गुरुवार, दिसंबर 31, 2009

पर सेकण्ड क्रान्ति

साल बीत गया । जब धरती के विनाश की भविष्यवाणियाँ की जा रही हों तो साल की क्या औकात ? वह भी तब जब पुराने के बद्ले नया हाथोंहाथ मिल रहा हो ।

प्रागैतिहासिक काल से लेकर अब तक आदमी ने बहुत तरक्की कर ली है । तरक्की के इस सफ़र में बहुत सी खोजें हुईं जो मील का पत्थर कही जा सकती हैं । धातुओं की खोज, पहिए का आविष्कार, और आग की खोज ऐसी ही कुछ बातें हैं जिनका मानव सभ्यता की प्रगति के साथ अटूट सम्बन्ध है ।

जहाँ एक ओर मानव को विज्ञान ने शारीरिक आराम दिया वहीं उसका मानसिक चैन भी छीन लिया । ऐसे हाथियार भी विकसित हो गये जो धरती को कुछ पल में ही वीरान करने में सक्षम हैं ।

आदमी ने बड़ी से बड़ी क्रान्तियाँ कर डालीं । फ़्रान्स की क्रान्ति, इंग्लैण्ड की क्रान्ति, मैग्नाकार्टा, रूस की क्रान्ति, साम्यवाद और भी न जाने क्या क्या किया । पर इस पर सेकण्ड क्रान्ति को क्या कहा जाय ? पर सेकण्ड क्रान्ति की धूम है । चारों ओर इसके गुण गाये जा रहे हैं । कोई एक सेकण्ड का एक पैसा तो कोई आधे पैसे की दुहाई दे रहा है( पता नहीं पैसे को किस तरह आधा करेंगे) ।

पर सेकण्ड क्रान्ति ने पहले से ही सुपर फास्ट हो चुकी आदमी की ज़िन्दगी को सुपर सुपर फास्ट बना दिया है । कुछ दिनों पहले तक हम फोन पर बात करते समय सेकण्ड की सुई को देखते जरूर थे पर मिनट की अवधि चूक जाने पर फिर एक और मिनट के लिए रिलैक्स हो लाते थे । पर अब तो हर सेकण्ड बिल चलता है । बात करते समय सेकण्ड की सुई को हर पल देखते रहना पड़ता है ।

यह पर सेकण्ड क्रान्ति क्या रंग लायेगी अभी कहना जल्दबाजी होगी । फिर भी एक मोटा मोटा आइडिया लगा सकते हैं । कुछ दिनों बाद अगर आपको दीवार पर लगी घड़ी में सेकण्ड वाली सुई मिनट और घण्टे वाली सुइयों से मोटी दिखाई दे तो आश्यर्य न कीजियेगा । हो सकता है बेचारी मिनट का पत्ता ही कट जाय और केवल घण्टे और सेकण्ड ही बचें । आखिर एक घण्टे में सेकण्ड होते ही कितने हैं । कुल 3600 ही न ?

चलते-चलते
एक SMS मिला है कुछ इस तरह है:

परिश्रम = असफलता नहीं ………. समीकरण १
परिश्रम नहीं = असफलता ………. समीकरण २
समीकरण १ और २ को जोड़ने पर
परिश्रम + परिश्रम नहीं = असफलता नहीं + असफलता
परिश्रम( 1 + नहीं ) = असफलता( नहीं + 1 )
हम जानते हैं कि योग के विनिमेय नियम द्वारा
1+ नहीं = नहीं + 1
अत:
परिश्रम = असफलता

इतिसिद्धम्

सभी पाठकों को आने वाले नववर्ष की शुभकामनाएं । मिलते हैं अगले साल । तब तक लेते रहिए मौज ।

मित्रगण