संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें ।
सोमवार, अक्टूबर 05, 2009
कभी मेरे नाम पर भी….
कार्टून देखें और तारीफ करें । कहीं ऐसा न हो कि आप कुछ गलत कहकर चलते बनें और देश एक उभरते हुए कार्टूनिस्ट से हाथ धो बैठे । :)
@ बेनामी, आपके कारण अनूप जी ने हम पर शक किया है, हम आपकी बात का जवाब नहीं दूँगा, क्या कल्लोगे ? वैसे यह टिप्पणी यदि आप नाम से करते तो आपके व्यक्तित्व में चार चाँद हम लगा ही देते, चाहे हमें चार टकलों की बलि चढ़ानी पड़ती :)
@ अनूप जी,
इस कला को भी ऐसे किसी गुरु के हवाले करेगा जो वाकई हमारे कार्टूनिस्ट वाले दिल को प्रभावित करेगा, जैसा उन वाले गुरु ने अपनी काव्यमयी टिप्पणियों से कवि वाले दिल को प्रभावित किया और गुरु के सिंहासन पर कब्जा कर लिया, ऐसे ही इस पद की भर्ती भी हो ही जाएगी इंशाअल्ला!
बेनामी वाली टिप्पणी हमने नहीं की है, मासूम टिप्पणी थी इसलिए रोकी नहीं,हम करते तो इससे भी धांसू जवाब पहले ही सोचकर नहीं रखते क्या :)
इस मुद्दे पर हम महान विचारक सिद्धू जी महाराज का एक अमृत वचन ठेलने की अनुमति चाहते हैं. लीजिये अमृत. स्वामी जी उचारते हैं;
"ओ गुरु, कार्टूनिस्ट, कम्यूनिस्ट और अनिष्ट होना उतना ही दुर्लभ है जितना हिमालय को खिसकाना...जितना राशन की दूकान से मिट्टी का तेल पाना... जितना कठिन है बद्रीनाथ जाना...एक कार्टूनिस्ट से हाथ धोने की बात करना वैसा ही है जैसे पकिस्तान में डेमोक्रेसी लाना...इसलिए चलता जा..अपने कर्म करता जा...किसी के हाथ धोने की बात मत कर...किसी के साथ होने की बात मत कर..."कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कभी गुड़ तो कभी चना नहीं मिलता."
विवेकजी, आज आपके कार्टून को देखकर मुझे अपने पहले कार्टून की याद आ गयी, मैंने भी कुछ इसी तरह से शुरुआत की थी, मैं नहीं जानता यह कार्टून आपने क्या सोचकर बनाया है? पर आपके कार्टून को देखकर मैं यह जरूर बता सकता हूँ की एक कार्टूनिस्ट के गुण आपमें मौजूद हैं, आप चाहें तो इस फिल्ड में उतर सकते हैं, समय के साथ-साथ सफलता मिलती जायेगी और कार्टूनों में निखार भी..शुभकामनायें!
हा हा अच्छा कार्टून लगा ।
जवाब देंहटाएंहा हा अच्छा कार्टून लगा ।
जवाब देंहटाएंएक कार्टूनिस्ट के महान सपने को ईश्वर सफ़ल करें. :)
जवाब देंहटाएंरामराम.
नेता भले ही विकास के नाम से मांगें
जवाब देंहटाएंलेकिन हम तो अपने "विवेक" के हिसाब से ही देते हैं
कार्टूनिस्ट से हाथ कैसे धोते हैं?
कार्टूनिस्ट के लिए शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंBadhiya hai. Lage rahen.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
यह तो बता देते कि किससे बनवाया जी:)
जवाब देंहटाएंवाह जी उभरते हुऐ कार्टुनिस्ट... पहली बॉल पर सिक्स.
जवाब देंहटाएंनेता अच्छी तरह से जानते है कि लोगो को खूब मालूम है कि नेतावो के पास "विवेक" होता ही नहीं ! इसलिए विकास ही मुहरा बनता है
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी कार्टूनात्मकता का परिचय दिया है आपने..
जवाब देंहटाएंआगे भी और देखना चाहेंगे
हम तारीफ़ तो बाद में करेंगे पहिले ये बताइये कि इस कला को आप किस गुरु के मत्थे मढ़ेंगे?
जवाब देंहटाएंकृपया यह स्पष्ट करें कि कार्टूनिस्ट से हाथ कैसे धोते हैं? क्या यह टिप्पणी विवेक ने ही बेनामी के नाम से की है?
यह अवतार भी कम कहर नहीं ढायेगा ! जमे रहें । आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत खुब भाई, अच्छा प्रयास है।
जवाब देंहटाएंहो सकता है कि इस उभरते कार्टूनिस्ट के जरिए ही इन नेताओं का 'विवेक' जागृ्त हो जाए :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा ........बढिया है ......आगे भी इंतजार रहेगा.....शुभकामनाये!
जवाब देंहटाएं@ बेनामी,
जवाब देंहटाएंआपके कारण अनूप जी ने हम पर शक किया है, हम आपकी बात का जवाब नहीं दूँगा, क्या कल्लोगे ?
वैसे यह टिप्पणी यदि आप नाम से करते तो आपके व्यक्तित्व में चार चाँद हम लगा ही देते, चाहे हमें चार टकलों की बलि चढ़ानी पड़ती :)
@ अनूप जी,
इस कला को भी ऐसे किसी गुरु के हवाले करेगा जो वाकई हमारे कार्टूनिस्ट वाले दिल को प्रभावित करेगा, जैसा उन वाले गुरु ने अपनी काव्यमयी टिप्पणियों से कवि वाले दिल को प्रभावित किया और गुरु के सिंहासन पर कब्जा कर लिया, ऐसे ही इस पद की भर्ती भी हो ही जाएगी इंशाअल्ला!
बेनामी वाली टिप्पणी हमने नहीं की है, मासूम टिप्पणी थी इसलिए रोकी नहीं,हम करते तो इससे भी धांसू जवाब पहले ही सोचकर नहीं रखते क्या :)
एक नए कार्टूनिस्ट का जन्म मुबारक हो!
जवाब देंहटाएंइस मुद्दे पर हम महान विचारक सिद्धू जी महाराज का एक अमृत वचन ठेलने की अनुमति चाहते हैं. लीजिये अमृत. स्वामी जी उचारते हैं;
जवाब देंहटाएं"ओ गुरु, कार्टूनिस्ट, कम्यूनिस्ट और अनिष्ट होना उतना ही दुर्लभ है जितना हिमालय को खिसकाना...जितना राशन की दूकान से मिट्टी का तेल पाना... जितना कठिन है बद्रीनाथ जाना...एक कार्टूनिस्ट से हाथ धोने की बात करना वैसा ही है जैसे पकिस्तान में डेमोक्रेसी लाना...इसलिए चलता जा..अपने कर्म करता जा...किसी के हाथ धोने की बात मत कर...किसी के साथ होने की बात मत कर..."कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कभी गुड़ तो कभी चना नहीं मिलता."
देश के ''उभरते हुए कार्टूनिस्ट'' हमारी बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएं:)
किसे वोट देना है?
जवाब देंहटाएंविवेकजी, आज आपके कार्टून को देखकर मुझे अपने पहले कार्टून की याद आ गयी, मैंने भी कुछ इसी तरह से शुरुआत की थी, मैं नहीं जानता यह कार्टून आपने क्या सोचकर बनाया है? पर आपके कार्टून को देखकर मैं यह जरूर बता सकता हूँ की एक कार्टूनिस्ट के गुण आपमें मौजूद हैं, आप चाहें तो इस फिल्ड में उतर सकते हैं, समय के साथ-साथ सफलता मिलती जायेगी और कार्टूनों में निखार भी..शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंउभरते हुए कार्टूनिस्ट का स्वागत है ! बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंभाई कारटून में लल्लू या सल्लू है ?
जवाब देंहटाएंवाकई जोरदार है ....
बधाई
Aapka yebhee ek roop hai!
जवाब देंहटाएंएक छोटा -सा व्यंग चित्र बड़ी लम्बी kahanee सुना देता ...हँसते हँसाते ! व्यंग चित्र बनाना ज़बरदस्त कला है!
जवाब देंहटाएंAcha hai :)
जवाब देंहटाएंसब आपको नया कह रहे हैं, मुझे तो आप मंजे हुए cartoonist दिख रहे हो :)
जवाब देंहटाएंकार्टूनिष्ट जी को मेरा नमस्कार! बहुत सुन्दर कार्टून. मज़ा आ गया.
जवाब देंहटाएंनये कार्टूनिस्ट के जन्म पर बधाई।
जवाब देंहटाएंअरे विवेक भाई हम तो साबुन से हाथ धोते है, अब भला कार्टूनिस्ट से हाथ धो केसे धोये, बहुत चंगा बनाया हेंगा जी, बोत चंगा लगया.
जवाब देंहटाएंधन वाद
मजेदार...
जवाब देंहटाएंउभरते रहो, शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंउभरते हुए कार्टूनिस्ट को बहुत शुभकामनायें ...!!
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