गुरुवार, सितंबर 30, 2010

राम जी ! बहुत मुबारकबाद !

राम जी ! बहुत मुबारकबाद !


अब वनवास न जाना होगा
बोल दो भक्तों को धन्यवाद
राम जी ! बहुत मुबारकबाद !


अपनी जन्मभूमि पर रहना
इतनी खुशी मिली, क्या कहना
कष्ट पड़ा भक्तों को सहना
सभी को देनी होगी दाद
राम जी ! बहुत मुबारकबाद !


न्याय आपके साथ कर दिया
मुकुट आपके शीश धर दिया
खुशियों से संसार भर दिया
आपकी सुनी खूब फरियाद
राम जी ! बहुत मुबारकबाद !


तीन पात ढाक के मिले हैं
अब क्या शिकवे और गिले हैं
फटे आपके सभी सिले हैं
आप भी खूब करोगे याद
राम जी ! बहुत मुबारकबाद !


अब वनवास न जाना होगा
बोल दो भक्तों को धन्यवाद
राम जी ! बहुत मुबारकबाद !

14 टिप्‍पणियां:

  1. बधाई हो -

    सत्य को जितना भी दबाया जाये - पर वो सामने आकार ही रहता है.

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  2. बहुत खूब अपने ओरिजनल मूड में विवेक सिंह ! राम राम

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  3. बहुत खूब !
    बधाई हो राम जी को !!

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  4. मेरे राम को अब ऩ्यायालय ने न्याय दे दिया, एक छत दे दी, मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा रख ली।

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  5. nice post

    प्यार-मोहब्बत ज़िन्दाबाद !

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  6. वैसे घबड़ाहट तो थोड़ी बहुत उधर भी रही होगी दरबार में

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  7. अपनी जन्मभूमि पर रहना
    ना सरयू नदी के पास जाना :)

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  8. हमारी तरफ से भी बधाई टिका देना....

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  9. राम नाम सत्य है

    श्री रामचन्द्र जी की शान इससे बुलंद हैकि कलयुगी जीव उन्हें न्याय दे सकें, और श्री राम चन्द्र जी के राम की महिमा इससे भी ज्यादा बुलंद कि उसे शब्दों में पूरे तौर पर बयान किया जा सके संक्षेप में यही कहा जा सकता है कि राम नाम सत्य है और सत्य में ही मुक्ति है।अब राम भक्तों को राम के सत्य स्वरुप को भी जानने का प्रयास करना चाहिए, इससे भारत बनेगा विश्व नायक, हमें अपनी कमज़ोरियों को अपनी शक्ति में बदलने का हुनर अब सीख लेना चाहिए।

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