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सोमवार, सितंबर 15, 2008
सिर्फ कपडे न बदलिए
चुनाव हारे तो बने, गृहमन्त्री तो आप किन्तु सीरियस ना हुए, यही बडा संताप यही बड़ा संताप, रहे अपने ही मद में अब तक तो कुछ नया न कर पाए संसद में विवेक सिंह यों कहें राष्ट्र को आप न छलिए गृहमन्त्री हैं आप सिर्फ कपड़े न बदलिए
चुनाव आएं तो आप कपडे् उतारने में मत चूकिए।
जवाब देंहटाएंजारी रखें..
जवाब देंहटाएंकथ्य अच्छा है.
शिल्प थोड़ा ध्यान मांग रहा है.
अन्यथा न लें..
निरन्तरता से सुधार होता ही है..