सोमवार, सितंबर 08, 2008

सुनो भई साधो !

सुनो भई साधो ! अपने राज ठाकरे जी का तीर या दूसरे शब्दों बिच कहें तो तुक्का एकदम निशाने पर लगता नज़र आ रहा है . वैसे उनके खिलाफ मेरे द्वारा अपना शब्द के बेज़ा इस्तेमाल पर ठाकरे जी को आपत्ति हो सकती है . पर हम तो ठहरे वसुधैव कुटुम्बकम के कट्टर समर्थक . हाँ अगर थोडा सा हो हल्ला मचाने से हमारे भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमन्त्री बनने की कुछ संभावना बन जाय तो हम भी पीछे न रहें . पर एक तो हमारे उत्तर प्रदेश में बाहर के लोग आते ही नहीं हैं नौकरी करने . हम तो खुद ही दूसरे राज्यों में भटकते फिर रहे हैं . अब ये मत पूछ्ने लग जाना कि अभी कौन से राज्य में हैं ? पता चले कल को हमीं को धकियाया जा रहा है, न्यूज चैनल वाले कवर कर रहे हैं और हम बडे बेआबरू होकर तेरे कूचे से निकाले जा रहे हैं . हाँ तो हम बात कर रहे थे वसुधैव कुटुम्बकम के कट्टर समर्थक होने की . माफ करें हमें इस नाशपीटे कट्टर शब्द के स्थान पर कोई मुलायम शब्द न मिल सका . एक बार को अगर मान लिया जाय कि ये सब सोची समझी रणनीति है जिससे न केवल राज ठाकरे को महाराष्ट्र में फायदा होने वाला है बल्कि उत्तर प्रदेश मेँ समाजवादियों को होने वाले फायदे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता . तो भी इ घटिया राजनीति की खटिया खडी करने में जनता पीछे न रहेगी , ऐसा हमारा अटूट विश्वास है . आपका भी होगा .

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