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मंगलवार, अक्तूबर 05, 2010
भारत माता खुश हुई
खाता खोला स्वर्ण का, सही निशाना मार बिन्द्रा-नारंग को कहें, बहुत बहुत आभार बहुत बहुत आभार बनाया कीर्तिमान है अर्जुन की इस मातृभूमि की बढ़ी शान है विवेक सिंह यों कहें खुश हुई भारत माता सही निशाना लगा स्वर्ण का खोला खाता
पहले स्वर्ण कि आपको भी बधाई
जवाब देंहटाएंऔर अच्छी कविता के लिए साधुवाद.
CWG से अच्छी खबरें आने लगी है.. बधाई..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर। स्वरण पदक की बधाई। आपका ये खाता बढता ही रहे। शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकृ्प्या इस ब्लाग को भी देखें
http://veeranchalgatha.blogspot.com/
अच्छा तो तीर कलमाड़ी को ही लग ही गया मतलब..?
जवाब देंहटाएंwah....kundli chhand ka sahi evm samprtik prayog...sadhuwaad..
जवाब देंहटाएंस्वर्ण का खाता खोला
जवाब देंहटाएंकलमाडी का भरता झोला :)
बारह खून जो माफ़ होंगे!!!!!!
क्या सही लिखा है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। धन्यवाद
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