रविवार, अक्तूबर 04, 2009

टाइटन को जानिए

आपने टाइटन की घड़ी अवश्य देखी होगी . टाइटैनिक जहाज के डूबने के बारे में भी सुना होगा . इसी तरह  शनि ग्रह के एक उपग्रह का नाम भी टाइटन है .

दर असल यह टाइटन नाम यूनान के पौराणिक साहित्य से लिया गया है . देवी पृथ्वी ( जी ) ने अपने पुत्र यूरेनस ( आकाश का देवता ) के संसर्ग से जिन छ: पुत्र और छ: पुत्रियों को सबसे पहले जन्म दिया . वे सभी बड़े ही बलवान और विशालकाय थे . इन सभी को  टाइटन कहा गया . हेसियड की थियोगोनी के अनुसार टाइटन बारह ही थे लेकिन कुछ प्राचीन यूनानी ग्रन्थों में अन्य टाइटनों का उल्लेख भी मिलता है .

टाइटनों में सबसे छोटा क्रोनोस हुआ जो सबसे अधिक शक्तिशाली भी था . यूरेनस के अत्याचारों से तंग आकर जी ने अपने इस पुत्र को उसके विरुद्ध उकसाया  . क्रोनोस भी यूरेनस के बढ़ते अत्याचारों से दु:खी था . उसने अपने पिता को अपद्स्थ करके टाइटनों  के राज-सिंहासन पर अधिकार कर लिया, और यूरेनस को नपुंसक बनाकर छोड़ दिया गया .

क्रोनोस ने अपनी बहन रिआ ( Rhea ) को अपनी पत्नी और महारानी बनाया . रिआ को धरती और उत्पादकता की देवी माना जाता है . इसका चिन्ह चन्द्रमा और हंस है . क्रोनोस अपनी पैदा होने वाली अधिकतर संतानों को खा जाता था . लेकिन  रिआ ने अपने पुत्र जियूस के स्थान पर क्रोनोस को कपड़े में लपेट कर पत्थर का टुकड़ा दे दिया जिसे वह निगल गया . इस प्रकार जियूस बच गया जिसने आगे चलकर अपने अत्याचारी हो चुके पिता को प्रसिद्ध टाइटनों और ओलम्पियनों के युद्ध में हराया . इस युद्ध के बाद क्रोनोस का साथ देने वाले टाइटनों को तारतारस ( पाताल लोक या नरक ) में बन्दी बनाकर भेज दिया गया .

उम्र में सबसे बड़े टाइटन ओकीनोस(Oceanus) ने अपनी बहन टेथीज(Tethys) को पत्नी बनाया, और पूरी पृथ्वी के जल, झरनों, नदियों और  समुद्र का स्वामी हुआ . टेथीज को धरती पर जल का समान वितरण करने वाली देवी माना जाता है . इसने झरनों और नदियों को जन्म दिया .

इसी प्रकार अन्य टाइटन भाई बहनों ने भी आपस में विवाह किए और पति-पत्नी बने .

टाइटनों की दूसरी पीढ़ी को ओलम्पियन कहा गया . ओलम्पियनों की संख्या भी बारह बताई जाती है . ये यूनान के प्रसिद्ध ओलम्पिक पर्वत के आसपास रहा करते थे .

यूनानी मान्यता के अनुसार यह स्वर्ण-युग था . इसके बाद रजत-युग ताम्र-युग आदि आते हैं .

 

अपनी-बात

 

  कुछ पाठकों ने जिज्ञासा प्रकट की है कि यह कौन सी कंपनी है जिसका जिक्र स्वप्नलोक पर बार-बार होता है ? इस जिज्ञासा को समय आने पर शान्त किया जाएगा . तब तक अन्य पाठक  भी ज्ञान जी की भाँति अपने हिसाब से इस कंपनी के बारे में स्वतंत्र होकर सोचें .

 

हमारा मानना है कि ये सूर्य देव, चन्द्र देव आदि जो प्राकृतिक चीजें हैं इन्हें महात्मा गांधी मार्ग , इंदिरा गांधी विश्व-विद्यालय आदि की भाँति प्राचीनकाल में  तथाकथित देवताओं ने नामांकित कर दिया होगा . हो सकता है जिन महापुरुष के नाम पर सूर्य का नामकरण हुआ हो उन्हें हनुमान जी ने काट खाया हो . और मुश्किल से लोगों के कहने पर उन्हें छोड़ा हो . 

8 टिप्‍पणियां:

  1. "हमारा मानना है कि ये सूर्य देव, चन्द्र देव आदि जो प्राकृतिक चीजें हैं इन्हें महात्मा गांधी मार्ग , इंदिरा गांधी विश्व-विद्यालय आदि की भाँति प्राचीनकाल में तथाकथित देवताओं ने नामांकित कर दिया होगा . हो सकता है जिन महापुरुष के नाम पर सूर्य का नामकरण हुआ हो उन्हें हनुमान जी ने काट खाया हो . और मुश्किल से लोगों के कहने पर उन्हें छोड़ा हो "

    Sahi hai ekdum. Acha kasa hai aapne. :)

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  2. " उसने अपने पिता को अपद्स्थ करके टाइटनों के राज-सिंहासन पर अधिकार कर लिया, और यूरेनस को नपुंसक बनाकर छोड़ दिया गया "

    तो यूनान में भी मुग़लिया उठा पटक चलती थी:)

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  3. बेहतरीन जानकारी के लिए आभार।

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  4. आपको बहुत दिनों बाद देखा बहुत ख़ुशी हुई। आप कहाँ चले गए थे इस बात पर काफी चिंता रही। साथ ही आपका रोचक जानकारी वाला लेख भी अच्छा लगा ।

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  5. टाइटन के बारे में मौज ले रहे है या सिरियस है? :)

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  6. एक और मुगलिया खानदान की जानकारी देने के लिये धन्यवाद.

    रामराम.

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