शनिवार, जनवरी 10, 2009

छीछालेदर हो गई

छीछालेदर हो गयी, खत्म हुई हडताल ।
कांग्रेस सरकार का, हुआ न बांका बाल ॥
हुआ न बांका बाल पड गए अफसर ढीले ।
त्राहि त्राहि मच गई हो गए कपडे गीले ॥
विवेक सिंह यों कहें जोश हो गया है ठण्डा ।
नए जमाने में न चला हडताली फण्डा ॥



पेश हैं कुछ हायकू
मुख्यमंत्री हैं ।
चुनाव हार गए ।
शर्म न आई ॥
हडताल की ।
मगर डर गए ।
वापस लेली ॥
जाडा ज्यादा है ।
बचके रहना जी ।
जुकाम न हो ॥
घोटाला किया ।
खुद उगल दिया ।
बेचारे राजू !!

25 टिप्‍पणियां:

  1. विवेक जी आपने कमाल कर दिया बहुत बडिया लगे रहिये बधाई

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  2. घोटाला किया ।
    खुद उगल दिया ।
    बेचारे राजू !!
    "ओये राजू ऐसा काम ना करियो, भांडा तो फुट जाता है....."
    regards

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  3. चारो हायकूस के लिए 100 नंबर... जबरदस्त जबरदस्त जबरदस्त..

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  4. हड़ताल का औचित्य समझ न आया। नेगोशियेशन में कुछ झटक पाये हों तो सामने नहीं आया। बाकी "त्राहि त्राहि मच गई हो गए कपडे गीले" तो जनता के हुये!

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  5. भईये रिकार्ड तोड़ लिख रहे हो नए साल मे इतनी तेज़ी कमाल है .

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  6. बहुत शानदार हायकू लिखी जी, बधाई.

    रामराम.

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  7. वाह हायकू पर भी बढि‍या हाथ आजमा रहे हैं।
    मजेदार।

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  8. बहोत खूब लिखा है पहली कविता तो क्या करार जवाब दिया है आपने वह मज़ा आगे विवेक भाई ,
    हाइकु भी कमल के है सरे के सरे...ढेरो बधाई कुबूल फरमाएं...



    अर्श

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  9. aapke IOCl me hone ke naate ham samajh sakte hain aapka gussa. waastav me hadtaliyon ki maang poori jaayaj hai..sarkaar ko mehnat karke profit kamaakar dene wali Companies ke employees ka dhyaan rakhna chahiye.

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  10. क्या बात है, हर शब्द इंकलाबी है!

    ---मेरा पृष्ठ
    गुलाबी कोंपलें

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  11. वाह! वाह!
    बहुत शानदार!
    हायकू तो गजब हैं.

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  12. सही रचयिता हो लिये हो आजकल हर विधा में. बधाई मित्र.

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  13. छीछालेदर हो गयी, खत्म हुई हडताल ।
    कांग्रेस सरकार का, हुआ न बांका बाल ॥
    बहुत सुंदर .....

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  14. सुन्दर हाइकू भी लिखते हैं, मालूम न था.
    बहुआयामी विवेक.

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  15. अच्छा लिखा आपने. आप और अच्छा लिख सकते है.
    विनोद श्रीवास्तव

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  16. बहुत ही शानदार लिखा है ये हाइकु क्या होती है आज पता चला है पहली बार देखि है

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  17. ख़ुद तेल वालों का
    निकल गया है तेल
    नाक कटाई आपनो
    हड़तलिया हुई गई फ़ेल


    बोलो.. हरि गंगा !

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  18. वाह! हायकू अच्छे पीटे। लगे रहो हायकू में। हड़ताली कविता भी शानदार है।

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  19. aap ne bahut accha likha hai,isi tarah sundarta se likhte rahe,isi asha me.

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  20. बहुत खूब विवेक जी!
    हाइकु जम गए जबरदस्त!

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