संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें ।
आज की परिस्थितियाँ देख गाँधीजी को हृदयाघात निश्चित है।
विवेक जी , सामयिक कुण्डली के लिए बधाई.२ अक्तूबर की सार्थकता याद रखी आपने.
main praveen ji se sehmat hoon ... bahut achhi rachna ....
बापू किसे फ़ांसी की सजा सुनायेगा ?? ओर किसे बचायेगा??
‘भारत में इक बार आइये बापू फिर से ’आएंगे, पर करेंगे क्या :)
फूलें हाथ पैर जो अफजल को हो खाँसी--- वाह वाह गज़ब बात कही। शुभकामनायें।
sardaar patel ko bhi bulaiye..unki bhi zaroorat hai..
आज की परिस्थितियाँ देख गाँधीजी को हृदयाघात निश्चित है।
जवाब देंहटाएंविवेक जी ,
जवाब देंहटाएंसामयिक कुण्डली के लिए बधाई.
२ अक्तूबर की सार्थकता याद रखी आपने.
main praveen ji se sehmat hoon ... bahut achhi rachna ....
जवाब देंहटाएंबापू किसे फ़ांसी की सजा सुनायेगा ?? ओर किसे बचायेगा??
जवाब देंहटाएं‘भारत में इक बार आइये बापू फिर से ’
जवाब देंहटाएंआएंगे, पर करेंगे क्या :)
फूलें हाथ पैर जो अफजल को हो खाँसी--- वाह वाह गज़ब बात कही। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंsardaar patel ko bhi bulaiye..unki bhi zaroorat hai..
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