शुक्रवार, सितंबर 05, 2008

अरे क्या किया खिवैया

आप हमें हो ठग रहे, ठगे गए या आप
मनमोहन जी बोल दो,अब न रहो चुपचाप
अब न रहो चुपचाप,खोल दो बन्द लिफाफा
क्या दे आए अमरीका को, आप इस दफा
विवेक सिंह यों कहें,अरे क्या किया खिवैया ।
हमें उतारा पार, डुबा दी या फिर नैया ॥

10 टिप्‍पणियां:

  1. प्रोत्साहन हेतु आप का धन्यवाद .

    जवाब देंहटाएं

मित्रगण