मंगलवार, जुलाई 21, 2009

निगले जाने का मुआवजा


कल राहु सूरज को निगल जाएगा । यह पहली बार नहीं है जब राहु सूरज को निगल जाने वाला है । यह चन्द्रमा को भी निगल जाता है . और तो और यह पहले से बता देता है कि किस तारीख को आकर सूरज या चाँद को निगलने वाला है । चश्मदीदों ने कहा है कि यह हादसा सूरज के साथ अमावस को और और चाँद के साथ पूर्णिमा को ही होता है . यह बात अभी तक हर बार सच निकलती है . शायद राहु को जब निगलने का मन करता होगा तो वह पहले चाँद को ही देखता होगा . पर अमावस को चाँद तो मिलता नहीं इसलिए मजबूरी में यह सूरज को भी निगलने से गुरेज नहीं करता . आश्चर्य है कि जब पहले ही पता रहता है कि वारदात होने वाली है तो ब्रह्मा जी अपनी देवता सरकार को कोई एक्शन लेने के लिये क्यों नहीं कहते . कुछ समाज सेवक टाइप के लोग अन्त तक यही कहते रहते हैं," अजी ऐसे कैसे कोई किसी को निगल जाएगा ? कोई कानून व्यवस्था नाम की चीज है कि नहीं ."


हमारा मानना है कि देवता सरकार को कुछ तो उपाय करना चाहिए . या तो राहु भाई को पहले ही अन्दर करें . पर सबूतों के अभाव में या किसी और कारणवश ऐसा न हो सके तो उन्हें समझा बुझाकर शांत करने की कोशिश हो सकती है कि वे सूरज को माफ़ कर दें , सूरज को ज़ेड-प्लस सुरक्षा मुहैया कराई जा सकती है . एक तरीका यह भी है कि सूरज को चुपके से कह दिया जाय कि वह थोड़ा दाँये-बाँये होकर निकले क्योंकि आज उस रास्ते से राहु भाई आने वाले हैं . पर इस उपाय को खुद सूरज ने ही ठुकरा दिया है . उसका कहना है कि, "मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी देवता सरकार की है मेरी स्वयं की नहीं . इसलिए बेशक मुझे निगल लिया जाय पर मैं अपने रास्ते से किंचित भी इधर उधर नहीं हो सकता । " वैसे हमें लगता है कि असल में कोई भी यह नहीं चाहता कि राहु सूरज को न निगले । सभी को तमाशा देखने का मन है । और देवताओं को राजनीति की रोटियाँ सेंकने की फ़िक्र है । यह तो सभी जानते ही हैं कि राहु भाई निगलकर पेट में तो रखते नहीं । उगल तो देंगे ही । तो फ़िर क्या चिन्ता करना ।


पिछली बार का ही किस्सा सुनिये । जब राहु भाई ने चाँद को निगला था तब सरकार पक्ष के देवता ने चाँद को मुआवजा देने की घोषणा की थी । कुछ सूत्रों ने तो यहाँ तक कहा कि देवता मन्त्री ने चाँद के कान में यह भी कहा कि, "तसल्ली रखो तुम्हें न्याय मिलेगा । वैसे भी तुम्हारा कुछ घिस तो नहीं गया । 7 मिनट 31 सेकण्ड तो सूरज को निगलने और उगलने में लगने वाला अधिकतम समय है . तुम्हारे लिए तो कम ही होगा ।" लेकिन इस घोषणा से नाराज होकर विपक्ष के देवता का बयान था कि, "मुआवजे की घोषणा करने वाले नेता को अगर राहु निगल ले तो हम कई गुना ज्यादा मुआवजा देने को तैयार हैं ।"


बताया जाता है कि उस देवता के घर में दूसरे दिन शॉर्ट सर्किट से आग लग गयी । बयान बाजी बढ़ती गयी . बस फ़िर क्या था आधे वोटर इधर आधे उधर और बाकी असरानी जी के पीछे . अन्य पार्टियाँ ठगी सी देखती रह गयीं . और अगली बार चाँद या सूरज के निगले जाने का इन्तजार करने लगीं .


नारद जी ऐसा कह ही रहे थे कि मेरी आँख खुल गयी और सपना अधूरा ही रह गया .

21 टिप्‍पणियां:

  1. "आश्चर्य है कि जब पहले ही पता रहता है कि वारदात होने वाली है तो ब्रह्मा जी अपनी देवता सरकार को कोई एक्शन लेने के लिये क्यों नहीं कहते . "
    ब्रह्माजी ने सौ दिन का एक्शन प्लान बनाने को कहा था पर हज़ार दिन बाद भी अभी वह प्लानिंग स्टेज में है:)

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  2. देव सबकी चिंता करता है..
    आखिर राहु को भुखों थोड़ी मरना है..

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  3. क्या बात है मैंने तो पढ़ा है तीन मिनिट निगलेगा..... निगलना और उगलना ये तो रिवाज सा लगता है हा हा

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  4. bahut dhansu likha haivivek bhai.. vipaksh ke neta ka bayan to mast hai..

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  5. लो मालिक पहले तो टिपाणि लो जी. पर टिप्स नही दिख रही?:)

    रामराम.

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  6. वाकई मस्त मस्त लिखा है. बधाई.

    रामराम.

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  7. अब इन्द्र के बाद ये देवता गण -आप तो बस इनकी ऐसी की तैसी पर तुल गए -काश धरती वाले कुछ सीख लेते ! करारा व्यंग !

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  8. अच्छा है अब तो इसके लिये जांच होना चाहिये.

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  9. Tठीक है आज ही हम अपनी सभा का एक मांगपत्र देवता को सौंप देंगे नहीं माने तो बसें देवताओं के विमान फूँक देंगे या किसी का पुतला जला देंगे लेकिन सूरज को कोई निगले ये मँझौओर नहीं बहुत बडिया आलेख हमे समय रहते जगा दिया

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  10. वाह! वाह! कमाल का लिखा है.
    यह है साहित्य. असली साहित्य. बिना मिलावट वाला.

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  11. और हाँ. राहु की फोटो बहुत झकास च बिंदास है.

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  12. विवेक भाई ..सपना तो बीच में ही छोट गया न..आगे की सुनिए..सुना है रहू ने जुर्म कबूल कर लिया है ..कह रहा था की आजकल जुर्म कबूलने का फैशन चल रहा है .....यदि आज नहीं कबूला ..तो कल को ..सच का सामना ...में तो कबूलना ही पडेगा..अरना नोट कैसे मिलेंगे..वैसे सच के सामने से नोट किसे मिले हैं आज तक ..हें..हें..हें..

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  13. lagta hai dev sarkar ke mukhiya brahmma ji hamare purv pm narsimharao sahab ki tarah honge. isliye action nahi le rahe .

    bahut mast likha grhan ke bahane u p ke rajnaitik dalo ko lapet gaye

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