रविवार, मार्च 28, 2010

कर अतिरिक्त प्रयास












कर
अतिरिक्त प्रयास ।

अंधकार जब आँखों में हो
बहते अश्रु निगाहों में हों
लगे टूटने आस ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥

लक्ष्य न जब तक हो मुट्ठी में
मज़ा नहीं तब तक छुट्टी में
त्याग हास-परिहास ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥

तुझे सफल ही होना होगा
असफलता को रोना होगा
मन में रख विश्वास ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥

कोई कसर छोड़ मत बाकी
कठिन परीक्षा ले क्षमता की
कहना पड़े न 'काश' ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥

तू बाहर हो या हो घर में
डूब परिश्रम के सागर में
अपना लक्ष्य तलाश ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥

सिर्फ़ न बह मौजों में 'मौज़िल'
लगा अन्य कामों भी दिल
करता रह अभ्यास ।
कर अतिरिक्त प्रयास ॥


-विवेक सिंह 'मौज़िल'

12 टिप्‍पणियां:

  1. सही है सफलता के लिए तो लगातार,निरंतर अथक प्रयास करते रहना होगा...

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  2. अपना लक्ष्य तलाश ।
    कर अतिरिक्त प्रयास ॥
    सार्थक रचना
    पर यह 'मौज़िल' कौन है?

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  3. अंधकार जब आँखों में हो
    बहते अश्रु निगाहों में हों
    लगे टूटने आस ।
    कर अतिरिक्त प्रयास ॥
    Bade sahi samay pe is rachna ne dhadas bandhaya!

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  4. मुझे तो लगता है यह इस का आखरी प्र्यास ही होगा....
    बहुत सुंदर रचना

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  5. आज बहुत गंभीर हो गए विवेक ......कुशलता के लिए हार्दिक मंगल कामनाएं !

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  6. इसे तो बच्चो की स्कूल की किताबो में होना चहिये.. वैसे बड़ो के भी काम की है ही.. मुझे तो लगा था कर "टैक्स" के बारे में बताएँगे आप यहाँ तो मामला कुछ औरनिकला..

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  7. wah wah.. message ke sath sath tukbandi bhi bahut hi lajawab hai .. :)

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