बुधवार, फ़रवरी 04, 2009

धन्यवाद साथियो !

आपके साथ इतना समय बिताया !

समय की माँग है कि अब विराम लूँ !

आप सब की याद मुझे आती रहेगी !

मेरे लायक कोई सेवा हो तो मेल पर मिलें !

ईश्वर ने चाहा तो फिर बिलाग लिखूँगा !

आप सभी को मेरा नमस्कार !

गौतमबुद्ध नगर जिले में नशे का काला बाज़ार

"गौतमबुद्ध नगर जिले में नशीली दवाओं की काला बाज़ारी का धंधा जोरों पर है । मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में दीपक तले अँधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है । वैसे तो यह धन्धा कमोबेश सारे जनपद को गिरफ्त में लेता जा रहा है । पर जिले की जेवर तहसील में हालात खतरनाक स्तर पर हैं । यहाँ ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले किशोरों और युवाओं को पहले बहला फुसलाकर नशे की लत लगाई जाती है । लत पडने पर उनसे प्रतिबन्धित दवाओं के बदले मनमाने दाम वसूले जाते हैं ।
बेचारे माता पिता को जब तक पता चलता है तब तक उनका लाडला मौत के काफी नजदीक पहुँच चुका होता है । इन ड्रग्स की गिरफ्त में आ चुके युवक हर कीमत पर यह इंजेक्शन और दवाएं खरीदने के लिए उतावले रहते हैं । और घर वालों से छिप कर किसी भी वैध या अवैध तरीके से पैसों का इंतजाम करने की फिराक में रहते हैं । इससे क्षेत्र में चोरी और लूटपाट की घटनाओं को बढावा मिलता है । जहाँ क्षेत्र के युवाओं नैतिक पतन होता जा रहा है । वहीं कुछ युवा अपने ही घर में चोरी करंते और माँ बाप पर हाथ तक उठाते देखे जाते हैं ।
जहाँ प्रशासन चैन की नींद सोया है । वहीं जेवर कस्बे के अधिकतर मेडीकल स्टोर प्रतिबन्धित नशीली दवाएं बेच बेचकर अपनी जेब भरने में मशगूल हैं । यहाँ पर कौशिक मेडीकल स्टोर तो इस धन्धे में सबसे बढा चढा है । यह यहाँ के एक जाने माने डॉक्टर प्रेमदत्त का ही है साथ ही उनका अस्पताल भी है । मज़े की बात तो यह कि यह महानुभाव खुद भी अफीम के बडे शौकीन हैं नॉर्फिन ( norphine ) नामक इंजेक्शन सिर्फ इन्ही कें पास मिलता है । इसे वाई के कोड वर्ड से दिया जाता है । इसके अलावा प्रमोद मेडीकल स्टोर , अग्रवाल मेडीकल स्टोर , गुप्ता मेडीकल स्टोर , शर्मा मेडीकल स्टोर आदि केवल फोर्टविन नामक इंजेक्शन ही बेचते हैं ।
ये लोग दबंग किस्म के हैं और समझाने की कोशिश करने वालों को धमकियाँ देने से नहीं डरते ! "
TV एंकर ऐसा कह ही रहा था कि मेरी आँख खुल गई और सपना अधूरा ही रह गया !

मंगलवार, फ़रवरी 03, 2009

आल्हा ए डबलपुर बिरादरी


जितने ब्लॉगर रहें डबलपुर शायद किसी शहर में नाय ।
अब तक तो सब रहे प्रेम से लेकिन आँच दई सुलगाय ॥
फूट पड गई बिलागरन में पहले चले व्यंग्य के तीर ।
छुप छुपकर जब सधे निशाने बेचारे हो गए अधीर ॥
लडे डबलपुरिया आपस में लोग तमाशा देखन जांय ।
हम तो ब्लॉगर बाहर वाले हमको कुछ भी मालुम नाय ॥
तू तू मैं मैं आजा आजा दिखा गया अपनी औकात ।
सुनने में भी शरम आरही करते ऐसी ऐसी बात ॥
बडे लोग जब बच्चों जैसे लडने लगें सडक पर आय ।
इनका कौन मेल करवाए बच्चे ताली रहे बजाय ॥
सदा मोह से दर्द उपजता लिखा हुआ शास्त्रों में साफ ।
फिर क्यों बँधे मोह माया में भाई हमको करना माफ ॥
जिन्हें शांति की जिम्मेदारी बैठे धरे हाथ पर हाथ ।
दोंनों ओर कह दिया चुपके भाई हम हूँ तेरे साथ ॥
जब तक तेरे पीछे हम हैं तुझको कौन पडी परवाह ।
खींचा तानी होती ऐसे ज्यों जल बीच लडे गज़ ग्राह ॥
बिलागरो कुछ शर्म करो अब घर की बात न बाहर आय ।
बाहर वाले मौज ले रहे चर्चा करते नमक लगाय ॥

सोमवार, फ़रवरी 02, 2009

अजित जी कमाल करते

 घर बैठे कर लें सफर, जाना पडे न दूर ।
शब्दों के इस सफर में , रोचकता भरपूर ॥
रोचकता भरपूर, ज्ञान के बीज बो रहे ।
शब्दों के सम्बन्ध देख हम चकित हो रहे ॥
विवेक सिंह यों कहें, अजित जी कमाल करते ।
शब्द-समुद्र विशाल बीच स्वच्छ्न्द विचरते ॥
आजकल चूँकि सब जगह ब्लॉगर चर्चा और इण्टरव्यू का दौर है । तो हमने भी समय के साथ चलने में भलाई समझी और अपने पसंदीदा बिलागर को जा पकडा । अजित जी कब किस शब्द को किसी दूसरे शब्द का दादा , नाना या मामा बता दें कुछ पता नहीं । हमें तो उस दिन का इंतजार है जब अजित जी अब तक अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाएंगे कि पहले मुर्गी आई या अण्डा और पहले चिमटा बना या हथौडा ? इंतजार करिए क्योंकि इंतजार में मजा है । ऐसा शास्त्रों में लिखा है !

रविवार, फ़रवरी 01, 2009

पक्ष में फिर विपक्ष में


धरती के उस पार से, वापस आया चन्द ।
रात अँधेरी उस तरफ, इधर हुए आनन्द ॥
इधर हुए आनन्द मगर क्यों करें भरोसा ?
उधर गया जब चाँद सभी ने जमकर कोसा ॥
विवेक सिंह यों कहें, पक्ष में फिर विपक्ष में ।
कृष्ण पक्ष में आज और कल शुक्ल पक्ष में ॥

कोष्ठक में : हमारी खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि हमारे वरिष्ठ पाठक धीरू सिंह जी से अपनी टिप्पणियों का अर्धशतक पूरा कर लिया है । पर बीच में उन्होंने पहचान बदल ली और हमारे स्वचालित सिस्टम को धोखे में डालने में सफल रहे । फिर भी हमारी खुफिया एजेंसियों से न बच सके । धीरू जी को बहुत बहुत बधाई !

मित्रगण