शुक्रवार, जनवरी 23, 2009

प्रकट हों एक बार फिर


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नेताजी को जन्मदिन, खूब मुबारक होइ .


आदर्शों पर आपके, काश चले सब कोइ ॥


काश चले सब कोइ, क्रांति का बिगुल बजाने ।


देकर अपना खून स्वयं आजादी पाने ॥


विवेक सिंह यों कहें प्रकट हों एक बार फिर ।


झंझट सब मिट जाय राष्ट्र का ऊँचा हो सिर ॥


29 टिप्‍पणियां:

  1. आदर्शों पर आपके, काश चले सब कोइ ॥

    bahut bahut mubaarik ho
    is saarthak abhivyakti ke liye
    vivek bhai.

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  2. vah vivek ji kamaal kar dia mubaarak ho magar aaj bade serious lag rahe ho kyaa baat hai

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  3. नेताजी के जन्‍म दिन पर उन्‍हे याद करना अच्‍छा लगा...बहुत सुंदर...बधाई।

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  4. 'प्रकट हों एक बार फिर'
    आमीन !

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  5. नेता जी को मेरा नमन और आपने इतना सुन्दर प्रस्तुतिकरण किया इसके लिए ढेरों बधाईयाँ।


    ---आपका हार्दिक स्वागत है
    गुलाबी कोंपलें

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  6. नेताजी को नमन!

    करनी कर गुजर गए जो
    हम उन को क्यों बुलाते हैं?
    क्यों, अपना नेता
    खुद नहीं बनाते हैं?

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  7. आपकी इच्छा, सबकी इच्छा. नेता जी का पावन स्मरण.

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  8. झंझट सब मिट जाय राष्ट्र का ऊँचा हो सिर ॥

    नेताजी को याद करने के अलावा और कोई चारा नही बचा|

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  9. Neta ji o hamara bhi shat shat naman.

    aap ki mano kamna poori ho--neta ji ki aaj is desh ko sakht jarurat hai.

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  10. बहुत सुँदर सँदेश देती कविता पसँद आई --
    सुभाष बाबु अमर रहेँगेँ
    - लावण्या

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  11. नेताजी को नमन। आपको गणतंत्र दिवस की अग्रिम बधाई।

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  12. ham yuvao ko aaj bhi unki jarurat hai....netaji hamesha yuvao se sachhe neta bankar josh ke saath raasta dikhate rahenge

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  13. netaji ek mahan aatama the,unki maut ek rahasya hi reh gyi...netaji bose mera sat sat pranam.

    robinrajonline.blogspot.com

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  14. बढिया तुकबन्दी कर दी है सुभाष जी पर. उनको मेरी और से भी नमन

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  15. बहुत ही सुंदर रचना. नेताजी को मेरा शत-शत नमन.

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  16. नेताजी को शत शत नमन . नेता जी के आदर्शों को यथाशक्ति आत्मसात हो . यही उनका पावन स्मरण होगा .

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  17. फिर एक बार पढ़ा वाह वाह ! नेता जी को मेरा नमन और श्रद्धाँजलि

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  18. क्या बात है विवेक भाई बहुत ख़ूब कहा आपने। नेताजी को हमारे ख़ूँ के क़तरे क़तरे का सलाम देना।

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  19. नेताजी को सलाम . मेरा मानना है नेता जी उसी समय नही रहे थे , अगर होते तो वह स्समने जरुर आते . वह डरपोक नही थे जो कोई गुमनामी मे जीवन काटते

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