मंगलवार, अक्तूबर 05, 2010

भारत माता खुश हुई

खाता खोला स्वर्ण का, सही निशाना मार
बिन्द्रा-नारंग को कहें, बहुत बहुत आभार
बहुत बहुत आभार बनाया कीर्तिमान है
अर्जुन की इस मातृभूमि की बढ़ी शान है
विवेक सिंह यों कहें खुश हुई भारत माता
सही निशाना लगा स्वर्ण का खोला खाता

9 टिप्‍पणियां:

  1. पहले स्वर्ण कि आपको भी बधाई

    और अच्छी कविता के लिए साधुवाद.

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  2. CWG से अच्छी खबरें आने लगी है.. बधाई..

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  3. बहुत सुन्दर। स्वरण पदक की बधाई। आपका ये खाता बढता ही रहे। शुभकामनायें
    कृ्प्या इस ब्लाग को भी देखें
    http://veeranchalgatha.blogspot.com/

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  4. अच्छा तो तीर कलमाड़ी को ही लग ही गया मतलब..?

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  5. स्वर्ण का खाता खोला
    कलमाडी का भरता झोला :)

    बारह खून जो माफ़ होंगे!!!!!!

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  6. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। धन्यवाद

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