लाइफ में रखिए सदा, पॉज़ीटिव ऐप्रोच ।
ओल्ड थॉट्स को बेचकर, ब्रिंग होम न्यू सोच ॥
ब्रिंग होम न्यू सोच, ज़माना नया आ गया ।
अखिल वर्ल्ड स्टोरी में, न्यू ट्विस्ट आ गया ॥
विवेक सिंह यों कहें, ओल्ड को अलग धरो जी ।
दिल कहता है, अब समथिंग डिफ़रेण्ट करो जी ॥
विवेक जी, आप आजकल रहते कहां हो? महीने बाद पधारे हो।
जवाब देंहटाएंमतलब समथिंग डिफ़रेण्ट तो नहीं कर रहे?
Different karen? Tippanee na den? Ha,ha! Dekhiye nahi di!
जवाब देंहटाएंबड़े दिन बाद आये ! नाराज थे क्या ?
जवाब देंहटाएं#$@# $*$^%*&* !@##@%+_{} @#$%$^ %&^*
जवाब देंहटाएं#$^$%&^%
1234 0740973 770-374 3413208 413297 4354
जवाब देंहटाएं45436
76878
0869
4325457
8
78
7
55665
8
7679226776987
+
आई करा समथिंग डिफरेंट...
जवाब देंहटाएंएन्जॉय...
accha jee ab samajh me aaya.....blog par hastakshar kyo nahee..............vaise paribhasha ke hisaab se sath saal se pooranee cheez antique ho jatee hai..............
जवाब देंहटाएंकर रहे है.. कर रहे है.. तनिक सांस तो लेने दीजिये..
जवाब देंहटाएंरंजन जी ने तो बिल्कुल ही डिफरेंट कर दिया..
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा सोच |
जवाब देंहटाएंसमथिंग डिफ़रेण्ट करो जी
जवाब देंहटाएंअजी हम तो सब कुछ ही डिफ़रेंट कर दे, लेकिन मोका ही नही मिलता
इ तो टू मच डिफ़रेंटिया दिए आप
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंआज तो वाकई डिफरेंट कर दिया जी आपने
जवाब देंहटाएंबहुत खूब आनंद आ गया जी
जवाब देंहटाएंशुरुआत किजीये
जवाब देंहटाएंशुरुआत किजीये
जवाब देंहटाएंभाई इफ़ेफ़्टिव पोस्ट दिये हो बधाईयां आभार भी
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