संभव है कि इस ब्लॉग पर लिखी बातें मेरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व न करती हों । यहाँ लिखी बातें विभिन्न दृष्टिकोणों से सोचने का परिणाम हैं । कृपया किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न रखें ।
मंगलवार, फ़रवरी 21, 2012
राष्ट्रीय एकता एवं प्रगति में हिन्दी भाषा का महत्व
इस निबंध को हिन्दी दिवस के अवसर पर नगर स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के लिए लिखा गया था । जब इसे प्रथम पुरस्कार मिल गया तो जनता की भारी माँग पर इसे यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।
विवेक जी मेरा नाम राजवीर सिंह है हम एक साहित्य पत्रिका सर्वोतम पत्र निकलते है पिछले डो साल से आपका लेख पढ़ा अच्छा लगा sarvotampatra@gmail.com ओर नंबर 9810857360 है आप हमे आपके लेख ओर आपका पता भेजे आपको हम पत्रिका भेजते है हम आपके लेख अपनी प्रतिका में प्रस्तुत करेंगे धन्यवाद
आपका यह निबंध बारहा पढने लायक है .हिंदी का अपना प्रवाह है जितना इसे दबाया जाता है यह आगे बढती है और अब तो कोई विज्ञापन हिंदी के बिना पूरा ही नहीं होता है .आजकल की कामकाजी मीडिया की भाषा है हिंदी .
Hindi Bhasha ko Adhik parbhavshali bnane ke liye Aap sabhi ka bar-bar dhanvad . mujhe hindhi kavita likhne ka bada hi shokh hai Aap meri kavitaon ko pfrkashit kar skate hai .
Ratan Sharma Hindi- PGT The Aditya Birla Public School GCW-Kovaya, Amreli, Gujarat-365541 Phone- 9427491297
विवेक सिंह जी जिसको न निज गौरव, न निज देश का, अभिमान है, वह नर नही, नर पशु निरा है, और मृतक समान है। इस कविता को मैथली शरण गुप्त ने लिखा है आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी नहीं । द्विवेदी जी गद्यकार थे पद्यकार नहीं ।
वाह ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया लेख है ..
अभी सरसरी निगाह से ही देखी हूं ..
पढती हूं अब गंभीरता से..
बहुत बहुत बधाई !!
बहुत बहुत धन्यवाद संगीता जी ।
हटाएंविवेक जी मेरा नाम राजवीर सिंह है हम एक साहित्य पत्रिका सर्वोतम पत्र निकलते है पिछले डो साल से आपका लेख पढ़ा अच्छा लगा sarvotampatra@gmail.com ओर नंबर 9810857360 है आप हमे आपके लेख ओर आपका पता भेजे आपको हम पत्रिका भेजते है हम आपके लेख अपनी प्रतिका में प्रस्तुत करेंगे धन्यवाद
हटाएंAmazing
हटाएंबहुत ही प्रभावशाली...
जवाब देंहटाएंहिंदी हमारे खून में हिमोग्लोबीन की तरह हैं .खून में हिंदी की कमी से राष्ट्र पंगु हो सकता है .खून में हिंदी का मान्य स्तर बनाए रखिये .
जवाब देंहटाएंये तो बहुत अच्छा लिख मारा जी। राइटिंग भी चकाचक है। बधाई फ़िर से। :)
जवाब देंहटाएंवाकई काविले तारीफ़ !
जवाब देंहटाएंआपका यह निबंध बारहा पढने लायक है .हिंदी का अपना प्रवाह है जितना इसे दबाया जाता है यह आगे बढती है और अब तो कोई विज्ञापन हिंदी के बिना पूरा ही नहीं होता है .आजकल की कामकाजी मीडिया की भाषा है हिंदी .
जवाब देंहटाएंसरसरी निगाह ही पड़ी है अभी
जवाब देंहटाएंदेखते/ पढ़ते/ ग्रहण करते हैं आराम से
पाबला किराना को देखते आ पहुंचे हम तो :-)
hindi ke samarthan me bade hi prabhavshali tareeke se aapne apna paksh rakha.
जवाब देंहटाएंHindi Bhasha ko Adhik parbhavshali bnane ke liye Aap sabhi ka bar-bar dhanvad . mujhe hindhi kavita likhne ka bada hi shokh hai Aap meri kavitaon ko pfrkashit kar skate hai .
जवाब देंहटाएंRatan Sharma
Hindi- PGT
The Aditya Birla Public School
GCW-Kovaya, Amreli, Gujarat-365541
Phone- 9427491297
Vivak bhi ji bhut hi gazab lekh likh likha hai apne.. kya baat hai,,
जवाब देंहटाएंwell done. dont know much abt hindi bt ab zarroor koshih rahegi
जवाब देंहटाएंबहुत खुद.. बहुत ही अच्छा निबंध है..
जवाब देंहटाएंबधाई
विवेक सिंह जी
जवाब देंहटाएंजिसको न निज गौरव, न निज देश का, अभिमान है,
वह नर नही, नर पशु निरा है, और मृतक समान है।
इस कविता को मैथली शरण गुप्त ने लिखा है आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी नहीं ।
द्विवेदी जी गद्यकार थे पद्यकार नहीं ।
Raj Kumar Mahto जी
हटाएंआपका हार्दिक धन्यवाद । कृपया यह भी बताएं कि मैथिलीशरण गुप्त जी ने यह पंक्तियाँ कहाँ लिखी हैं ?
nice one
जवाब देंहटाएंsuperb
बहुत ही सरस लेख, अति सुंदर लिखावट
जवाब देंहटाएंnice one
जवाब देंहटाएंsuperb
gst registration
अद्भुत विचार
जवाब देंहटाएंApne hindi bhasha ke mhattwa ke bare me bahut saras or spast likha h jo mere liye bahut helpful raha and apka bahut bahut dhanyabaad
जवाब देंहटाएंApne hindi bhasha ke mhattwa ke bare me bahut saras or spast likha h jo mere liye bahut helpful raha and apka bahut bahut dhanyabaad
जवाब देंहटाएंApne hindi bhasha ke mhattwa ke bare me bahut saras or spast likha h jo mere liye bahut helpful raha and apka bahut bahut dhanyabaad
जवाब देंहटाएंBahut accha h sir🙏🙏👍👍
जवाब देंहटाएंMost beautiful bahut achcha likha h aapne
जवाब देंहटाएंBahut acha h sir ji 🙏
जवाब देंहटाएंThank you