुरसत जरा भी लोगों को घर-बार से
जय हिन्द !
जवाब देंहटाएंजय हिन्दी !
जय जय हिन्दुस्तान !
उन शहीदों को भाव भीनी श्रधाँजली और नमन आज की कविता बहित अच्छी लगी आभार और शुभकामनायें जै हिन्द जै जवान
जवाब देंहटाएंकारगिल के बहादुर शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंजब से मानव एक अदृष्य लकीर के माध्यम से पृथ्वी पर लकीर खींचने लगा है, तब से रक्त की नदियां बहती रही हैं और भविष्य में भी बहती रहेंगी। हम श्रद्धा सुमन चढा़ कर उनको नमन करते रहेंगे जिन्होंने अपने देश की अस्मिता बचाने के लिए प्राणों कि आहुति दी है। सरहद पर मरने वाले हर वीर को श्रद्धासुमन अर्पित है॥
जवाब देंहटाएंकारगिल के सभी शहीदों को बारम्बार नमन
जवाब देंहटाएंअमर शहीदों को नमन.
जवाब देंहटाएंफुरसतिया जी और रंजन जी को बधाई.
kargil ke sheedo ko naman .
जवाब देंहटाएंउस समय की याद हो आई। बहुत जोश आता था हमें। स्वप्न में भी भारत फतह की कामना करते रहते थे।
जवाब देंहटाएंशहीद होते ही रहेंगे, वार्ता की मेज पर जाम टकराते ही जाते रहेंगे, क्योंकि शहीद तभी तो होंगे जब युद्ध होगा, नोबेल तभी तो मिलेगा जब युद्ध के बीच शांति के दूत पैदा होंगे.
जवाब देंहटाएंभगवान् स्वयं किसको सज़ा देते हैं? हर कृष्ण को एक अर्जुन की दरकार है. शहीदों को श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंकारगिल के सभी शहीदों को मैं श्रधांजलि अर्पित करती हूँ !
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