रविवार, अगस्त 31, 2008

यह कैसी पढाई

हमने जब स्कूल जाना आरम्भ किया तो सबसे पहले लकड़ी की पट्टी मिली और उसपर हमारी मम्मी ने खड़िया से छोटा आ और बड़ा आ लिखा । वैसे खड़िया से लिखना भी रोजाना नसीब में न था । आमतौर पर इस काम के लिए पोता मिट्टी का सहारा लिया जाता था क्योंकि यह पास के नाले में से बिना पैसों के ही उपलब्ध थी और इसको चूल्हे पर पोतने के लिए घर में पहले से ही लाकर रखा जाता था । इसी पोता मिट्टी का बोर बनाया जाता , तत्पश्चात हमारा काम था इस बोर को सरकंडे की कलम से पट्टी पर लिखे हुए अक्षरों पर फिराना इस तरह हमारी शिक्षा की शुरुआत हुई । छटवीं कक्षा में जाकर ऐ बी सी डी सीखीं । पहले बड़ी वाली फ़िर छोटी वाली ।
इस बीच धीरे धीरे शिक्षा का स्वरुप कितना बदल गया है । अब डी पी एस में पुत्र पढ़ता है । नर्सरी में एडमिशन कराया है। कुछ तैयारी घर पर पहले से ही करा रहे थे , प्ले स्कूल में भी जा रहा था । कैपिटल ऐ बी सी डी बोलना और पहचानना सिखा रहे थे । यहाँ आकर पता चला है कि हम तो बहुत पीछे थे । दर असल अब नया तरीका इज़ाद किया गया है कि सबसे पहले बच्चे को कर्सिव राइटिँग करानी है , यानी कि स्टाइल मेँ लिखने का तरीका सिखाना ।
अब आप लोग कृपया मेरे पिछडेपन पर हँसना मत । सान्त्वना अवश्य दे सकते हैँ.

गुरुवार, अगस्त 28, 2008

नशा छोड़ो

नशा नाश कारण बना , करो नशे का नाश ।
एक बार चूके अगर, समझो आत्म-विनाश ॥
समझो आत्म-विनाश , नशे का पीछा छोड़ो ।
भाँग , शराब और गुटखे से , नाता तोड़ो ॥
हुक्का , बीड़ी , तम्बाकू को दूर भगाओ ।
जागो ख़ुद भी और सभी को आप जगाओ ॥

आओ पर्यावरण बचायेँ

मिल करेँ विचार हम सभी राह कौन सी जायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .
रोकेँ तेल रिसाव रहे जल सदा सर्व हितकारी .
दूषित जल से रोज न फैलेँ नई नई बीमारी .
अब न हवा मेँ गैस और पानी मेँ तेल मिलायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

देश बढेगा आगे यदि हम मिलकर सभी प्रयास करेँ .
ध्यान रहे पर कभी न हम साँसोँ के मोल विकास करेँ .
सासेँ सबको मिलेँ शुद्ध ऐसा माहौल बनायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

कुदरत के स्रोतोँ से हमको बस समुचित हि लेना है .
इन्हेँ बचाकर आने वाली पीढी को भी देना है .
ताकि हमारे वँशज हमको दोष न देँ गुण गायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

पर यह सब कैसे होगा सबको जगृत करना होगा .
पर्यावरण सँरक्षण का महत्व जाहिर करना होगा .
अतः साथियो आगे बढकर जनजागरण चलायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

फ़ैलेगी जागृति लोग समझेँगे सब सीखेँगे .
फिर इसके परिणाम उजागर हो खुद ही दीखेँगे .
विवेक सिँह यह बात एक ही बार बार दुहरायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

मिल करेँ विचार हम सभी राह कौन सी जायेँ .
आओ पर्यावरण बचायेँ आओ पर्यावरण बचायेँ .

श्रीलंका में सीरीज

श्रीलँका मेँ सीरीज ज़ीतने पर भारतीय टीम को शाबाशी देना हमारा फर्ज़ बनता है. आखिर पहली बार जीते हैँ श्रीलँका मेँ . मेँडिस मेनिया को देख कर कोई भी यह आशा नहीँ कर रहा होगा . हम श्रीलँका मेँ सीरीज इतनी आसानी से जीत जायेँगे . बधाई हो भारतीय टीम .

सोमवार, अगस्त 11, 2008

अभिनव बिऩ्द्रा

आँख खोल कर देखिए, जीत लिया है स्वर्ण
धन्य भूमि तू है वही , जन्मे अर्जुन कर्ण
जन्मे अर्जुन कर्ण, और अब अभिनव बिन्द्रा
उठो त्याग आलस्य, छोड दो अब तो निद्रा
विवेक सिँह बस लगो नाचने काम छोड कर
जीत लिया है स्वर्ण देखिये आँख खोलकर

मित्रगण