शुक्रवार, अक्तूबर 09, 2009

अमर उजाला में स्वप्नलोक

Swapnlok

स्वप्नलोक के प्रशंसकों को जानकर हर्ष होगा कि कंपनी के ब्लॉग को 6 अक्टूबर, 2009 के अमर उजाला अखबार में ब्लॉग-कोना में जगह दी गयी है । सोचा इस कटिंग को इतिहास में दर्ज कर ही दिया जाय जिससे हमारे पोते परपोते कभी कह सकें कि, “हमारे पूर्वज इतना अच्छा लिखते थे कि अखबार वाले भी उसे छापते थे ।

इस अवसर पर कंपनी अपने प्रशंसकों का तहे दिल से आभार प्रकट करती है । यह आपका प्यार ही है कि लाख प्रयासों के बावजूद हम अपनी ब्लॉग लिखने की लत से निजात पाने में अब तक असफल रहे हैं । आगे की अल्ला जाने ।

23 टिप्‍पणियां:

  1. पहले तो बधाई, तदुपरांत ब्लोग लिखने की 'यह लत' बनी रहे इसकी शुभकामना.

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  2. तो भाई विवेक अखरोट रोप ही दिया
    हार्दिक-शुभ कामनायें

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  3. चलो! कम्पनी छप गयी! आगे यह नोट भी छापेगी, यह कामना!

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  4. हम वर्माजी की बात दोहराते हैं।

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  5. बहुत बहुत बधाई .. आपके पोते पोती यह भी देख लेंगे .. कि आपके ब्‍लाग पर मैने टिप्‍पणियां की है !!

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  6. पहले तो अखबार में छपने की बधाई ! ब्लोगिंग की लत बरकरार रहे इसी शुभकामनाओं के साथ :)

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  7. बहुत बहुत बधाईयां ----भविष्य के लिये भी शुभकामनाएं।

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  8. कंपनी के शेयर होल्डरों को क्या मिलेगा.. ? मेरा तात्पर्य उस व्यक्ति है जिसका नाम आप इस टिपण्णी के ऊपर देख रहे है

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  9. अमाँ यार पोते खुद ऐसे होंगे कि आप गर्व करेंगे।
    बधाई तो ले ही लो।
    'कम्पनी' और 'अल्ला' का रहस्य उजागर करो ना प्रभु !

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  10. ई काम तो पाबला जी का है:) आप उनके क्षेत्र में घुस कर मानवाधिकार का हनन कर रहे हैं! यकीन न हो तो आपके गुरुजी से पूछ लीजिए:)

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  11. जी खुश हो गया विवेक भाई। प्रिंट मीडिया को ब्लॉग मीडिया को तरजीह देना ही पड़ रही है। अमर उजाला ज़िंदाबाद। बहुत बहुत बधाई।

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  12. पोते पोतिया को अगर हिन्दी नही आती हुयी तो ?? तो वो मेरी टिपण्णी केसे पढ सकेगी?
    बहुत सुंदर, आप को बधाई

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  13. वाकई कंपनी तरक्की पर है, मगर कंपनी के बारे में और जानने की उत्सुकता है ! कब तक इंतज़ार करोगे ?

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  14. ये तो शुरुआत है.. आगे और भी छपेंगे आप हमे विश्वास है.

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  15. बहुत-बहुत बधाई. कंपनी ऐसे ही तरक्की करती रहे, यही कामना है.

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  16. बधाई आपको।

    लेकिन चंद्रमौलेश्वर जी की बात पर भी ध्यान दिया जाए :-)
    कोई और होता तो मानवाधिकार हनन पर पोस्ट हटाने की मेल आपको आ गई होती :-D

    बी एस पाबला

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  17. meri badhai kanha gaye... 2 baar pahale bhi di... ek or baar lo..

    kush thik kah raha he..

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  18. बहुत मस्त लिखते हो, लोग खूब पसंद करेंगे ! शुभकामनायें !

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